Delhi Metro News: अब देश में बने सिस्टम से कंट्रोल होगी दिल्ली मेट्रो, जानें क्या है i-ATS
दूसरी लाइनों पर भी लगेगी यह तकनीक
डीएमआरसी के अनुसार रेड लाइन से शुरुआत करने के बाद अब आई-एटीएस प्रणाली को दिल्ली मेट्रो के अन्य परिचालित कॉरिडोर के साथ फेज-4 परियोजना के अलग कॉरिडोर में भी प्रयोग किया जाएगा। आई-एटीएस की मदद से प्रिवेंटिव मेंटिनेंस मॉडयूल को फेज-4 परियोजना के कॉरिडोर में लागू किया जाएगा। इसके अलावा इस आई-एटीएस को रेल आधारित अन्य प्रणालियों के साथ भारतीय रेल के परिचालन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तकनीक के विभिन्न सिग्नलिंग वेंडर सिस्टम में उपुयक्त आंशिक परिवर्तन करके इसे विकसित किया गया है।
दूसरे देशों पर निर्भरता होगी काफी कम
आई-एटीएस सिस्टम मेट्रो के लिए स्वदेशी निर्मित सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) आधारित सिग्नलिंग प्रणाली के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। एटीएस (स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) सीबीटीएस सिग्नलिंग प्रणाली की एक महत्वपूर्ण उप प्रणाली है। एटीएस एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली है, जो ट्रेन संचालन का प्रबंधन करती है। अब आई-एटीएस के उपयोग से आने वाले समय में ऐसी तकनीक मुहैया कराने वाले विदेशी वेंडर पर भारतीय मेट्रो की निर्भरता काफी कम होगी।
डीएमआरसी के आईटी पार्क में बनाई गई लैब
प्रोजक्ट को आगे बढ़ाने के लिए डीएमआरसी और बीईएल ने नवंबर 2022 में एक एमओयू पर साइन किए थे। डीएमआरसी और बीईएल की एक टीम ने परिचालन तकनीक तैयार करने के लिए एक साथ मिलकर काम किया। साइट की जरूरतों को पूरा करने के लिए डीएमआरसी के आईटी पार्क में एक पूर्व विकसित आई-एटीएस लैब स्थापित की गई है। इसे सीबीटीसी विकास प्रणाली के विकास के लिए डिवेलप किया जा रहा है।