Delhi-NCR School Reopen: गर्मी की छुट्टियों के बाद फिर खुलने को तैयार हैं स्कूल, कोरोना के बढ़ते मामले दे रहे टेंशन h3>
नई दिल्ली: दिल्ली- एनसीआर में गर्मी की छुट्टियों के बाद एक जुलाई से स्कूल खुलने वाले (Delhi-NCR School Reopen Date) हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने (Corona Cases In Delhi-NCR) अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन प्रिंसिपल का कहना है कि ऑफलाइन पढ़ाई में अब और बाधा पैदा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए छात्रों को वैश्विक महामारी के साथ जीना सिखाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य अल्का कपूर ने कहा, ‘स्कूल गर्मी की छुट्टियों के बाद एक जुलाई से खुलने वाले हैं। ऐसे में कोविड के बढ़ते मामले अभिभावकों के लिए फिर से चिंता का बड़ा कारण बन गए हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि वह पढ़ाई में अब और बाधा नहीं चाहती तथा छात्रों एवं अध्यापकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शिक्षा को जारी रखना उसका लक्ष्य है।’
‘हमें कोरोना के साथ रहना सीखना होगा’
अल्का कपूर ने कहा कि कोरोना वायरस नए खतरे पैदा कर रहा है, लेकिन छात्रों के माता-पिता को यह समझने की आवश्यकता है कि वैश्विक महामारी अब स्थानीय महामारी के चरण में प्रवेश करने वाली है और लोगों को इसके साथ रहना सीखना होगा। शहर के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को बताया था कि दिल्ली में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,060 नए मामले सामने आए और छह मरीजों की मौत हो गई। यह गत चार महीने में दैनिक संक्रमण की सर्वाधिक संख्या है और संक्रमण की दर बढ़कर 10.09 प्रतिशत हो गई है। इस वर्ष 24 जनवरी को संक्रमण की दर 11.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
‘हमने कोरोना प्रोटोकॉल का किया पालन’
दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), गाजियाबाद की प्रधानाचार्य पल्लवी उपाध्याय ने कहा, ‘अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर माता-पिता की चिंताएं वाजिब हैं और हमने कोविड के मामलों में अचानक वृद्धि के बीच उनकी आशंकाओं को दूर करने का व्यक्तिगत प्रयास किया है।’उन्होंने कहा, ‘हमने कोविड से सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया है, फिर चाहे वह समय-समय पर नियमित सफाई करना हो, हैंड सैनेटाइजर उपलब्ध कराना हो या बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाना हो।’
पल्लवी उपाध्याय ने कहा कि कक्षाओं में मास्क पहनना अनिवार्य है और गर्मी के कारण खेल के मैदान एवं परिसर के बाहरी क्षेत्र में जाना प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा, ‘हमने एक विशेष स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया है, जिसे अस्वस्थ छात्रों की देखभाल करने और अत्यंत सावधानी से उनका उपचार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।’
रोहिणी स्थित मांगे राम गोयल स्कूल की प्रधानाचार्य अंशु मित्तल ने कहा कि दो साल के अंतराल के बाद स्कूल खुलने पर अभिभावकों का अनुभव काफी अच्छा रहा और वे छुट्टियों के बाद अपने बच्चों को पुन: स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह स्कूल पुन: खुलने पर कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेंगी। आपको बता दें कि कोविड-19 के कारण लंबे समय तक बंद रखने के बाद स्कूलों में इस साल एक अप्रैल से पूर्णयत: ऑफलाइन कक्षाएं आरंभ कर दी गई थीं।
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अल्का कपूर ने कहा कि कोरोना वायरस नए खतरे पैदा कर रहा है, लेकिन छात्रों के माता-पिता को यह समझने की आवश्यकता है कि वैश्विक महामारी अब स्थानीय महामारी के चरण में प्रवेश करने वाली है और लोगों को इसके साथ रहना सीखना होगा। शहर के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को बताया था कि दिल्ली में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,060 नए मामले सामने आए और छह मरीजों की मौत हो गई। यह गत चार महीने में दैनिक संक्रमण की सर्वाधिक संख्या है और संक्रमण की दर बढ़कर 10.09 प्रतिशत हो गई है। इस वर्ष 24 जनवरी को संक्रमण की दर 11.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
‘हमने कोरोना प्रोटोकॉल का किया पालन’
दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), गाजियाबाद की प्रधानाचार्य पल्लवी उपाध्याय ने कहा, ‘अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर माता-पिता की चिंताएं वाजिब हैं और हमने कोविड के मामलों में अचानक वृद्धि के बीच उनकी आशंकाओं को दूर करने का व्यक्तिगत प्रयास किया है।’उन्होंने कहा, ‘हमने कोविड से सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया है, फिर चाहे वह समय-समय पर नियमित सफाई करना हो, हैंड सैनेटाइजर उपलब्ध कराना हो या बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाना हो।’
पल्लवी उपाध्याय ने कहा कि कक्षाओं में मास्क पहनना अनिवार्य है और गर्मी के कारण खेल के मैदान एवं परिसर के बाहरी क्षेत्र में जाना प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा, ‘हमने एक विशेष स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया है, जिसे अस्वस्थ छात्रों की देखभाल करने और अत्यंत सावधानी से उनका उपचार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।’
रोहिणी स्थित मांगे राम गोयल स्कूल की प्रधानाचार्य अंशु मित्तल ने कहा कि दो साल के अंतराल के बाद स्कूल खुलने पर अभिभावकों का अनुभव काफी अच्छा रहा और वे छुट्टियों के बाद अपने बच्चों को पुन: स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह स्कूल पुन: खुलने पर कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेंगी। आपको बता दें कि कोविड-19 के कारण लंबे समय तक बंद रखने के बाद स्कूलों में इस साल एक अप्रैल से पूर्णयत: ऑफलाइन कक्षाएं आरंभ कर दी गई थीं।