Corona Vaccine: लो डिमांड, नो प्रोडक्शन, कैसे होगी वैक्सीन की सप्लाई

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Corona Vaccine: लो डिमांड, नो प्रोडक्शन, कैसे होगी वैक्सीन की सप्लाई

Corona Vaccine: लो डिमांड, नो प्रोडक्शन, कैसे होगी वैक्सीन की सप्लाई

नई दिल्ली: कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। देश में तेजी से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। लेकिन कोरोना की वैक्सीन बनाने में सबसे आगे रहने वाले देश में अब टीके खत्म हो गए हैं। देश में ज्यादातर राज्यों ने रिपोर्ट किया है कि उनके पास वैक्सनी खत्म हो गई है। पिछले कुछ महीने पहले उनका वैक्सीनेशन का कार्यक्रम बंद हो चुका है। CoWin पोर्टल के मुताबिक, बीते मंगलवार को भारत में सिर्फ 105 निजी और सरकारी साइटें वैक्सीनेशन अभियान चला रही थीं। इसमें दिल्ली में सिर्फ छह निजी साइटें और मुंबई में दो शामिल हैं। 31 मार्च को कोवाक्सिन का स्टॉक खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के सभी सरकारी केंद्रों ने वैक्सीनेशन बंद कर दिया था। राज्य के एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से अपने स्टॉक को फिर से भरने के लिए कहा है।

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अस्पतालों में खत्म हुई वैक्सीन

चेन्नई में केवल एक ऑपरेशनल वैक्सीनेशन सेंटर है। कोलकाता के अधिकांश निजी अस्पतालों में या तो टीके खत्म हो गए हैं या अप्रैल के अंत तक उनका स्टॉक खत्म हो जाएगा। मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में फरवरी से शॉट्स उपलब्ध नहीं हैं। यही कहानी छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव के एनसीआर शहरों और तमिलनाडु और केरल के दक्षिणी राज्यों की भी है।

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इस वजह से खत्म हुआ स्टॉक

स्टॉक खत्म होने की एक वजह इसकी डिमांड में कमी है। पिछले साल जुलाई से कोरोना के मामले काफी कम देखे गए। वहीं ऐसे संस्थान जहां वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य था वहां भी छूट दे दी गई। वहीं ज्यादातर अस्पतालों पर एक्सपायरी डेट से पहले स्टॉक क्लियर करने का दबाव था। ऐसे में उन्होंने कोई नया ऑर्डर नहीं दिया। मांग में गिरावट की वजह से वैक्सीन निर्माताओं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को क्रमशः कोविशील्ड और कोवाक्सिन का उत्पादन बंद करना पड़ा।

कंपनी को उठाना पड़ा नुकसान

भारत बायोटेक के एक अधिकारी के मुताबिक, कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि इस साल की शुरुआत में शीशियों की अवधि खत्म होने के कारण कोवाक्सिन की लगभग 50 मिलियन खुराक को नष्ट करना पड़ा था। ‘उत्पाद की मांग में कमी के कारण साल 2022 की शुरुआत में Covaxin का उत्पादन बंद करना शुरू किया गया था। बिहार के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह के मुताबिक, उन्होंने नए स्टॉक के लिए केंद्र से मांग की है।

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