CUET-UG में रेकॉर्ड 14.99 लाख आवेदन, पिछली बार से 50% ज़्यादा, सबसे ज्यादा आवेदन इन दो यूनिवर्सिटीज के लिए आए h3>
दिल्ली यूनिवर्सिटी में जाकिर हुसैन कॉलेज में प्रफेसर गुरप्रीत सिंह टुटेजा आवेदनों के बढ़ने का कारण बताते हुए कहते हैं कि इस बार छात्रों में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा जागरूकता है क्योंकि पिछले साल सीयूईटी पहली बार लॉन्च हुआ था और काफी छात्र किन्हीं न किन्हीं कारणों से परीक्षा नहीं दे पाए थे। इस बार पिछले साल परीक्षा न दे पाने वाले छात्र हैं। साथ ही छात्रों को अब यह साफ है कि सीयूईटी के बिना बड़ी- बड़ी यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं होगा। इसके साथ ही साइंस के छात्रों ने नीट, जेईई मेन और सीयूईटी के लिए तीनों में आवेदन किया है। अभी यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि साइंस कोर्सेज में एडमिशन की रेस कैसे होगी। साइंस के छात्रों ने कई-कई परीक्षा में आवेदन किया है और छात्र परीक्षाओं में अपने स्कोर को देखने के बाद ही फैसला लेगा कि उसे कहां जाना है।
यूपी, दिल्ली और बिहार से सबसे ज्यादा आवेदन
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जिस तरह से आवेदन बढ़े हैं, उससे यह साफ है कि मुकाबला थोड़ा कठिन होगा। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू), बाबा साहब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं। सीयूईटी में एक कैंडिडेट अधिकतम 10 विषयों की परीक्षा में शामिल हो सकता है। यूपी, दिल्ली और बिहार से सबसे ज्यादा आवेदन मिले हैं।
यूनिवर्सिटीज की संख्या 90 से बढ़कर 242 हुई
इस बार सीयूईटी में शामिल होने वाली यूनिवर्सिटीज की संख्या 90 से बढ़कर 242 हो गई है। ग्रैजुएशन कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) स्कोर के आधार पर बीए, बीकॉम, बीएससी के ही कोर्सेज में दाखिले नहीं होंगे, बल्कि यूनिवर्सिटीज के पास ड्यूल यानी डबल डिग्री कोर्स में भी इसी स्कोर के आधार पर एडमिशन देने का विकल्प रहेगा। बीबीए- एलएलबी, बीए- एलएलबी, बीएससी- एमएससी, बीए- एमए में भी सीयूईटी स्कोर के आधार पर एडमिशन हो सकता है। कई यूनिवर्सिटीज इस स्कोर के आधार पर पांच साल के इंटीग्रेटिड कोर्सेज में एडमिशन दे रही है।