Dehradun Expressway पर लगेंगे लाइट और साउंड प्रूफ बैरियर, घनी आबादी और जंगली इलाकों के लिए NHAI की पहल

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Dehradun Expressway पर लगेंगे लाइट और साउंड प्रूफ बैरियर, घनी आबादी और जंगली इलाकों के लिए NHAI की पहल

Dehradun Expressway पर लगेंगे लाइट और साउंड प्रूफ बैरियर, घनी आबादी और जंगली इलाकों के लिए NHAI की पहल

अखंड प्रताप सिंह, गाजियाबाद:दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे पर वाहनों की लाइट और शोर से दिक्कत नहीं होगी। नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने एक्सप्रेसवे पर लाइट और साउंड प्रूफ बैरियर लगाने की तैयारी की है। एक्सप्रेसवे का कुछ हिस्सा जंगलों से भी गुजरेगा। ऐसे में वहां के जानवरों को शोर और लाइट से दिक्कत हो सकती है। इसके साथ ही दिल्ली और गाजियाबाद जैसी घनी आबादी के बीच से भी एक्सप्रेसवे गुजर रहा है। ऐसे में आसपास रहने वालों को भी शोर परेशान कर सकता है। एक्सप्रेसवे पर औसतन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ेंगे।

गाड़ियों की लाइट के रिफ्लेक्शन से हादसों की आशंका थी। इस लिए भी ऐसे बैरियर लगाने का फैसला किया गया है। मध्य प्रदेश में नैशनल हाइवे 44 सिवनी और नागपुर सेक्टर में टाइगर रिजर्व से निकलता है। टाइगर रिजर्व में रहने वाले जानवरों को दिक्कत न हो, इसलिए करीब 29 किमी के इस हिस्से को देश में पहली बार लाइट एंड साउंड प्रूफ बनाया गया था।

100 किमी की औसत रफ्तार से जहां से वाहन गुजरते हैं, वहां अमूमन शोर काफी ज्यादा होता है। उसमें भी कई बार हॉर्न और दूसरी तरफ के वाहनों की लाइट का रिफ्लेक्शन हादसे की आशंका बढ़ा देता है। NHAI इसी आशंका को दूर करके सफर को सुरक्षित बनाने की तैयारी की है। अधिकारियों ने बताया कि देहरादून एक्सप्रेसवे का हिस्सा शहर के अंदर के साथ ही जंगल से भी गुजर रहा है। ऐसे में लोगों के साथ ही जानवरों के लिए भी यह दिक्कत बढ़ा सकता था। अब एक्सप्रेसवे पर दोनों तरफ लाइट और साउंड बैरियर लगाए जाएंगे। इससे वाहनों की आवाज या रोशनी बाहर नहीं जा सकेगी।

इसके साथ ही डिवाइडर पर लगे लाइट बैरियर से दूसरी तरफ के चालकों को भी रिफ्लेक्शन से दिक्कत नहीं होगी। NHAI के सर्वे में पता चला था कि कई बार दूसरी तरफ के वाहनों की लाइट के रिफ्लेक्शन से एक्सिडेंट का खतरा बढ़ जाता है। जहां साउंड बैरियर लगाए जाएंगे, वहां 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार तैयार कराई जाएगी। हालांकि वाहनों की आवाज इससे पूरी तरह खत्म नहीं होगी, लेकिन काफी हद तक इसे नियंत्रित किया जा सकेगा।

बढ़ जाती है हादसे की आशंका
100 किमी प्रतिघंटे की अधिक स्पीड से चलने वाले वाहन चालकों पर दूसरी तरफ से आ रहे वाहनों की रोशनी जब आंख पर पड़ती है तो उससे हादसे की आशंका काफी बढ़ जाती है। कई एक्सप्रेसवे पर इस तरह के हादसे हो भी चुके हैं। लाइट बैरियर लग जाने से इस तरह के हादसे होने की आशंका बहुत कम हो जाती है। इस हादसे को रोकने के लिए ही एनएचएआई ने इस तरह का कदम उठाया गया है। दोनों स्प्रिंकलर लाइट लगी होने से वाहन चालक को सहूलियत होगी।

तेजी से चल रहा है काम
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे वाले हिस्से में काम तेजी के साथ चल रहा है। दिल्ली से बागपत वाले एरिया में 50 फीसदी से अधिक काम हो चुका है। लोनी की एरिया में आ रही कुछ दिक्कतों को पूरी तरह से दूर करके तेजी के साथ काम हो रहा है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल तक मार्च तक इस हिस्से का काम पूरा कर दिया जाएगा।

अपग्रेड होगा टोल सिस्टम
अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का टोल सिस्टम पूरी तरह से अपग्रेड होगा। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे में जो टोल सिस्टम लगाया गया है। शुरुआती दिनों में उसमें कुछ खामियां आई थीं। लेकिन, दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे में इसके अपग्रेड वर्जन को लांच किया जाएगा। इससे पब्लिक को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

फैक्ट फाइल
– पहला चरण 31.2 किमी का है। अक्षरधाम से शुरू होकर बागपत के ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस तक बनेगा।
– दूसरा चरण ईस्टर्न पेरिफेरल से शुरू होकर सहारनपुर तक जाएगा। इसकी कुल लंबाई 118 किमी होगी।
– तीसरा चरण 20.7 किमी का होगा। यह सहारनपुर से देहरादून को जोड़ने का काम करेगा।

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