Delhi Heat Wave: दिल्ली में गर्मी बेकाबू, बिल्डिंगों के बीच फंसी गर्मी राजधानी को बना रही है ‘भट्ठी’ h3>
विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः यदि आप पीतमपुरा से आया नगर या पालम से लोदी रोड के बीच सफर करते हैं तो अर्बन हीट आइलैंड (कंक्रीट की इमारतों के बीच फंसी गर्मी वाले इलाके) आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। राजधानी में विभिन्न जगहों के बीच न्यूनतम तापमान में 7 से 10 डिग्री का अंतर अब आम होने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार यह अर्बन हीट आइलैंड का असर है। जिसकी वजह शहरीकरण और ग्रीन एरिया कम होना है।
लगातार बढ़ रहा है तापमान
बीते रविवार की बात करें तो पीतमपुरा का न्यूनतम तापमान जहां 33.4 डिग्री रहा। वहीं, आया नगर का न्यूनतम तापमान महज 23.8 डिग्री रहा। इस दिन राजधानी में चार जगहों पर न्यूनतम तापमान 30 डिग्री से अधिक रहा। इनमें पीतमपुरा के अलावा सीडब्ल्यूजी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पालम और फरीदाबाद शामिल रहे। वहीं, दो जगहों का न्यूनतम तापमान 24 डिग्री से भी कम रहा। आया नगर का तापमान 23.8 डिग्री और लोदी रोड में 23.2 डिग्री रहा। यानी तापमान के बीच 6 से 10 डिग्री तक का अंतर देखने को मिला। सोमवार की बात करें तो तीन जगहों पर न्यूनतम तापमान 30 डिग्री से अधिक रहा। पालम में 30.4 डिग्री, पीतमपुरा में 33.2 डिग्री और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में तापमान 31.9 डिग्री रहा। वहीं, तीन जगहों पर तापमान 26 डिग्री के आसपास बना रहा। सफदरजंग में 26.3, लोदी रोड में 24.5 और आया नगर का 26.2 डिग्री तापमान रहा।
…तो बीमार होना तय
डॉक्टरों के अनुसार यदि इतने अधिक तापमान के अंतर के बीच लोग सुबह और शाम के समय रोज सफर कर रहे हैं, तो उनका बीमार होना तय है। तापमान में अंतर होने पर बॉडी के लिए इसे सहन करना मुश्किल होता है। दरअसल तापमान में अंतर जितना अधिक होगा, उतना ही यह बॉडी के लिए असहज होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
आईएमडी के साइंटिस्ट डॉ. आर. के. जेनामणी के अनुसार रविवार को लोदी रोड का न्यूनतम तापमान सबसे कम 23.2 डिग्री रहा। लोदी नगर में राजधानी का सबसे अधिक ग्रीन कवर है। वहीं, पीतमपुरा का न्यूनतम तापमान 33.4 डिग्री रहा। यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है और इसका बड़ा हिस्सा पूरी तरह कंक्रीट का है। इसलिए तामपान में इतना अधिक अंतर अर्बन हीट आइलैंड की वजह से कहा जा सकता है।
क्या है अर्बन हीट आइसलेंड
मौसम विभाग के अनुसार अर्बन एरिया में आसपास के एरिया की तुलना में तापमान कुछ अधिक दर्ज होता है। खास तौर पर यह अंतर रात और सुबह-शाम अधिक रहता है। इसे अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट कहते हैं। इसकी कुछ खास वजह हैं। जिनमें शहरी आबादी में वेंटिलेशन कम होने लगता है, उंची बिल्डिंगों की वजह से गर्मी ट्रैप हो जाती है, इंसानी गतिविधियों से भी गर्मी बढ़ती है। वहीं, कंक्रीट खुद गर्मी बढ़ाने की वजह है।
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लगातार बढ़ रहा है तापमान
बीते रविवार की बात करें तो पीतमपुरा का न्यूनतम तापमान जहां 33.4 डिग्री रहा। वहीं, आया नगर का न्यूनतम तापमान महज 23.8 डिग्री रहा। इस दिन राजधानी में चार जगहों पर न्यूनतम तापमान 30 डिग्री से अधिक रहा। इनमें पीतमपुरा के अलावा सीडब्ल्यूजी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पालम और फरीदाबाद शामिल रहे। वहीं, दो जगहों का न्यूनतम तापमान 24 डिग्री से भी कम रहा। आया नगर का तापमान 23.8 डिग्री और लोदी रोड में 23.2 डिग्री रहा। यानी तापमान के बीच 6 से 10 डिग्री तक का अंतर देखने को मिला। सोमवार की बात करें तो तीन जगहों पर न्यूनतम तापमान 30 डिग्री से अधिक रहा। पालम में 30.4 डिग्री, पीतमपुरा में 33.2 डिग्री और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में तापमान 31.9 डिग्री रहा। वहीं, तीन जगहों पर तापमान 26 डिग्री के आसपास बना रहा। सफदरजंग में 26.3, लोदी रोड में 24.5 और आया नगर का 26.2 डिग्री तापमान रहा।
…तो बीमार होना तय
डॉक्टरों के अनुसार यदि इतने अधिक तापमान के अंतर के बीच लोग सुबह और शाम के समय रोज सफर कर रहे हैं, तो उनका बीमार होना तय है। तापमान में अंतर होने पर बॉडी के लिए इसे सहन करना मुश्किल होता है। दरअसल तापमान में अंतर जितना अधिक होगा, उतना ही यह बॉडी के लिए असहज होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
आईएमडी के साइंटिस्ट डॉ. आर. के. जेनामणी के अनुसार रविवार को लोदी रोड का न्यूनतम तापमान सबसे कम 23.2 डिग्री रहा। लोदी नगर में राजधानी का सबसे अधिक ग्रीन कवर है। वहीं, पीतमपुरा का न्यूनतम तापमान 33.4 डिग्री रहा। यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है और इसका बड़ा हिस्सा पूरी तरह कंक्रीट का है। इसलिए तामपान में इतना अधिक अंतर अर्बन हीट आइलैंड की वजह से कहा जा सकता है।
क्या है अर्बन हीट आइसलेंड
मौसम विभाग के अनुसार अर्बन एरिया में आसपास के एरिया की तुलना में तापमान कुछ अधिक दर्ज होता है। खास तौर पर यह अंतर रात और सुबह-शाम अधिक रहता है। इसे अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट कहते हैं। इसकी कुछ खास वजह हैं। जिनमें शहरी आबादी में वेंटिलेशन कम होने लगता है, उंची बिल्डिंगों की वजह से गर्मी ट्रैप हो जाती है, इंसानी गतिविधियों से भी गर्मी बढ़ती है। वहीं, कंक्रीट खुद गर्मी बढ़ाने की वजह है।