Delhi Street Food: इंदौर के सर्राफा बाजार को मात देती है सीताराम बाजार की चाट-पापड़ी h3>
अभी दो दिन और रहेगी रौनक
यूं तो सीताराम बाजार में रोजाना ही खाने-पीने वालों की रौनक रहती है, लेकिन देर रात तक चलने वाला यह सिलसिला अभी दो दिन तक और जारी रहेगा। आज शाम को यहां श्रीरामलीला कमिटी (रजि) भरत मिलाप की झांकी निकलेगी, उसके बाद टाउन हॉल में श्री राम के राज्याभिषेक के साथ रामलीला संपन्न होगी। वहीं कल यानी शुक्रवार को श्रीधार्मिक लीला कमिटी की ओर से भरत मिलाप की यात्रा के बाद से खाने पीने का बाजार सिमटने लगेगा। ऐसे में अगर आप खाने-पीने के शौकीन हैं, तो एक बार जरूर जाएं।
सब शाकाहारी
सीताराम बाजार में लगने वाली स्ट्रीट फूड की सभी दुकानों पर शाकाहारी आइटम ही मिलते हैं। इनमें चाट-पापड़ी, पाव भाजी, काठी कबाब, फ्रूट कुलिया, फ्रूट रोलर आइसक्रीम, पनीर टिक्की, भरवां गोल गप्पे की चाट और चुस्की खासी फेमस है। तंदूरी आइटम्स की भी बहार है।
एक नजर इंदौरी अंदाज पर
रोज रात करीब 8 बजे के आसपास इंदौर का सर्राफा बाजार अपना रूप बदल लेता है। दिन में जहां सोना चांदी और हीरे जवाहरात का सौदा होता है, उन्हीं दुकानों के शटर डाउन होते ही उनके सामने चाट बाजार सज जाता है। इसे देश के पहले नाइट स्ट्रीट फूड मार्केट के तौर पर जाना जाता है। इंदौर के स्ट्रीट फूड की जड़ें राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के व्यंजनों पर आधारित हैं। करीब 20-30 फीट चौड़ी इस गली में आपको हर तरह का शाकाहारी स्ट्रीट फूड मिल जाता है। इंदौर की 56 दुकान का जॉनी हॉटडॉग तक यहां मिल जाती है जिसे एशिया पेसिफिक की सबसे लोकप्रिय डिश का खिताब मिला है।
रामलीला से रौनक
श्री राम लीला कमिटी (रजिस्टर्ड) के जॉइंट सेक्रेट्री और लीला इंचार्ज शिवकुमार गुप्ता ने बताया कि यह पूरे भारतवर्ष की एकमात्र रामलीला है, जिसमें 11 दिन तक रामलीला की 22 झांकियां निकलती हैं। नवरात्र से हर रोज मंचन होने वाली लीला की पहले झांकी दिखाई जाती है। उन किरदारों को सवारी में शामिल किया जाता है, जो आज के मंचन में रहेंगे। करीब 100 साल से बिना टूटे यह सिलसिला चल रहा है। शुरुआत पुराने जमाने में ट्राम के रूट से हुई थी। 2019 में चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के समय इस मार्ग को बदलकर जामा मस्जिद से किया गया था। रामलीला की सवारी चांदनी चौक की साइकल मार्केट से शुरू होकर फव्वारा चौक, टाउन हॉल, नई सड़क, हौजकाजी से हमदर्द चौक होते हुए रामलीला मैदान आती है। रामलीला खत्म होने के बाद इसी रूट से यह वापस जाती है। झांकियां एकादशी के दिन भरत मिलाप के साथ पूरी होती हैं। आखिरी दिन राज्याभिषेक टाउन हॉल में होता है। कमिटी के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के मुताबिक, रामलीला सामाजिक सौहार्द की लीला है। इस लीला को देखने आने वाले दर्शकों में 30 प्रतिशत मुस्लिम हैं।