Cryptocurrency Trading: NPCI ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार, बैंकों पर छोड़ा फैसला

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Cryptocurrency Trading: NPCI ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार, बैंकों पर छोड़ा फैसला

Cryptocurrency Trading: NPCI ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार, बैंकों पर छोड़ा फैसला

हाइलाइट्स:

  • कई दिग्गज बैंक धीरे-धीरे करके क्रिप्टो डील्स से जुड़े भुगतानों को ब्लॉक कर रहे हैं।
  • बैंक अपने कानूनी और अनुपालन विभागों की सलाह के आधार पर फैसला कर सकते हैं- NPCI
  • जिन बैंकों ने इस ट्रेड की अनुमति दे रखी है, उन्हें लेकर यह स्पष्ट नहीं है कि वे कितने और वक्त तक इसकी अनुमति देंगे।

नई दिल्ली
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने क्रिप्टोकरंसी ट्रेड के लिए फंड मूवमेंट्स पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाल ही में NPCI ने कुछ बैंकों को कहा था कि वे क्रिप्टोकरंसी ट्रेड के लिए फंड मूवमेंट्स पर रोक को लेकर अपने कानूनी और अनुपालन विभागों की सलाह के आधार पर फैसला कर सकते हैं। इस वक्त कई दिग्गज बैंक धीरे-धीरे करके क्रिप्टो डील्स से जुड़े भुगतानों को ब्लॉक कर रहे हैं। ऐसे में एनपीसीआई के यह रुख काफी मायने रखता है। आधा दर्ज से ज्यादा स्थानीय बैंकों ने पेमेंट गेटवे ऑपरेटर्स को उन मर्चेंट्स को ब्लैकलिस्ट करने को कहा है, जो क्रिप्टोकरंसी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर खरीद या बिक्री में शामिल हैं। इन बैंकों ने ग्राहकों को क्रिप्टोकरंसी की खरीद या बिक्री के लिए नेटबैंकिंग और यूपीआई जैसी ऑनलाइन फंड ट्रान्सफर सुविधाओं का इस्तेमाल करने से रोका हुआ है।

अगर NPCI करेगा फैसला तो हर बैंक पर हो जाएगा लागू
इंडस्ट्री के एक अधिकारी का कहना है अगर एनपीसीआई क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने के लिए यूपीआई और रूपे कार्ड को डिसेबल करने का फैसला लेता है तो यह सभी बैंकों पर लागू हो जाएगा और निवेशकों के पास कम पेमेंट विकल्प बचेंगे। जिन बैंकों ने क्रिप्टो ट्रेड को डिसेबल कर रखा है, उन बैंकों के ग्राहक यूपीआई, नेट बैंकिंग या कार्ड आदि का इस्तेमाल क्रिप्टो में निवेश के लिए नहीं कर सकते। जिन बैंकों ने इस ट्रेड की अनुमति दे रखी है, उन्हें लेकर यह स्पष्ट नहीं है कि वे कितने और वक्त तक इसकी अनुमति देंगे।

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सुप्रीम कोर्ट रद्द कर चुका है RBI का निर्देश
NPCI का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अप्रैल 2018 के उस निर्देश को रद्द कर दिया था, जिसमें बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को वर्चुअल करेंसी में डील करने से या किसी को ऐसी डिजिटल करेंसी में डील करने के लिए सर्विस मुहैया कराने से प्रतिबंधित किया गया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, RBI की ओर से कोई नया निर्देश जारी नहीं हुआ है। इसलिए एनपीसीआई ने इंडस्ट्री लेवल बॉडी होने के नाते अभी तक क्रिप्टो ट्रांजेक्शंस को ब्लॉक नहीं किया है। देश में इस वक्त लगभग 1.5 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स हैं। क्रिप्टो होल्डिंग की कुल वैल्यू बढ़कर 15000 करोड़ रुपये हो चुकी है।

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