Education Policy 2020: यह कैसी पॉलिसी? नई शिक्षा नीति 2020 लागू पर न किताबों का भार कम हुआ न जेब का बोझ
शिक्षा पॉलिसी के तहत बस्ते का बोझ कम करने के आदेश हैं। स्कूल संचालकों ने नर्सरी क्लास के बच्चे के लिए 12 से 15 बुक लगाई हैं, ऐसे में बोझ कैसे कम होगा? जब NCERT की बुक्स लगाई गई है तो सपोर्टिंग बुक्स की जरूरत ही नहीं है। सपोर्टिंग बुक्स की कीमत बहुत ज्यादा होती है। मंच ने इस संबंध में शिकायत की तो एक बुक स्टोर पर कार्रवाई भी हुई है। निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने की जरूरत है।
बीएस विरदी, लीगल एडवाइजर, हरियाणा अभिभावक एकता मंच
सिलेबस में बदलाव
इस वर्ष स्कूलों में न्यू एजुकेशन पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए एडमिशन किए गए है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में स्कूल संचालकों ने निर्देश दिए हैं। नई पॉलिसी के तहत सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। जानकारी के मुताबिक, फॉउडेंशन स्टेज में सिलेबस में बदलाव किया गया है। यह बदलाव पहले की तुलना में बच्चों के लिए ज्यादा इंटरेक्टिव है।
मैं सेक्टर-23 से NIT पांच बुक लेने आया हूं। यहां 2000 रुपये की चार बुक ली हैं। स्कूल वालों ने यहीं से बुक लेने के लिए कहा। बच्चों की पढ़ाई दिन-प्रतिदिन महंगी होती जा रही है। हर साल नई किताब खरीदनी पड़ती है। पुरानी हटा दी जाती है। नई शिक्षा नीति के बावजूद बस्ते का बोझ कम नहीं हो रहा है। अधिक किताबें लगाई जा रही हैं।
प्रदीप, सेक्टर- 23
स्कूलों ने एक दुकान की हुई है सेट
बताया जा रहा है कि अधिकतर स्कूलों ने अलग-अलग दुकानें सेट की हैं। दुकानदार को बताया गया है कि अभिभावक को किस क्लास की कौन सी बुक देनी है। जानकारी के मुताबिक, एक नामी स्कूल के लिए नर्सरी क्लास की बुक्स की कीमत 1613, LKG की 2524, UKG की 2427, पहली क्लास की 4487, दूसरी की 4676, तीसरी की 5124, चौथी की 6408, पांचवीं की 6764, छठी की 7037, आठवीं की 6552 है। NCERT की बुक्स से इन किताबों की कीमत करीब दो से तीन गुना ज्यादा है।
इस बार फाउंडेशन स्टेज में पढ़ाने के तरीके में बदलाव है। सपोर्टिंग बुक्स लगाना गलत नहीं है। NCERT की बुक्स टफ होती है। इसमें कॉन्सेप्ट क्लियर होना थोड़ा मुश्किल होता है। बच्चों को ध्यान में रखते हुए सपोर्टिंग बुक्स लगाई जाती है। एक क्लास में यदि बुक्स ज्यादा है तो सभी बुक्स को एक ही दिन नहीं पढ़ाया जाएगा। टाइम-टेबल के अनुसार स्टूडेंट्स को बुक्स लाने के लिए कहा जाता है। ऐसे में बस्ते का बोझ अधिक नहीं होगा।
दीपिका शर्मा, प्रिंसिपल, ग्रैंड कोलंबस स्कूल
क्या कहता है नियम
नैशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से छात्रों के स्कूल बैग का वजन और होमवर्क कम किया जाएगा। एक से लेकर 10वीं कक्षा तक के छात्रों के बैग का वजन उनके वजन का 10% ही होना चाहिए। नई शिक्षा नीति 2022 के तहत बच्चों को वील कैरियर बैग लाने पर भी रोक लगाई जाएगी, क्योंकि इस बैग से बच्चों को चोट लगने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा सभी विद्यालयों में एक डिजिटल वेइंग मशीन रखने को भी कहा गया है, जिससे स्कूल बैग का वजन मॉनिटर किया जाना है।