CRPF कमांडेंट चीता ने जीती मौत की बाजी 9 गोलियां खाने के बाद भी हराया मौत को

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जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकियों से मुठभेड़ में दुश्मन की 9 गोलियां सीने पर खाने के बाद और दो महीने कोमा में रहने के बाद भी जिंदगी की जंग जीतने वाले CRPF कमांडेंट चेतन कुमार चीता को आखिरकार होश आ गया |

जब CRPF कमांडेंट चीता को लाया गया था अस्पताल :-

एम्स के ट्रॉमा सेंटर में जब CRPF कमांडेंट चीता को लाया गया था, तब उनकी हालत बेहद गंभीर थी. शरीर के ऊपरी हिस्से में कई जगहों पर फ्रैक्चर भी हुआ था. उनके सिर में गंभीर चोटें थी. दाईं आंख भी चली गई. उनका GCS (सिर की चोट की गंभीरता तय करने का टेस्ट) का स्कोर M3 था, जो अब M6 है |  शुरुआत में उन्हें श्रीनगर के आर्मी अस्तपाल में भर्ती कराया गया था, लेकिन जब उसकी हालत जयदा ख़राब होने लगा तो बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें एयर एंबुलेंस के ज़रिये दिल्ली में एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था | अब वह पूरी तरह होश में हैं | लोगों की बातों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं |

आप को बता दे कब और कैसे हुई थी ये घटना :-

जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में  14 फरवरी को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में CRPF कमांडेंट चीता घायल हो गए थे | वही इस मुठभेड़ में 3 जवानों भी शहीद हो गए थे | जब CRPF को इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खबर मिली तो उसके बाद सुरक्षा बलों ने सर्च अभियान चलाया था, लेकिन सर्च अभियान की जानकारी आतंकियों को पहले ही मिल गई थी | उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया | चेतन ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे | आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान चीता पर 30 गोलियां दागी गईं, जिनमें 9 गोलियां लगी थीं |