Delhi Air Quality News: दिल्ली की हवा बेहद खराब, एक्सपर्ट्स बोले- शरीर के लिए स्लो पॉइजन है पलूशन

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Delhi Air Quality News: दिल्ली की हवा बेहद खराब, एक्सपर्ट्स बोले- शरीर के लिए स्लो पॉइजन है पलूशन

Delhi Air Quality News: दिल्ली की हवा बेहद खराब, एक्सपर्ट्स बोले- शरीर के लिए स्लो पॉइजन है पलूशन

नई दिल्ली: दिल्ली की हवा बदलने लगी है और बदलने के साथ बिगड़ने भी लगी है। हवा में सर्दी का अहसास और दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ना शुरू हो चुका है। हालांकि, इस साल दिवाली करीब 10 दिन पहले थी और प्रदूषण का स्तर बहुत ऊपर नहीं गया। अब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार हो चुका है। यह स्थिति बीमार लोगों के लिए तो अलर्ट होने की है ही, साथ ही सेहतमंद लोगों को भी एहतियात बरतने की है। डॉक्टर्स का कहना है कि सर्दी शुरू होने के साथ कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा रहता है और प्रदूषण का स्तर भी ऊपर पहुंचता है, ऐसे में लोगों को खांसी, नाक-गला बंद होना, गला दर्द, सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन के अगर लक्षण आते हैं, तो खासतौर पर सुबह-शाम घर के अंदर रहने की कोशिश करें और लक्षण बढ़ें तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।

सुबह-शाम आउटडोर एक्टिविटी से करें परहेज
एम्स दिल्ली में पल्मनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट में असोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विजय हड्डा कहते हैं, जैसे जैसे एयर क्वालिटी खराब हो रही है, इसका असर ना सिर्फ पहले से बीमार लोगों पर बल्कि सेहतमंद लोगों पर ही पड़ेगा। एक्यूआई 400 पार हो चुका है, जो कि ‘गंभीर’ कैटिगरी में आता है। इस वक्त सुबह और शाम आउटडोर एक्टिविटी से बचना चाहिए। जैसे दौड़ना या तेज चलना या एक्सरसाइज क्योंकि इससे सांस ज्यादा ली जाएगी यानी खराब हवा शरीर के अंदर ज्यादा मात्रा में जाएगी। यह कई स्टडी में पाया गया है कि जो लोग लंबे समय या कुछ साल तक खराब हवा के बीच रहते हैं, उन्हें हार्ट अटैक, कैंसर, स्ट्रोक होने का या सोचने की प्रक्रिया खराब होने की संभावना, उन लोगों से ज्यादा होती है जो कि साफ हवा में रहते हैं।

पहले से बीमार लोगों के लिए खतरा ज्यादा
बीएलके मैक्स हॉस्पिटल के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. संदीप नायर कहते हैं, प्रदूषण बढ़ने लगा है तो इंफेक्शन भी बढ़ने लगा है। ओपीडी में कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सांस की दिक्कतें जिन मरीजों को पहले से हैं, उनके लक्षण बढ़ने लगे हैं। इस वक्त दमा, अस्थमा और सीओपीडी (क्रोनिक इंफ्लेमेटरी लंग डिजीज) के मरीजों को सुबह-शाम बाहर नहीं निकलना चाहिए। खासतौर मेन रोड के किनारे वॉक नहीं करना चाहिए क्योंकि प्रदूषण की बड़ी वजह गाड़ियों का धुआं है। मरीज गर्म कपड़े जरूर पहनें और शरीर में पानी की कमी ना होने दें। बचाव के लिए मास्क पहनें। पहले से बीमार लोग दवाएं वक्त पर लें, बिना डॉक्टर के कहे इन्हें ना छोड़ें।

ये लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से मिलें

  • आंखों में जलन
  • नाक बंद/नाक से पानी आना
  • गले में खराश, दर्द
  • स्किन का लाल होना, खुजली
  • सांस लेने में दिक्कत, सांस फूलना
  • छाती में भारीपन/दर्द
  • थकान

रखें ध्यान

– बहुत सुबह-शाम की वॉक/एक्सरसाइज से बचें

– मेन रोड पर वॉक या रनिंग ना करें

– संक्रमण/प्रदूषण से बचने के लिए एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें

– हल्के गर्म कपड़े पहनना शुरू करें, एसी-पंखे ना चलाएं

– बुजुर्ग सुबह-शाम बिना गर्म कपड़ों के बाहर निकलने से परहेज करें

– डीहाइड्रेशन से बचें, पौष्टिक खाना खाएं, खाने में कोताही ना करें

– लक्षण अगर दो दिन तक रहते हैं या कुछ असामान्य हैं तो डॉक्टर के पास जाएं

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