कुत्ते ने कराई गाड़ी की पार्किंग, देखें- वायरल हो रहा ‘भौंकने वाले सेंसर’ का वीडियो

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कुत्ते ने कराई गाड़ी की पार्किंग, देखें- वायरल हो रहा ‘भौंकने वाले सेंसर’ का वीडियो

कुत्ते ने कराई गाड़ी की पार्किंग, देखें- वायरल हो रहा ‘भौंकने वाले सेंसर’ का वीडियो

मालिक के घर की सुरक्षा करने से लेकर जासूसी तक के तमाम काम आपने कुत्तों को करते देखा होगा, लेकिन कुत्तों की मदद से कभी किसी को गाड़ी पार्क करते नहीं देखा होगा। ट्विटर पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कुत्ता पार्किंग सेंसर का काम करता दिख रहा है। Humor And Animals ट्विटर अकाउंट पर यह वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें पीछे खड़ा कुत्ता ड्राइवर को गाड़ी पार्क करने में मदद करता दिख रहा है। वीडियो में कुत्ता ड्राइवर को गाड़ी पीछे करना लगातार इशारा करता दिखता है और गाड़ी के फुटपाथ के निकट आने पर रुकने का संकेत करता है।

किसी भी नए ड्राइवर के लिए गाड़ी को पार्किंग में लगाना एक चैलेंज होता है। ऐसे में कुत्ते की मदद से गाड़ी को पार्क करना भी एक शानदार आइडिया है, जिसकी ट्विटर पर काफी लोग सराहना कर रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है कि सबसे अच्छा भौंकने वाला सेंसर जो आप हासिल कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। अब तक 28 हजार से ज्यादा लोग इस पोस्ट को रीट्वीट कर चुके हैं। इससे पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर कुत्ते, हाथी जैसे जानवारों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। 

जब धूमधाम से निकली कुत्ते की अंतिम यात्रा
बता दें कि हाल ही में बिहार के समस्तीपुर जिले में एक कुत्ते की अंतिम यात्रा धूमधाम से निकलने का मामला सामने आया था। समस्तीपुर के नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत होने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से उसको अंतिम विदाई दे पशु-प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है। बैंड-बाजा के बीच टोनी (कुत्ता) की शवयात्रा निकाली गई थी, जिसमे शामिल लोग कुत्ते को मरणोपरांत दिए जा रहे सम्मान के लिए नरेश साह की सराहना कर रहे थे। नरेश साह ने सोनपुर मेला से 12 साल पहले टोनी को अपने घर लाए थे। पेशे से ग्रामीण चिकित्सक नरेश कुमार साह बताते हैं कि करीब 12 साल पहले सोनपुर मेला से एक विदेशी नस्ल का कुत्ता खरीद कर लाए थे। 

डॉक्टर बोले, बचपन से ही प्यार से पाला था, परिवार का सदस्य था कुत्ता टोनी
बचपन से ही उसे बड़े प्यार से पाला था। घर के सदस्यों की तरह रहने वाला टोनी आसपास के लोगों की आंखों का भी तारा था। टोनी की मौत के बाद सबने मिलकर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके। टोनी की मौत के बाद उसके लिए अर्थी बनवायी और उसकी अंतिम यात्रा निकाली गयी, जिसमें उससे लगाव रखने वाले बहुत सारे लोग शामिल हुए। गंगा की सहायक वाया नदी किनारे टोनी को दफनाया गया।

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