Delhi-Mumbai Expressway: आज दुनिया देखेगी भारत की चमक… शुरू होगा तरक्की का एक्सप्रेसवे, पीएम नरेंद्र मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

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Delhi-Mumbai Expressway: आज दुनिया देखेगी भारत की चमक… शुरू होगा तरक्की का एक्सप्रेसवे, पीएम नरेंद्र मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

Delhi-Mumbai Expressway: आज दुनिया देखेगी भारत की चमक… शुरू होगा तरक्की का एक्सप्रेसवे, पीएम नरेंद्र मोदी दिखाएंगे हरी झंडी


दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा और इसकी कुल लंबाई लगभग 1,390 किलोमीटर है। इसे जर्मन तकनीक से बनाया जा रहा है और अगले 50 साल तक इसमें कोई टूट-फूट नहीं होगी। इसमें कुल 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल हो रहा है जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है। साथ ही इस प्रोजेक्ट में 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी और करीब 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल हो रहा है। देश का पहला इलेक्ट्रिक हाइवे भी इस पर ही बन रहा है। इसमें गाड़ियां चलते-चलते रिचार्ज होंगी। अभी यह एक्सप्रेस आठ लेन का है लेकिन भविष्य में इसे बढ़ाकर 12 लेन का किया जा सकता है। इस एक्सप्रेसवे पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चलेंगी। आखिर इस एक्सप्रेसवे में ऐसा क्या खास है कि पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है?

तरक्की का एक्सप्रेसवे

यह छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा। यह एशिया का पहला ऐसा हाइवे है जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास (Green Overpass) की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor) का भी विकास किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह एक्सप्रेसवे सही मायनों में देश की प्रगति का एक्सप्रेसवे (Expressway of Progress) साबित होगा।

किन शहरों को होगा फायदा

किन शहरों को होगा फायदा

इस एक्सप्रेसवे को भारतमाला परियोजना के पहले चरण के हिस्से के रूप में बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे इन शहरों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।

कब तक खुलेगा पूरा एक्सप्रेसवे

कब तक खुलेगा पूरा एक्सप्रेसवे

यह पूरा एक्सप्रेसवे अगले साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। सोहना-दौसा खंड के खुलने से दिल्ली और जयपुर के बीच सफर का समय घटकर लगभग दो घंटे हो जाएगा। दिल्ली और जयपुर के बीच की दूरी लगभग 270 किमी है। सोहना- दौसा खंड दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का पहला चरण है। सोहना-दौसा स्ट्रेच को दिसंबर 2021 तक पूरा होना था मगर कोरोना महामारी के कारण इसका काम प्रभावित हुआ। NHAI ने इस पूरे स्ट्रेच पर करीब डेढ़ लाख पौधे लगाए हैं। पूरे स्ट्रेच पर सीसीटीवी सर्विलांस है जिसके जरिए ट्रैफिक उल्लंघन से लेकर किसी तरह के हादसे और क्राइम पर नजर रखी जा सकेगी।

सालाना 3200 करोड़ रुपये की बचत

-3200-

इस एक्सप्रेसवे पर हैलीपैड भी बनाने की योजना है। इससे दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा। यह एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल है। इसका मतलब है कि हाइवे के बीच में एक तरफ से दूसरी तरफ कोई भी आ जा नहीं सकेगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद फ्यूल की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी भी आएगी। इससे सालाना करीब 3200 करोड़ रुपये की बचत होगी। साथ ही कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। यह पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होगा। हाइवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम होगा। साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है।

टोल वसूलने का तरीका

टोल वसूलने का तरीका

इस एक्सप्रेसवे पर टोल वसूलने के लिए भी खास तरीका अपनाया गया है। इस पर आपको केवल उतना ही टोल का भुगतान करना होगा जितने किलोमीटर आपकी गाड़ी चलेगी। इसमें एक खासियत यह है कि एंट्री करते समय कोई टोल नहीं लगेगा। इससे एग्जिट करते समय टोल का भुगतान करना होगा। एक्सप्रेसवे पर 93 स्थानों पर रेस्ट एरिया बनाए जाएंगे। यानी हर 50 किलोमीटर पर रेस्ट एरिया होगा। इनमें पेट्रोल पंप, मॉटेल, रेस्ट एरिया, रेस्टोरेंट्स और दुकानें होंगी। बच्चों के खेलने के लिए फन पार्क और झूले लगे रहेंगे। यानी आप पिकनिक मनाते हुए दिल्ली से मुंबई का सफर कर सकते हैं।

गाड़ी रोकी तो कट जाएगा चालान

गाड़ी रोकी तो कट जाएगा चालान

इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भरेंगी। लेकिन आप कहीं भी तकनीकी खामी के बिना गाड़ी नहीं रोक सकते हैं। ऐसा करने पर आपका चालान कट जाएगा। गाड़ी को केवल रेस्ट एरिया में ही रुकने की अनुमति होगी। ओवरस्पीड पर नजर रखने के लिए जगह-जगह स्पीड गवर्नर लगाए गए हैं। अगर कोई तेज स्पीड में गाड़ी चलाएगा तो उसका ऑनलाइन चालान कट जाएगा। मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा और तुरंत जुर्माना भी वसूल कर लिया जाएगा।

ग्रीन ओवरपास

ग्रीन ओवरपास

हाइवे के दोनों तरफ बैरिकेडिंग की गई है ताकि आवारा जानवर सड़क पर ना जा पाएं। यह एशिया का पहला ऐसा हाइवे हैं जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा दी जाएगी। इसके अंतर्गत आठ लेन की दो सुरंग बनाई जाएगी। इनमें से एक सुरंग पहले राजस्थान के मुकुंदरा सेंक्चुरी के नीचे से बनाई जा रही है। दूसरी सुरंग महाराष्ट्र के माथेरान ईको सेंसिटिव जोन में बनाई जाएगी। इसकी लंबाई भी चार किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे का 160 किमी हिस्सा हरियाणा में, 374 किमी हिस्सा राजस्थान में, 245 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश में और 423 किमी लंबा हिस्सा गुजरात में है।

फाइटर प्लेन उतरेंगे

फाइटर प्लेन उतरेंगे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आपात स्थिति में इस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकेंगे। इस सड़क को रोड रनवे के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे पर सोहना के अलीपुर से मुंबई के बीच करीब 55 स्थानों पर ऐसे हिस्से विकसित किए जा रहे हैं, जहां फाइटर प्लेन को आसानी से उतारा जा सके। अलीपुर से दौसा तक करीब 296 किलोमीटर के सेक्शन में ही करीब 10 ऐसे हिस्से हैं, जहां फाइटर प्लेन आसानी से उतारे जा सकते हैं।

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