Delhi Metro: यात्रियों की तकलीफ-मेट्रो का क्राइसिस मैनेजमेंट आखिर फेल क्यों हो जाता है? h3>
नई दिल्ली: रात 11 बजे, घुप्प अंधेरा। यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के बाहर लोग संभल-संभल कर कदम रखते हुए सड़क की ओर बढ़ रहे थे। रोड पर पहुंचने के बाद भी काफी देर तक लोगों को ऑटो या टैक्सी नहीं मिली। खासतौर से महिलाओं के लिए दिल्ली मेट्रो का इतनी देर रात तक खराब हो जाना किसी डरावने सपने जैसा भयानक था। सोमवार को दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर आया संकट देर रात तक चला। मंगलवार को एनबीटी ने कई भुक्तभोगियों से बात की। सबका कहना था कि डीएमआरसी का क्राइसिस मैनेजमेंट पूरी तरह से फेल था।
पक्षी के टकराने से तार टूट जाने से आई तकनीकी बाधा की जानकारी डीएमआरसी को सोमवार शाम साढ़े छह बजे के करीब ही हो गई थी। उस वक्त कहा गया था कि रात आठ बजे तक तकनीकी खामी दूर कर ली जाएगी। बाद में यह दावा भी किया गया कि दिक्कत खत्म हो गई है। यह दावा गलत साबित हुआ। लोग बाद में भी अलग अलग स्टेशनों पर फंसे हुए थे। उनके पास सही जानकारी ही नहीं थी कि समस्या कितनी देर तक चलेगी। खराबी ठीक नहीं हो पा रही थी। रात 9:35 पर डीएमआरसी ने फिर ट्वीट किया कि ब्लू लाइन पर फिर से खराबी आ गई है। इसके बाद लोग काफी परेशान हुए। खासतौर से कामकाजी महिलाओं और लड़कियों के लिए तो बड़ी मुसीबत थी। अलग-अलग स्टेशनों पर ऑटो और टैक्सियों की ओवर चार्जिंग भी शुरू हो गई।
सबसे ज्यादा परेशानी यमुना बैंक स्टेशन पर उतरने वालों को थी। एक यात्री का कहना था कि हमें तो यहां के बारे में मालूम ही नहीं था कि बाहर इतना अंधेरा होगा और टैक्सी मिलने में इतनी ज्यादा समस्या होगी। स्थानीय लोगों का कहना था कि इस स्टेशन पर तो दिन के वक्त भी डीटीसी और क्लस्टर की इक्का दुक्की बसें ही गुजरती हैं। एक यात्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि डीएमआरसी को यात्रियों को सही जानकारी देनी चाहिए थी। उन्हें मंडी हाउस से राजीव चौक तक जाने में आधे घंटे से भी अधिक का वक्त लगा। मंडी हाउस पर मेट्रो करीब बीस मिनट तक खड़ी रही और यात्रियों को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। लोगों का कहना था कि पहले भी डीएमआरसी तकनीकी खराबी आने पर साफ घोषणा नहीं करता। लोगों को अगर सही बात बता दी जाए तो लोग यात्रा का बेहतर विकल्प सोच सकते हैं। स्थिति का साफ साफ पता न चलने पर यात्री फंस जाते हैं और न इधर के रहते हैं और न उधर के। यही वजह थी कि यमुना बैंक स्टेशन के बाहर आधी रात तक यात्रियों की भीड़ लगी हुई थी।
डीएमआरसी का पक्ष
अधिकारियों का दावा है कि रात साढ़े नौ बजे दोबारा खराबी आ गई। तब उन्होंने ट्वीट करके लोगों को इसकी जानकारी दे दी थी। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए इंद्रप्रस्थ से यमुना बैंक के बीच मेट्रो की शटल सेवा भी चलाई गई थी।
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पक्षी के टकराने से तार टूट जाने से आई तकनीकी बाधा की जानकारी डीएमआरसी को सोमवार शाम साढ़े छह बजे के करीब ही हो गई थी। उस वक्त कहा गया था कि रात आठ बजे तक तकनीकी खामी दूर कर ली जाएगी। बाद में यह दावा भी किया गया कि दिक्कत खत्म हो गई है। यह दावा गलत साबित हुआ। लोग बाद में भी अलग अलग स्टेशनों पर फंसे हुए थे। उनके पास सही जानकारी ही नहीं थी कि समस्या कितनी देर तक चलेगी। खराबी ठीक नहीं हो पा रही थी। रात 9:35 पर डीएमआरसी ने फिर ट्वीट किया कि ब्लू लाइन पर फिर से खराबी आ गई है। इसके बाद लोग काफी परेशान हुए। खासतौर से कामकाजी महिलाओं और लड़कियों के लिए तो बड़ी मुसीबत थी। अलग-अलग स्टेशनों पर ऑटो और टैक्सियों की ओवर चार्जिंग भी शुरू हो गई।
सबसे ज्यादा परेशानी यमुना बैंक स्टेशन पर उतरने वालों को थी। एक यात्री का कहना था कि हमें तो यहां के बारे में मालूम ही नहीं था कि बाहर इतना अंधेरा होगा और टैक्सी मिलने में इतनी ज्यादा समस्या होगी। स्थानीय लोगों का कहना था कि इस स्टेशन पर तो दिन के वक्त भी डीटीसी और क्लस्टर की इक्का दुक्की बसें ही गुजरती हैं। एक यात्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि डीएमआरसी को यात्रियों को सही जानकारी देनी चाहिए थी। उन्हें मंडी हाउस से राजीव चौक तक जाने में आधे घंटे से भी अधिक का वक्त लगा। मंडी हाउस पर मेट्रो करीब बीस मिनट तक खड़ी रही और यात्रियों को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। लोगों का कहना था कि पहले भी डीएमआरसी तकनीकी खराबी आने पर साफ घोषणा नहीं करता। लोगों को अगर सही बात बता दी जाए तो लोग यात्रा का बेहतर विकल्प सोच सकते हैं। स्थिति का साफ साफ पता न चलने पर यात्री फंस जाते हैं और न इधर के रहते हैं और न उधर के। यही वजह थी कि यमुना बैंक स्टेशन के बाहर आधी रात तक यात्रियों की भीड़ लगी हुई थी।
डीएमआरसी का पक्ष
अधिकारियों का दावा है कि रात साढ़े नौ बजे दोबारा खराबी आ गई। तब उन्होंने ट्वीट करके लोगों को इसकी जानकारी दे दी थी। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए इंद्रप्रस्थ से यमुना बैंक के बीच मेट्रो की शटल सेवा भी चलाई गई थी।