Delhi Man Duped Britannia: पुलिस पकड़ने गई तो अलमारी में छिप गया, जानिए दिल्ली के शख्स ने ब्रिटानिया को कैसे लगाया पांच करोड़ का चूना! h3>
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi police) ने दिग्गज एफएमसीजी कंपनी ब्रिटानिया (Britannia) को पांच करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में 62 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अनिल सेठी के रूप में हुई है। पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने राजौरी गार्डन में स्थित उसके घर पहुंची तो वह लकड़ी की अलमारी में छिप गया था। लेकिन पुलिस ने उसे खोज निकाला। सेठी पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी के नाम से कंपनी बनाकर ब्रिटानिया के साथ पांच करोड़ रुपये की हेराफेरी की। आरोप है कि उन्होंने स्टॉक आइटम्स में हेराफेरी करके कंपनी को चूना लगाया।
पुलिस के मुताबिक बेकरी और डेयरी प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। कंपनी ने अपनी शिकायत में सेठी पर 5.17 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया था। सेठी कई साल से कंपनी से जुड़े थे। उनका काम कंपनी से माल लेकर उसे आगे मार्केट में बेचना था। सेठी की कंपनी को इसके अलावा किसी अन्य तरीके से माल को बेचने या इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं था। लेकिन आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से माल का इस्तेमाल किया।
पत्नी ने नाम पर कंपनी
पुलिस से मुताबिक अनिल सेठी ने अपनी पत्नी अंजू सेठी के नाम से मैसर्स सेठी एजेंसीज नाम की एक कंपनी बनाई थी। उसके जरिए उन्होंने ब्रिटानिया से माल लेकर उसे आगे मार्केट में बेचना शुरू किया। लेकिन 2018-19 में कई डिस्ट्रीब्यूटर्स ने माल को लेकर कंपनी से शिकायत की। इसके बाद कंपनी ने सेठी एजेंसीज के बजाय दूसरे एजेंट को काम सौंप दिया। अक्टूबर 2019 में कंपनी ने सेठी एजेंसीज के कर्मचारियों की मौजूदगी में एक हैंडओवर स्टॉक ऑडिट कराया। इसमें पाया गया कि कंपनी ने स्टॉक में हेराफेरी की थी।
जांच में यह बात भी सामने आई कि सेठी एजेंसीज की प्रोपाइटर अंजू सेठी हैं और अनिल सेठी अपनी पत्नी के नाम पर सारा बिजनस कर रहे थे। अंजू ने कंपनी को हुए नुकसान के लिए 5.17 करोड़ रुपये के तीन चेक भी जारी किए थे लेकिन वे बाउंस हो गए। पुलिस ने अनिल सेठी को कई नोटिस जारी किए लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुए। आखिर सोमवार को पुलिस ने जब उन्हें दबोचने के लिए छापा मारा तो वह घर में लकड़ी की अलमारी में छिप गए। लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
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पत्नी ने नाम पर कंपनी
पुलिस से मुताबिक अनिल सेठी ने अपनी पत्नी अंजू सेठी के नाम से मैसर्स सेठी एजेंसीज नाम की एक कंपनी बनाई थी। उसके जरिए उन्होंने ब्रिटानिया से माल लेकर उसे आगे मार्केट में बेचना शुरू किया। लेकिन 2018-19 में कई डिस्ट्रीब्यूटर्स ने माल को लेकर कंपनी से शिकायत की। इसके बाद कंपनी ने सेठी एजेंसीज के बजाय दूसरे एजेंट को काम सौंप दिया। अक्टूबर 2019 में कंपनी ने सेठी एजेंसीज के कर्मचारियों की मौजूदगी में एक हैंडओवर स्टॉक ऑडिट कराया। इसमें पाया गया कि कंपनी ने स्टॉक में हेराफेरी की थी।
जांच में यह बात भी सामने आई कि सेठी एजेंसीज की प्रोपाइटर अंजू सेठी हैं और अनिल सेठी अपनी पत्नी के नाम पर सारा बिजनस कर रहे थे। अंजू ने कंपनी को हुए नुकसान के लिए 5.17 करोड़ रुपये के तीन चेक भी जारी किए थे लेकिन वे बाउंस हो गए। पुलिस ने अनिल सेठी को कई नोटिस जारी किए लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुए। आखिर सोमवार को पुलिस ने जब उन्हें दबोचने के लिए छापा मारा तो वह घर में लकड़ी की अलमारी में छिप गए। लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
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