Covid Update: कोरोना हुआ तो 3-4 दिन में ठीक हो जाएगा… कब तक डर-डरकर जीते रहेंगे, मेट्रो में मास्क न पहनने वाले दे रहे कैसे-कैसे लॉजिक…
नई दिल्लीः कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब जिला प्रशासन एक बार फिर मास्क न पहनने वालों पर सख्ती करेगा। इनके लिए 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान पहले भी था, लेकिन अब इसके लिए अधिक टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।रेवेन्यू डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि मास्क न पहनने वालों पर सख्ती की जाए। पूरी तरह परखने के बाद डीडीएमए ने कहा है कि लोग सार्वजनिक जगहों पर मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। कोविड बिहेवियर का पालन भी नहीं हो रहा है। इसलिए अब मास्क न पहनने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाए। निजी कार में चलते वाले लोगों पर यह जुर्माना नहीं लगेगा। साउथ दिल्ली डीएम की तरफ से इसके लिए तीन टीमों का गठन भी किया गया है। यह टीम तहसीलदारों की निगरानी में काम करेंगी। हर टीम में 15 सिविल डिफेंस वॉलंटियर भी होंगे। लेकिन मेट्रो में लोगों का इस पर असर नहीं दिख रहा है।
‘आखिर कब तक डर-डरकर जीते रहेंगे…’
‘अभी तो बहुत माइल्ड केसेज आ रहे हैं।’ ‘अगर कोरोना हो भी गया तीन-चार दिन में घर पर ही ठीक हो जाएंगे।’ ‘अब पहले जैसी कोई डरने वाली बात नहीं है।’ ‘आखिर कब तक मास्क पहनते रहेंगे और डर-डरकर जीते रहेंगे।’ ‘हमने तो बूस्टर डोज लगा रखी है, अब कोई टेंशन नहीं है।’ ऐसी तमाम दलीलें देते हुए ज्यादातर लोग कोरोना को अभी भी हल्के में ले रहे हैं। इस वजह से दिल्ली में अब संक्रमण दर बढ़कर 20 फीसदी के नजदीक पहुंच गई है। इसे देखते हुए अब जिला प्रशासन फिर से सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है और सार्वजनिक जगहों पर मास्क ना पहनने वालों के चालान काटने के आदेश जारी होने शुरू हो गए हैं। मगर इसके बावजूद दिल्ली मेट्रो में मास्क के बिना भी लोगों को बेरोकटोक एंट्री मिल रही है।
बेरोकटोक बिना मास्क मेट्रो स्टेशन में एंट्री
उससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मेट्रो सिस्टम में करने के बाद तो डीएमआरसी की फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमें बिना मास्क पहने यात्रा कर रहे लोगों के चालान काट रही है, लेकिन यात्रियों को एंट्री देने से पहले उनकी चेकिंग करने वाले सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मी ऐसे लोगों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने से नहीं रोक रहे हैं। यही वजह है कि चालान कटने पर कई लोग मेट्रो की फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमों से इस बात पर बहस करते भी दिख रहे हैं कि जब एंट्री पर उन्हें किसी ने नहीं रोका-टोका, तो फिर अब अंदर उनके चालान क्यों काटे जा रहे हैं। डीएमआरसी की टीमें खुद तो चालान काट रही है, लेकिन सीआईएसएफ को इस पर ध्यान देने के लिए अलग से कोई निर्देश नहीं दिया गया है। यही वजह है कि जांच करने वाले सुरक्षाकर्मी खुद मास्क पहनकर रखने के बावजूद बिना मास्क पहने आ रहे लोगों को एंट्री से नहीं रोक रहे हैं। इस मामले में सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल का अभाव भी साफ नजर आ रहा है।
मेट्रो में अभी कंपल्सरी नहीं मास्क
सीआईएसएफ के डीआईजी (डीएमआरसी) जितेंद्र राणा का कहना है कि अभी डीडीएमए की तरफ से हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, जिसमें मास्क पहनना फिर से अनिवार्य किया गया हो। यात्रियों को मास्क पहनने की सलाह जरूर दी गई है, लेकिन अभी उसे कंपल्सरी नहीं किया गया है। जब डीडीएमए का ऐसा कोई आदेश जाएगा, तो हम उसके आधार पर उचित कार्रवाई करेंगे। इस बीच मेट्रो के कई यात्री भी अब बढ़ती संक्रमण दर को देखते हुए सोशल मीडिया के जरिए ऐसे लोगों की शिकायत कर रहे हैं, जो मेट्रो में बिना मास्क पहने यात्रा करते हैं। डीएमआरसी का कहना है कि उनकी फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमें लगातार मेट्रो स्टेशनों पर और ट्रेनों के अंदर चेकिंग कर रही हैं और बिना मास्क पहने यात्रा कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। पिछले महीने ऐसे 5 हजार से ज्यादा लोगों के चालान भी काटे गए थे, लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि आखिर बिना मास्क के लोगों को मेट्रो सिस्टम में एंट्री ही क्यों दी जा रही है?
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‘आखिर कब तक डर-डरकर जीते रहेंगे…’
‘अभी तो बहुत माइल्ड केसेज आ रहे हैं।’ ‘अगर कोरोना हो भी गया तीन-चार दिन में घर पर ही ठीक हो जाएंगे।’ ‘अब पहले जैसी कोई डरने वाली बात नहीं है।’ ‘आखिर कब तक मास्क पहनते रहेंगे और डर-डरकर जीते रहेंगे।’ ‘हमने तो बूस्टर डोज लगा रखी है, अब कोई टेंशन नहीं है।’ ऐसी तमाम दलीलें देते हुए ज्यादातर लोग कोरोना को अभी भी हल्के में ले रहे हैं। इस वजह से दिल्ली में अब संक्रमण दर बढ़कर 20 फीसदी के नजदीक पहुंच गई है। इसे देखते हुए अब जिला प्रशासन फिर से सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है और सार्वजनिक जगहों पर मास्क ना पहनने वालों के चालान काटने के आदेश जारी होने शुरू हो गए हैं। मगर इसके बावजूद दिल्ली मेट्रो में मास्क के बिना भी लोगों को बेरोकटोक एंट्री मिल रही है।
बेरोकटोक बिना मास्क मेट्रो स्टेशन में एंट्री
उससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मेट्रो सिस्टम में करने के बाद तो डीएमआरसी की फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमें बिना मास्क पहने यात्रा कर रहे लोगों के चालान काट रही है, लेकिन यात्रियों को एंट्री देने से पहले उनकी चेकिंग करने वाले सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मी ऐसे लोगों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने से नहीं रोक रहे हैं। यही वजह है कि चालान कटने पर कई लोग मेट्रो की फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमों से इस बात पर बहस करते भी दिख रहे हैं कि जब एंट्री पर उन्हें किसी ने नहीं रोका-टोका, तो फिर अब अंदर उनके चालान क्यों काटे जा रहे हैं। डीएमआरसी की टीमें खुद तो चालान काट रही है, लेकिन सीआईएसएफ को इस पर ध्यान देने के लिए अलग से कोई निर्देश नहीं दिया गया है। यही वजह है कि जांच करने वाले सुरक्षाकर्मी खुद मास्क पहनकर रखने के बावजूद बिना मास्क पहने आ रहे लोगों को एंट्री से नहीं रोक रहे हैं। इस मामले में सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल का अभाव भी साफ नजर आ रहा है।
मेट्रो में अभी कंपल्सरी नहीं मास्क
सीआईएसएफ के डीआईजी (डीएमआरसी) जितेंद्र राणा का कहना है कि अभी डीडीएमए की तरफ से हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, जिसमें मास्क पहनना फिर से अनिवार्य किया गया हो। यात्रियों को मास्क पहनने की सलाह जरूर दी गई है, लेकिन अभी उसे कंपल्सरी नहीं किया गया है। जब डीडीएमए का ऐसा कोई आदेश जाएगा, तो हम उसके आधार पर उचित कार्रवाई करेंगे। इस बीच मेट्रो के कई यात्री भी अब बढ़ती संक्रमण दर को देखते हुए सोशल मीडिया के जरिए ऐसे लोगों की शिकायत कर रहे हैं, जो मेट्रो में बिना मास्क पहने यात्रा करते हैं। डीएमआरसी का कहना है कि उनकी फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमें लगातार मेट्रो स्टेशनों पर और ट्रेनों के अंदर चेकिंग कर रही हैं और बिना मास्क पहने यात्रा कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। पिछले महीने ऐसे 5 हजार से ज्यादा लोगों के चालान भी काटे गए थे, लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि आखिर बिना मास्क के लोगों को मेट्रो सिस्टम में एंट्री ही क्यों दी जा रही है?