Delhi Strom: तूफान में उड़ी दिल्ली, सैकड़ों पेड़ गिरे, जामा मस्जिद का गुंबद गिरा, बालकनी गिरने से शख्स की मौत h3>
दिल्ली में सोमवार की शाम को जब अचानक मौसम ने करवट बदली, तो लोगों को लगा कि बारिश उनके लिए राहत लेकर आएगी, लेकिन वह आफत बनकर आई। तेज आंधी-तूफान में सैकड़ों पेड़, कई खंभे, घरों के छज्जे और टीन शेड से लेकर सड़कों पर रखे दिल्ली पुलिस के भारी भरकम बैरिकेड तक तिनके की तरह उड़ गए। लोग जान बचाने के लिए सिर छुपाने की सुरक्षित जगह ढूंढते नजर आए। इस बीच, जामा मस्जिद इलाके में 50 साल के शख्स पर बालकनी टूटकर गिर गई। डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दिया। वह घर के बाहर घूम रहे थे।
294 जगह गिरे पेड़, गाड़ियां डैमेज
मौसम के कहर का असली नजारा बारिश थमने के बाद सामने आया। दिल्ली का ऐसा कोई इलाका बाकी नहीं रहा, जहां पेड़ टूटकर ना गिरे हो। सबसे हरी-भरी नई दिल्ली में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और सैकड़ों पेड़ टूटकर गिरे। इसकी वजह से इन पेड़ों के नीचे खड़ी कई गाड़ियों को भी भारी नुकसान पहुंचा। शुरुआती आकलन में 100 से अधिक गाड़ियों के डैमेज होने की बात पता चली है। इनमें कई कारें, टू वीलर्स, ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शे शामिल थे। पेड़ टूटे, तो उनके आसपास लटकी बिजली, फोन, इंटरनेट और केबल टीवी की तारें भी टूट गईं, जिसके कारण कहीं बिजली सप्लाई ठप हो गई, तो कहीं टीवी और फोन बंद हो गए। मोबाइल सेवाओं पर भी इसका असर देखा गया। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि पेड़ टूटने के कारण वीआईपी मूवमेंट पर भी असर पड़ा। बीजेपी के कुछ नेताओं के डीडीयू मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में जाने का कार्यक्रम था, लेकिन पेड़ टूटने के बाद जगह-जगह भारी जाम लगने से वीआईपी मूवमेंट्स को स्थगित करना पड़ा। नई दिल्ली में तो ऐसी कोई सड़क नहीं बची, जहां पेड़ टूटकर ना गिरे हों।
विजय चौक पर तो हवा में उड़ गई ट्रैफिक पुलिस की छतरी
जनपथ पर सांसद प्रवेश साहिब सिंह के घर में लगा एक पेड़ टूटकर नीचे खड़ी गाड़ी पर जा गिरा, तो वहीं संसद मार्ग और अशोक रोड पर सरकारी दफ्तरों में खड़ी गाड़ियां टूटे पेड़ों की चपेट में आ गईं। विजय चौक पर तो ट्रैफिक पुलिस की छतरी तक हवा में उड़ गई, वहीं साउथ एक्सटेंशन में एक यूनिपोल गिरने से कई गाड़ियां डैमेज हो गईं। कुछ जगहों पर तो लोग बाल-बाल बचे। मंडी हाउस में श्रीराम सेंटर के पास चाय के जिस स्टॉल पर लोगों की भारी भीड़ रहती है, वहां एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया। वहीं सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की साइटों पर बैरिकेडिंग में लगी टीन की चादरें भी पत्तों की तरह उड़कर बिखर गईं। सीजीओ कॉम्प्लैक्स में सीबीआई मुख्यालय के पास भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला।
आंधी-तूफान में जामा मस्जिद का गुंबद गिरा
जामा मस्जिद की मीनारों और अन्य हिस्सों से पत्थर टूटकर गिरने से दो लोग घायल हो गए। मुख्य गुंबद का कलश नीचे गिर गया। ज्यादा नुकसान होने से इसे बचाने के लिए इसकी तत्काल मरम्मत करने की जरूरत है। मस्जिद के ढांचे के कुछ और पत्थर भी गिर गए। कलश का वजन लगभग 300 किलो है। पिछले साल जून में आंधी आने पर में जामा मस्जिद की दक्षिणी मीनार से कुछ पत्थर के टुकड़े गिर गए थे। वहीं, 2020 में भी मस्जिद को शहर में आए भूकंप से नुकसान हुआ था। इसके संरक्षकों ने कहा कि मस्जिद परिसर के गेट नंबर 3 के पास मीनार से पत्थर के कुछ टुकड़े गिर गए थे।
पत्तों की तरह उड़ गई सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगी टीन की चादरें
जनपथ पर सांसद प्रवेश साहिब सिंह के घर में लगा एक पेड़ टूटकर नीचे खड़ी गाड़ी पर जा गिरा, तो वहीं संसद मार्ग और अशोक रोड पर सरकारी दफ्तरों में खड़ी गाड़ियां टूटे पेड़ों की चपेट में आ गईं। विजय चौक पर तो ट्रैफिक पुलिस की छतरी तक हवा में उड़ गई, वहीं साउथ एक्सटेंशन में एक यूनिपोल गिरने से कई गाड़ियां डैमेज हो गईं। कुछ जगहों पर तो लोग बाल-बाल बचे। मंडी हाउस में श्रीराम सेंटर के पास चाय के जिस स्टॉल पर लोगों की भारी भीड़ रहती है, वहां एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया। वहीं सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की साइटों पर बैरिकेडिंग में लगी टीन की चादरें भी पत्तों की तरह उड़कर बिखर गईं। सीजीओ कॉम्प्लैक्स में सीबीआई मुख्यालय के पास भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला।
शख्स के ऊपर टूटकर गिरी बालकनी
भारी बारिश और आंधी के दौरान सड़क पर घूम रहे एक शख्स के ऊपर पड़ोसी की बालकनी टूटकर गिर गई। जख्मी कमल (50) को संजीवनी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दिया। डीसीपी (सेंट्रल) श्वेता चौहान ने बताया कि जामा मस्जिद निवासी कमल शाम करीब 4:00 बजे घर के बाहर घूम रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश और आंधी से पड़ोसी की दूसरी मंजिल की बालकनी टूटकर उनके ऊपर गिर गई। जख्मी हालत में उनके बेटे हिमांशु उन्हें अस्पताल ले गए। पुलिस ने बॉडी को कब्जे में ले लिया है, जिसको पोस्टमॉर्टम के लिए मॉर्चुरी में रखवा दिया गया है
घंटों ट्रैफिक जाम रहा, 8 फ्लाइटें नहीं उतर पाईं
तूफान थमने के बाद सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने और ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए ट्रैफिक पुलिस, पीडब्लूडी, एमसीडी, एनडीएमसी और अन्य एजेंसियों ने अपना काफी सारा स्टाफ सड़कों पर उतारा, लेकिन शाम के पीक आवर्स में ट्रैफिक अधिक होने के कारण लोग काफी देर तक जाम से जूझते नजर आए। आंधी तूफान का असर ईस्ट, सेंट्रल, साउथ और नई दिल्ली में अधिक देखने को मिला। खराब हुए मौसम का असर दिल्ली एयरपोर्ट पर भी पड़ा। इस कारण आठ फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर नहीं उतर पाई। इन्हें जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, अहमदाबाद और देहरादून एयरपोर्ट भेज दिया गया। हालांकि, लंबे समय तक मौसम के खराब ना रहने की वजह से किसी फ्लाइट को कैंसल करने की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन 30 से अधिक फ्लाइट डिले हो गई।
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294 जगह गिरे पेड़, गाड़ियां डैमेज
मौसम के कहर का असली नजारा बारिश थमने के बाद सामने आया। दिल्ली का ऐसा कोई इलाका बाकी नहीं रहा, जहां पेड़ टूटकर ना गिरे हो। सबसे हरी-भरी नई दिल्ली में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और सैकड़ों पेड़ टूटकर गिरे। इसकी वजह से इन पेड़ों के नीचे खड़ी कई गाड़ियों को भी भारी नुकसान पहुंचा। शुरुआती आकलन में 100 से अधिक गाड़ियों के डैमेज होने की बात पता चली है। इनमें कई कारें, टू वीलर्स, ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शे शामिल थे। पेड़ टूटे, तो उनके आसपास लटकी बिजली, फोन, इंटरनेट और केबल टीवी की तारें भी टूट गईं, जिसके कारण कहीं बिजली सप्लाई ठप हो गई, तो कहीं टीवी और फोन बंद हो गए। मोबाइल सेवाओं पर भी इसका असर देखा गया। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि पेड़ टूटने के कारण वीआईपी मूवमेंट पर भी असर पड़ा। बीजेपी के कुछ नेताओं के डीडीयू मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में जाने का कार्यक्रम था, लेकिन पेड़ टूटने के बाद जगह-जगह भारी जाम लगने से वीआईपी मूवमेंट्स को स्थगित करना पड़ा। नई दिल्ली में तो ऐसी कोई सड़क नहीं बची, जहां पेड़ टूटकर ना गिरे हों।
विजय चौक पर तो हवा में उड़ गई ट्रैफिक पुलिस की छतरी
जनपथ पर सांसद प्रवेश साहिब सिंह के घर में लगा एक पेड़ टूटकर नीचे खड़ी गाड़ी पर जा गिरा, तो वहीं संसद मार्ग और अशोक रोड पर सरकारी दफ्तरों में खड़ी गाड़ियां टूटे पेड़ों की चपेट में आ गईं। विजय चौक पर तो ट्रैफिक पुलिस की छतरी तक हवा में उड़ गई, वहीं साउथ एक्सटेंशन में एक यूनिपोल गिरने से कई गाड़ियां डैमेज हो गईं। कुछ जगहों पर तो लोग बाल-बाल बचे। मंडी हाउस में श्रीराम सेंटर के पास चाय के जिस स्टॉल पर लोगों की भारी भीड़ रहती है, वहां एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया। वहीं सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की साइटों पर बैरिकेडिंग में लगी टीन की चादरें भी पत्तों की तरह उड़कर बिखर गईं। सीजीओ कॉम्प्लैक्स में सीबीआई मुख्यालय के पास भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला।
आंधी-तूफान में जामा मस्जिद का गुंबद गिरा
जामा मस्जिद की मीनारों और अन्य हिस्सों से पत्थर टूटकर गिरने से दो लोग घायल हो गए। मुख्य गुंबद का कलश नीचे गिर गया। ज्यादा नुकसान होने से इसे बचाने के लिए इसकी तत्काल मरम्मत करने की जरूरत है। मस्जिद के ढांचे के कुछ और पत्थर भी गिर गए। कलश का वजन लगभग 300 किलो है। पिछले साल जून में आंधी आने पर में जामा मस्जिद की दक्षिणी मीनार से कुछ पत्थर के टुकड़े गिर गए थे। वहीं, 2020 में भी मस्जिद को शहर में आए भूकंप से नुकसान हुआ था। इसके संरक्षकों ने कहा कि मस्जिद परिसर के गेट नंबर 3 के पास मीनार से पत्थर के कुछ टुकड़े गिर गए थे।
पत्तों की तरह उड़ गई सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगी टीन की चादरें
जनपथ पर सांसद प्रवेश साहिब सिंह के घर में लगा एक पेड़ टूटकर नीचे खड़ी गाड़ी पर जा गिरा, तो वहीं संसद मार्ग और अशोक रोड पर सरकारी दफ्तरों में खड़ी गाड़ियां टूटे पेड़ों की चपेट में आ गईं। विजय चौक पर तो ट्रैफिक पुलिस की छतरी तक हवा में उड़ गई, वहीं साउथ एक्सटेंशन में एक यूनिपोल गिरने से कई गाड़ियां डैमेज हो गईं। कुछ जगहों पर तो लोग बाल-बाल बचे। मंडी हाउस में श्रीराम सेंटर के पास चाय के जिस स्टॉल पर लोगों की भारी भीड़ रहती है, वहां एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया। वहीं सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की साइटों पर बैरिकेडिंग में लगी टीन की चादरें भी पत्तों की तरह उड़कर बिखर गईं। सीजीओ कॉम्प्लैक्स में सीबीआई मुख्यालय के पास भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला।
शख्स के ऊपर टूटकर गिरी बालकनी
भारी बारिश और आंधी के दौरान सड़क पर घूम रहे एक शख्स के ऊपर पड़ोसी की बालकनी टूटकर गिर गई। जख्मी कमल (50) को संजीवनी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दिया। डीसीपी (सेंट्रल) श्वेता चौहान ने बताया कि जामा मस्जिद निवासी कमल शाम करीब 4:00 बजे घर के बाहर घूम रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश और आंधी से पड़ोसी की दूसरी मंजिल की बालकनी टूटकर उनके ऊपर गिर गई। जख्मी हालत में उनके बेटे हिमांशु उन्हें अस्पताल ले गए। पुलिस ने बॉडी को कब्जे में ले लिया है, जिसको पोस्टमॉर्टम के लिए मॉर्चुरी में रखवा दिया गया है
घंटों ट्रैफिक जाम रहा, 8 फ्लाइटें नहीं उतर पाईं
तूफान थमने के बाद सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने और ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए ट्रैफिक पुलिस, पीडब्लूडी, एमसीडी, एनडीएमसी और अन्य एजेंसियों ने अपना काफी सारा स्टाफ सड़कों पर उतारा, लेकिन शाम के पीक आवर्स में ट्रैफिक अधिक होने के कारण लोग काफी देर तक जाम से जूझते नजर आए। आंधी तूफान का असर ईस्ट, सेंट्रल, साउथ और नई दिल्ली में अधिक देखने को मिला। खराब हुए मौसम का असर दिल्ली एयरपोर्ट पर भी पड़ा। इस कारण आठ फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर नहीं उतर पाई। इन्हें जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, अहमदाबाद और देहरादून एयरपोर्ट भेज दिया गया। हालांकि, लंबे समय तक मौसम के खराब ना रहने की वजह से किसी फ्लाइट को कैंसल करने की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन 30 से अधिक फ्लाइट डिले हो गई।