बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Former CM Siddaramaiah) ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के टीके के लिए 250 रुपये शुल्क वसूलने के फैसले पर सरकार दोबारा विचार करे.
मुफ्त टीकाकरण की बात
सिद्धारमैया ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से निजी अस्पतालों को प्रति टीका 250 रुपये शुल्क वसूलने की अनुमति दिए जाने के निर्णय पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया और कहा कि यह महामारी के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मुफ्त टीकाकरण (Zero Cost Vaccination) की वकालत की है.
सिद्धारमैया ने पत्र में लिखा है, ‘निजी स्वास्थ्य केंद्रों को टीका लगाने के लिए 250 रुपये शुल्क वसूलने की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले से सभी के लिए प्रतिरक्षा सुनिश्चित करने और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयासों पर उल्टा प्रभाव पड़ेगा.’
पीएम से किया फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह
उन्होंने लिखा, ‘मैं भारत के प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस निर्णय पर दोबारा विचार करें और प्रत्येक भारतीय के लिये शून्य कीमत (बिना किसी शुल्क के) पर टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें.’
ये भी पढ़ें- TMC ने जारी की 291 उम्मीदवारों की लिस्ट, इस सीट से चुनाव लड़ेंगी ममता बनर्जी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान धीमी गति से चल रहा है और देश में अब तक आधे प्रतिशत लोगों का टीकाकरण किया गया है जबकि दूसरे देश अपने लोगों के बीच तेजी से प्रतिरक्षा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.
उनके अनुसार इजरायल ने 36 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण किया है जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में क्रमश: छह और चार फीसदी लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है.
केंद्र और राज्य सरकारें उठाएं इसका बोझ
सिद्धारमैया ने ये भी कहा कि भारत में इस दर में तभी प्रगति हो सकती है जब लोगों के लिए बिना किसी कीमत के यह टीका हर जगह उपलब्ध हो. टीकाकरण अभियान के लिए निजी संस्थानों के साथ समझौते का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों को प्रतिपूर्ति के लिए बोझ उठाना चाहिए.