पश्चिम बंगाल भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है. इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं. इसकी राजधानी कोलकाता है. इस राज्य मे 23 ज़िले है. यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है.
भारत की राजनीति में पश्चिम बंगाल बहुत महत्व रखता है. पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. इस बार के चुनाव में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में मुख्य संघर्ष दिखाई दे रहा है. दोनों पार्टियां अपनी अपनी जीत का दावा कर रही हैं. ममता बनर्जी 2011 से तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री का पद संभाल रही है. लेकिन क्या आजादी के बाद से पश्चिम बंगाल में BJP की सरकार बनी है इस सवाल के जवाब में आपको बता दें कि आजाद भारत के इतिहास में पश्चिम बंगाल में अभी तक BJP की सरकार नहीं बनी है.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस , कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) तथा तृणमूल कांग्रेस की ही पश्चिम बंगाल की राजनीति में दबदबा रहा है. वैसे बांग्ला कांग्रेस की तरफ से भी अजय कुमार मुखर्जी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. लेकिन जहां तक भारतीय जनता पार्टी की बात है, तो पश्चिम बंगाल में भारत की आजादी के बात उसकी सरकार नहीं बनी है.
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री के कार्यकाल की बात करें, तो सबसे लंबा कार्यकाल ज्योति बसु का रहा था. जिन्होंने लगभग 23 साल 4 महिने तक पश्चिम बंगाल का कार्यकाल संभाला. काफी लंबे समय तक वो कार्यकाल के मामले में इन्हें पूरे भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ. ये कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पार्टी से संबंध रखते थे.
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वर्तमान में भारत में सबसे लंबे समय तक पवन कुमार चामलिंग का स्थान आता है. पवन कुमार चामलिंग 25 वर्षों तक सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे. कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पार्टी की तरफ से पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु और बुद्धदेव भट्टाचार्य रहे हैं तथा तृणमूल कांग्रेस की तरफ से मुख्यंमत्री ममता बनर्जी रही हैं. अगर बंग्ला कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री की बात करें तो अजय कुमार मुखर्जी रहे हैं.