Coronavirus News: कोरोना मरीज 10 मीटर दूर से फैला सकता है संक्रमण, केंद्र की नई अडवाइजरी में वेंटिलेशन बढ़ाने पर जोर h3>
हाइलाइट्स:
- कोरोना को लेकर केंद्र सरकार की नई अडवाइजरी
- मुख्य वैज्ञानिक सलाहकरा के. विजय राघवन ने की अडवाजइरी
- कोरोना मरीज के 10 मीटर के दायर में संक्रमण का खतरा
नई दिल्ली
कोरोना वायरस को लेकर सरकार की तरफ से नई अडवाइजरी जारी की गई है। केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन की ओर से जारी इस अडवाइजरी के अनुसार कोरोना संक्रमित शख्स के आसपास 10 मीटर के दायर में लोगों के संक्रमित होने का खतरा है, इसलिए घर, ऑफिस और अन्य सार्वजनिक जगहों पर वेंटिलेशन बढ़ाने की सलाह दी गई है।
10 मीटर दूर तक संक्रमण का खतरा
केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के अनुसार, ‘किसी कोरोना संक्रमित शख्स का स्लाइवा और नेजल डिस्चार्ज, ड्रॉपलेट और एयरोसॉल के रूप में कोरोना संक्रमण फैलाने की प्रधान वजह हैं। ड्रॉपलेट जहां 2 मीटर तक जाकर सतह पर बैठ जाता है, वहीं एयरोसॉल 10 मीटर तक हवा में फैल सकता है।’ इसलिए कोरोना नियमों के सख्ती से पालन की सलाह दी गई है।
10 राज्यों के 54 DM के साथ मीटिंग के बाद बोले पीएम मोदी- गांवों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत
वेंटिलेशन बढ़ाने पर जोर
इस अडवाइजरी में कहा गया है कि मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा वेंटिलेशन जैसी सामान्य चीजों का पालन करके कोरोना महामारी के संक्रमण को रोका जा सकता है। इस डॉक्युमेंट में कोरोना को रोकने में वेटिंलेशन पर काफी जोर दिया गया है। अडवाइजरी में कहा गया है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में घरों, ऑफिसों और सार्वजनिक जगहों पर तेजी से वेंटिलेशन सुनिश्चित करने की जरूरत है। अडवाइजरी में घरों, ऑफिसों और सेंट्रलाइज्ड बिल्डिंग में पंखे लगाकर, खिड़कियां-दरवाजे खोलकर एयर सर्कुलेशन बढ़ाने की बात कही गई है।
हवा का सर्कुलेशन कम करेगा कोरोना का खतरा
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के अनुसार किसी संक्रमित शख्स के हंसने, बोलने, खांसने आदि से जो ड्रॉपलेट या एयरोसोल निकलता है वह वायरस के ट्रांसमिशन का प्रधान कारण है। जिस तरह से किसी जगह पर हवा का सर्कुलेशन बढ़ने से वहां पर आ रही गंध खत्म हो जाती है, उसी तरीके से किसी जगह पर वेंटिलेशन बढ़ाने से वहां कोरोना फैलने का खतरा कम हो जाता है।
सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स:
- कोरोना को लेकर केंद्र सरकार की नई अडवाइजरी
- मुख्य वैज्ञानिक सलाहकरा के. विजय राघवन ने की अडवाजइरी
- कोरोना मरीज के 10 मीटर के दायर में संक्रमण का खतरा
कोरोना वायरस को लेकर सरकार की तरफ से नई अडवाइजरी जारी की गई है। केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन की ओर से जारी इस अडवाइजरी के अनुसार कोरोना संक्रमित शख्स के आसपास 10 मीटर के दायर में लोगों के संक्रमित होने का खतरा है, इसलिए घर, ऑफिस और अन्य सार्वजनिक जगहों पर वेंटिलेशन बढ़ाने की सलाह दी गई है।
10 मीटर दूर तक संक्रमण का खतरा
केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के अनुसार, ‘किसी कोरोना संक्रमित शख्स का स्लाइवा और नेजल डिस्चार्ज, ड्रॉपलेट और एयरोसॉल के रूप में कोरोना संक्रमण फैलाने की प्रधान वजह हैं। ड्रॉपलेट जहां 2 मीटर तक जाकर सतह पर बैठ जाता है, वहीं एयरोसॉल 10 मीटर तक हवा में फैल सकता है।’ इसलिए कोरोना नियमों के सख्ती से पालन की सलाह दी गई है।
10 राज्यों के 54 DM के साथ मीटिंग के बाद बोले पीएम मोदी- गांवों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत
वेंटिलेशन बढ़ाने पर जोर
इस अडवाइजरी में कहा गया है कि मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा वेंटिलेशन जैसी सामान्य चीजों का पालन करके कोरोना महामारी के संक्रमण को रोका जा सकता है। इस डॉक्युमेंट में कोरोना को रोकने में वेटिंलेशन पर काफी जोर दिया गया है। अडवाइजरी में कहा गया है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में घरों, ऑफिसों और सार्वजनिक जगहों पर तेजी से वेंटिलेशन सुनिश्चित करने की जरूरत है। अडवाइजरी में घरों, ऑफिसों और सेंट्रलाइज्ड बिल्डिंग में पंखे लगाकर, खिड़कियां-दरवाजे खोलकर एयर सर्कुलेशन बढ़ाने की बात कही गई है।
हवा का सर्कुलेशन कम करेगा कोरोना का खतरा
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के अनुसार किसी संक्रमित शख्स के हंसने, बोलने, खांसने आदि से जो ड्रॉपलेट या एयरोसोल निकलता है वह वायरस के ट्रांसमिशन का प्रधान कारण है। जिस तरह से किसी जगह पर हवा का सर्कुलेशन बढ़ने से वहां पर आ रही गंध खत्म हो जाती है, उसी तरीके से किसी जगह पर वेंटिलेशन बढ़ाने से वहां कोरोना फैलने का खतरा कम हो जाता है।
सांकेतिक तस्वीर