Dawood Ibrahim Gang: छोटा शकील, जावेद चिकना और टाइगर मेमन…डी कंपनी के ‘इनामी गुर्गों’ की पूरी कुंडली पढ़िए

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Dawood Ibrahim Gang: छोटा शकील, जावेद चिकना और टाइगर मेमन…डी कंपनी के ‘इनामी गुर्गों’ की पूरी कुंडली पढ़िए

Dawood Ibrahim Gang: छोटा शकील, जावेद चिकना और टाइगर मेमन…डी कंपनी के ‘इनामी गुर्गों’ की पूरी कुंडली पढ़िए

मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) ने अंडरवर्ल्ड डॉन और ग्लोबल टेररिस्ट दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) समेत उसके कुछ खास गुर्गों पर लाखों रुपयों का इनाम घोषित किया है। ताकि जल्द से जल्द उनकी धरपकड़ हो सके। दाऊद पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा गया है। जबकी उसके राइट हैंड छोटा शकील पर 20 लाख और अन्य अनीस इब्राहिम (Anees Ibrahim),जावेद पटेल उर्फ जावेद चिकना और टाइगर मेमन (Tiger Memon) पर 15- 15 लाख का इनाम रखा गया है। आइये जानते हैं डी गैंग के इन इनामी सदस्यों और उनके अपराधों के बारे में।

1) टाइगर मेमन
डॉन टाइगर मेमन पर साल 1993 में हुए सीरियल बम धमाकों में शामिल होने और साजिश रचने का आरोप रहा है। आपको बता दें कि उसके भाई याकूब मेमन को साल 2015 में इसी मामले में दोषी पाए जाने के बाद फांसी दी गई थी। टाइगर जिस बिल्डिंग में रहता था। उसी इमारत में विस्फोटक रखा गया था। यहीं से ले जाकर विस्फोटकों को मुंबई की अलग अलग रखा गया था। आरोप है कि टाइगर मेमन ने अपने भाई याकूब की मदद से इस विस्फोट को अंजाम देने की योजना बनाई थीं। 12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार ढंग से बम धमाकों को अंजाम दिया गया था।

बैंक चपरासी से डॉन तक का सफर
अंडरवर्ल्ड डॉन बनने से पहले टाइगर मेमन एक बैंक में चपरासी की नौकरी करता था। 1960 में जन्मे टाइगर मेमन के परिवार में मां- बाप के अलावा पांच भाई बहन थे। इसके पिता अब्दुल रज्जाक वेल्डिंग का काम करते थे लेकिन परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा था। इसलिए टाइगर ने एक बैंक में चपरासी की नौकरी कर ली। एक दिन काम को लेकर उसका बैंक मैनेजर से झगड़ा हो गया और उसने नौकरी छोड़ दी।

अंडरवर्ल्ड में टाइगर की एंट्री
नौकरी छूटने के बाद टाइगर मेमन बेरोजगार हो चुका था। वह दूसरी नौकरी की तलाश में वह इधर-उधर भटक रहा था। कुछ दिन बाद उसे एक ड्राइवर की नौकरी मिली। टाइगर मेनन को इस बार कुख्यात तस्कर मोहम्मद मुस्तफा डोसा की गाड़ी चलाने का काम मिला था। गाड़ी चलाने के दौरान मुस्तफा ने टाइगर की मुलाकात दुबई के गोल्ड स्मगलर याकूब भट्टी से करवाई। जिसके बाद वह भट्टी का काम देखने लगा। इसके बाद उसने पाकिस्तान के तस्कर तौफीक से दोस्ती की और स्मगलिंग के धंधे में एक बड़ा नाम बन गया।

2) जावेद चिकना
जावेद पटेल उर्फ़ जावेद चिकना भी 1993 बम धमाकों के आरोपी है। कुछ साल पहले उसपर गुजरात के भरूच इलाके के दो बीजेपी नेताओं की हत्या का भी आरोप लगा था। जावेद चिकना दाऊद का एकदम खासमखास आदमी माना जाता है। जो उसके काले धंधों को संभालता है। जावेद भी दाऊद के साथ पाकिस्तान में ही रहता है। उसे पकड़ने के लिए भारत सरकार ने इंटरपोल की भी मदद मांगी थी। कहा जाता है कि जावेद ने दक्षिण अफ्रीका में बैठे अपने भाई आबिद दाऊद पटेल और अन्य शूटरों को 50 लाख की सुपारी थी। जावेद 1993 बम धमाकों के मुख्य साजिशकर्ता है।

3) अनीस इम्ब्राहिम
अनीस इब्राहिम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का भाई है। जो उसके साथ पाकिस्तान में रहता है। दाऊद के सभी भाइयों में अनीस को सबसे खूंखार माना जाता है। दाऊद की तरह ही अनीस इब्राहिम पर भी मुंबई बम धमाकों की साजिश रचने का आरोप है। इसके अलावा दाऊद ने उसे मुंबई में सोने चांदी की स्मगलिंग का जिम्मा भी सौंपा था। जब 1993 बम धमाकों के लिए मुंबई के करीब रायगढ़ में समुद्र तट पर विस्फोटक उतारा गया था। तब इसे अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी अनीस इब्राहिम के कंधों पर थी। मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में अनीस भी वांटेड आरोपी हैं। अनीस पर मुंबई में कई मामले दर्ज हैं जिसमें हत्या, हत्या की कोशिश, जबरन उगाही, संगलिंग के मामले शामिल हैं।

जब दाऊद ने की अनीस की पिटाई
दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने अपनी किताब डायल डी फॉर डॉन में एक दिलचस्प किस्सा लिखा है। जो अनीस इब्राहिम से जुड़ा हुआ है। कुमार की किताब के मुताबिक दुबई में यलगार फिल्म की शूटिंग के दौरान संजय दत्त की पहचान अनीस इब्राहिम से हुई थी। यहीं पर संजय दत्त ने अनीस से अपनी हिफाजत के लिए बंदूक भिजवाने की बात कही थी। जिसके बाद अनीस ने अबू सलेम के जरिए हथियारों की खेप में से कुछ राइफल संजय दत्त के पास भिजवाई थी। हालांकि बाद में इन्हीं हथियारों को लेकर संजय दत्त गिरफ्तार हुए और उन्हें जेल की सजा भी हुई। खास बात यह है कि अनीस ने संजय दत्त को हथियार तो भिजवा दिए थे लेकिन इसकी जानकारी दाऊद को नहीं दी थी। जब यह बात दाऊद को पता चली तो उसने अनीस की पिटाई भी की थी। यह बात दाऊद ने खुद नीरज कुमार को फोन करके बताई थी।

4) छोटा शकील
1950 के दशक में पैदा हुआ छोटा शकील मुंबई के नागपाड़ा इलाके में रहता था। उसका असली नाम मोहम्मद शकील बाबू शेख था। शकील शुरुआत में एक ट्रेवल एजेंसी चलाता था लेकिन उसकी गतिविधियां हमेशा संदिग्ध रही। सालों तक यह बिजनेस करने के बाद उसने 1988 में दाऊद की डी कंपनी जॉइन कर ली। छोटा शकील को दाऊद इब्राहिम का राइट हैंड माना जाता है। मुंबई बम धमाकों में छोटा शकील भी मोस्ट वांटेड अपराधी है जो आज तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। छोटा शकील भी दाऊद के साथ पाकिस्तान में ही रहता है।

छोटा शकील को राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के तहत साल 1988 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में वह 4 महीने तक जेल में बंद रहा। हालांकि जब उसे जमानत मिली तो वह दुबई भाग गया। इसी साल दाऊद इब्राहिम भी भारत छोड़कर दुबई भाग चला था। कुछ साल पहले छोटा शकील के मरने की भी खबर सामने आयी थी। हालांकि बाद में यह पता चला था कि वो जिंदा है और उसके मरने की खबर अफवाह थी।

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