Delhi Metro MD: मेट्रो चीफ के सेलेक्शन पर फिर आमने-सामने हो सकते हैं दिल्ली और केंद्र सरकार h3>
नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) के बाद केंद्र और दिल्ली सरकार (Central And State Government) में फिर टकराव हो सकता है। इस बार वजह दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) के नए प्रबंध निदेशक (MD) के चयन के लिए बनी सेलेक्शन कमिटी बन सकती है। इस बार सेलेक्शन कमिटी किसी अफसर की जगह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अगुवाई में बनाई गई है और इसकी पहली मीटिंग भी सोमवार को बुलाई गई है। कमिटी में केंद्र सरकार का कोई अधिकारी न होने की वजह से अब आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस पर सवाल उठा दिए हैं।
कमिटी पर पुनर्विचार होना चाहिए
केंद्र का कहना है कि इससे पहले 2011 में जब एमडी के चयन के लिए कमिटी बनाई गई थी तो उसमें केंद्रीय शहरी विकास सचिव भी थे लेकिन इस बार केंद्र की ओर से किसी को भी इस कमिटी में नहीं रखा गया है इसलिए इस कमिटी पर पुनर्विचार होना चाहिए। उधर दिल्ली सरकार का स्टैंड है कि जब एमडी दिल्ली सरकार का प्रतिनिधि होता है तो उसके चयन का अधिकार भी उसे ही है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय के सचिव ने मनोज जोशी ने इस मामले में शुक्रवार को ही दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी विजय देव को पत्र लिखा है। इस पत्र में जोशी ने 2011 की याद दिलाते हुए कहा है कि उस वक्त दिल्ली मेट्रो के नए एमडी के चयन के लिए जो सेलेक्शन कमिटी बनी थी, उसमें तत्कालीन शहरी विकास सचिव सुधीर कृष्णा, दिल्ली के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी पी.के. त्रिपाठी और दिल्ली मेट्रो के उस वक्त के एमडी डॉ. ई. श्रीधरन (E Sridharan) थे।
जोशी ने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली मेट्रो न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे एनसीआर के लोगों के लिए लाइफ लाइन है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण आर्गनाइजेशन की कमान के लिए इस क्षेत्र के किसी अनुभवी का चयन होना चाहिए। इस पद के लिए चुना गया व्यक्ति राजनीतिक अपॉइंटी नहीं होना चाहिए। उन्होंने ये भी लिखा है कि नियमानुसार चयन किए गए एमडी के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी भी लेना अनिवार्य है।
सोमवार को होगी कमेटी की बैठक
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने दो मार्च को दिल्ली मेट्रो के एमडी की नियुक्ति के लिए सेलेक्शन कमिटी बना दी थी। इस कमिटी का चेयरमैन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बनाया गया है जबकि ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot), दिल्ली के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी सत्यगोपाल और वर्लड रिसोर्सेस इंस्टीटयूट के सीईओ ओ.पी. अग्रवाल को सदस्य रखा गया है। इस कमिटी की सोमवार को बैठक होने जा रही है।
उधर इस मामले में दिल्ली सरकार का पहले से ही ये स्टैंड रहा है कि जब एमडी, दिल्ली सरकार का प्रतिनिधि होता है तो उसके चयन का अधिकार भी उसे ही है। दिल्ली मेट्रो के मौजूदा एमडी मंगू सिंह का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है लेकिन फिलहाल उन्हें नए एमडी के चयन तक एक्सटेंशन दिया गया है।
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केंद्र का कहना है कि इससे पहले 2011 में जब एमडी के चयन के लिए कमिटी बनाई गई थी तो उसमें केंद्रीय शहरी विकास सचिव भी थे लेकिन इस बार केंद्र की ओर से किसी को भी इस कमिटी में नहीं रखा गया है इसलिए इस कमिटी पर पुनर्विचार होना चाहिए। उधर दिल्ली सरकार का स्टैंड है कि जब एमडी दिल्ली सरकार का प्रतिनिधि होता है तो उसके चयन का अधिकार भी उसे ही है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय के सचिव ने मनोज जोशी ने इस मामले में शुक्रवार को ही दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी विजय देव को पत्र लिखा है। इस पत्र में जोशी ने 2011 की याद दिलाते हुए कहा है कि उस वक्त दिल्ली मेट्रो के नए एमडी के चयन के लिए जो सेलेक्शन कमिटी बनी थी, उसमें तत्कालीन शहरी विकास सचिव सुधीर कृष्णा, दिल्ली के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी पी.के. त्रिपाठी और दिल्ली मेट्रो के उस वक्त के एमडी डॉ. ई. श्रीधरन (E Sridharan) थे।
जोशी ने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली मेट्रो न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे एनसीआर के लोगों के लिए लाइफ लाइन है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण आर्गनाइजेशन की कमान के लिए इस क्षेत्र के किसी अनुभवी का चयन होना चाहिए। इस पद के लिए चुना गया व्यक्ति राजनीतिक अपॉइंटी नहीं होना चाहिए। उन्होंने ये भी लिखा है कि नियमानुसार चयन किए गए एमडी के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी भी लेना अनिवार्य है।
सोमवार को होगी कमेटी की बैठक
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने दो मार्च को दिल्ली मेट्रो के एमडी की नियुक्ति के लिए सेलेक्शन कमिटी बना दी थी। इस कमिटी का चेयरमैन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बनाया गया है जबकि ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot), दिल्ली के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी सत्यगोपाल और वर्लड रिसोर्सेस इंस्टीटयूट के सीईओ ओ.पी. अग्रवाल को सदस्य रखा गया है। इस कमिटी की सोमवार को बैठक होने जा रही है।
उधर इस मामले में दिल्ली सरकार का पहले से ही ये स्टैंड रहा है कि जब एमडी, दिल्ली सरकार का प्रतिनिधि होता है तो उसके चयन का अधिकार भी उसे ही है। दिल्ली मेट्रो के मौजूदा एमडी मंगू सिंह का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है लेकिन फिलहाल उन्हें नए एमडी के चयन तक एक्सटेंशन दिया गया है।
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