E-Cycle Subsidy: ई-साइकल की सब्सिडी जाएगी सीधे आपके बैंक अकाउंट में

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E-Cycle Subsidy: ई-साइकल की सब्सिडी जाएगी सीधे आपके बैंक अकाउंट में

नई दिल्लीः दिल्ली में ई-साइकल सब्सिडी मॉडल के साथ-साथ सवारी एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जरूरी बनाने वाली पॉलिसी का जल्द ही नोटिफिकेशन किया जाएगा। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में तय किया गया कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरह ही ई-साइकल की सब्सिडी भी खरीदार के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन ई-साइकल के मॉडल पर सब्सिडी दी जाएगी, जिसे बैटरी के साथ-साथ पैडल से भी चलाया जा सकता है। ई- साइकल में इलेक्ट्रिक मोटर भी फिट होगी। मोटर का इस्तेमाल करके इसे इलेक्ट्रिक साइकल बना सकते हैं। वहीं अगर बैटरी खत्म हो जाती है तो इसे साधारण साइकल की तरह प्रयोग किया जा सकता है और पैडल से साइकल चलाई जा सकती है। कंपनी साइकल का चेसिस नंबर, फ्रेम और बैटरी नंबर देगी और डीलर के पास से ई-साइकल पोर्टल पर सारी जानकारी सब्मिट कर दी जाएगी, जिसके पास दिल्ली का आधार कार्ड होगा, उसको ई-साइकल सब्सिडी का फायदा मिलेगा। वहीं अब एग्रीगेटर्स (ई कॉमर्स कंपनी और लास्ट माइल डिलिवरी कंपनी) के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जरूरी बनाने वाली पॉलिसी भी जल्द ही लागू हो जाएगी और समीक्षा बैठक में इसको लेकर सामने आए नए सुझावों के बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।

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परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि ई-साइकल और एग्रीगेटर पॉलिसी को लेकर हुई समीक्षा बैठक में सब्सिडी मॉडल पर विस्तार से चर्चा की गई है और लोगों को ई-साइकल पर भी आसानी से सब्सिडी मिलेगी। चेसिस नंबर, फ्रेम नंबर, बैटरी नंबर के आधार पर सब्सिडी जारी की जाएगी, ताकि सब्सिडी के दुरुपयोग को लेकर कोई शिकायतें न हों। एक व्यक्ति को एक ई-साइकल पर सब्सिडी मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहली दस हजार पैंसेजर ई-साइकल पर 5500 रुपये की सब्सिडी मिलेगी और इसमें से पहली एक हजार साइकल की खरीद पर 2 हजार रुपये ज्यादा मिलेंगे। इस तरह से पहली एक हजार ई साइकल पर 7500 और बाकी 9 हजार साइकल पर 5500 रुपये दिए जाएंगे। सरकार की ओर से किन-किन ई-साइकल के मॉडल को मंजूरी दी जाएगी, इसकी जानकारी जल्द ही मिलेगी। जिस साइकल में बैटरी और पैडल दोनों होंगे, उन साइकल पर सब्सिडी दी जाएगी।

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एग्रीगेटर पॉलिसी को लेकर दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पहले 3 महीनों के भीतर एग्रीगेटर्स जो भी नई गाड़ियां खरीदें, उसमें से दस फीसदी इलेक्ट्रिक हों। एक साल के अंदर नए दोपहिया और तिपहिया वाहनों का 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन हों। एग्रीगेटर्स और डिलिवरी सर्विस कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अगले 3 महीनों में नए खरीदे जाने वाले दोपहिया गाड़ियों में से 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक गाड़ियां हों। लाइसेंस हासिल करने के दो साल के अंदर सभी नए दोपहिया वाहनों का 50 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना होगा। इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए लाइसेंस फीस नहीं होगी। यह पॉलिसी टू वीलर्, थ्री वीलर्स और फोर वीलर्स पर लागू होगी लेकिन बसें इस पॉलिसी के दायरे में नहीं होगी। एग्रीगेटर्स जो इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदेंगे, उनका कमर्शल रजिस्ट्रेशन होगा।

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