बंगाल चुनाव: करारी हार के बाद छिड़ी रार, कांग्रेसी बोले- कब तक मोदी की हार पर ही होंगे खुश
पश्चिम बंगाल, असम, केरल से लेकर पुडुचेरी तक में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद अब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हो गई है। पार्टी के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने लीडरशिप पर निशाना साधते हुए कहा है कि बंगाल में कांग्रेस का सरेंडर करना बेहद निराशाजनक रहा है। यह अस्वीकार्य है। बंगाल में भी कांग्रेस यूपी और तमिलनाडु की राह पर चल पड़ी है। संजय झा ने बंगाल में 2016 का उदाहरण देते हुए कहा कि तब कांग्रेस को राज्य में 12.25% वोट शेयर के साथ 44 सीटें मिली थीं। यही नहीं कांग्रेस में कॉरपोरेट कल्चर का भी उन्होंने आरोप लगाया।
संजय झा ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘यदि कांग्रेस कॉरपोरेट है और एक सीईओ के द्वारा संचालन होता है तो फिर उसके पूरे बोर्ड को ही खुद से इस्तीफे दे देने चाहिए। शेयरहोल्डर्स को इसे खुशी के साथ स्वीकार करना चाहिए। नया सीईओ और नई टीम चुनी जानी चाहिए। यह कोई बड़ी बात नहीं है। अकेले प्रदर्शन ही मायने रखता है। बदलवा अच्छी चीज है।’ यही नहीं बीजेपी की असफलता पर कांग्रेस की खुशी पर भी संजय झा ने अपनी बात रखी है।
If Congress was a corporate, by now the CEO and the entire board would have voluntarily submitted their resignations. The shareholders would happily accept it. A new CEO and team would be appointed. That’s life. It’s no big deal. Performance alone matters.
Change is good.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) May 3, 2021
संजय झा ने ट्वीट किया, ‘मेरी कांग्रेस और उनके समर्थकों से अपील है कि बंगाल में बीजेपी के सत्ता में न आ पाने का जश्न मनाने में समय खराब न करें। सारांश यह है- बीजेपी ने असम जीता। पुडुचेरी में विजेता गठबंधन का हिस्सा बनी। बंगाल में मुख्य विपक्षी दल बनी। खुद पर फोकस करें। अपनी खामियों को दूर करें। यह संकट है।’ यही नहीं केरल में भी कांग्रेस की पराजय पर सवाल उठाते हुए संजय झा ने कहा कि बंगाल में 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी टीएमसी वापस आ गई है। इसके अलावा बंगाल में बीजेपी ने अपनी ताकत को बढ़ा लिया है। विपक्ष में रहने के बाद भी कांग्रेस के पास बचाव के लिए कुछ नहीं है। इसके अलावा केरल में भी कांग्रेस मौके का फायदा नहीं उठा सकी है।
यदि हम (कांग्रेसी) मोदी की हार में ही अपनी खुशी ढूंढते रहेंगे, तो अपनी हार पर आत्म-मंथन कैसे करेंगे 🙄
— Dr. Ragini Nayak (@NayakRagini) May 2, 2021
रागिनी नायक बोलीं, कब तक मोदी की हार में ढूंढते रहेंगे खुशी
संजय झा के अलावा कांग्रेस की मौजूदा प्रवक्ता रागिनी नायक ने भी कांग्रेस के रवैये पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘यदि हम (कांग्रेसी) मोदी की हार में ही अपनी खुशी ढूंढते रहेंगे, तो अपनी हार पर आत्म-मंथन कैसे करेंगे।’ हालांकि एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने राहुल गांधी की लीडरशिप पर भरोसे की बात भी कही है। रागिनी नायक ने लिखा है, नाउम्मीद नहीं दिल, नाकाम ही तो है। लम्बी है ग़म की शाम, मगर शाम ही तो है। इस शाम की सुबह होना तय है, बशर्ते हम ‘जीत’ को मछली की आंख मान कर संघर्षरत रहें। आखिरकार, देश में भाजपा के कुशासन का अंत करने का सामर्थ्य सिर्फ़ कांग्रेस में है और मोदी को हराने का दम राहुल गांधी में है।’
To lead without accountability is to enjoy the privilege without the responsibility. I wonder how long the Congress will continue thanking others for defeating the BJP?
— Akhil Sibal (@SibalAkhil) May 2, 2021
कपिल सिब्बल के बेटे का सवाल, कब तक बीजेपी को हराने पर देंगे दूसरों को धन्यवाद
यही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अखिल सिब्बल ने भी कांग्रेस नेतृत्व पर ट्वीट कर सवाल उठाया है। अखिल सिब्बल ने लिखा है, ‘बिना जवाबदेही के नेतृत्व करना, ऐसा ही है कि बिना जिम्मेदारी के विशेषाधिकारों का आनंद लिया जाए। मुझे आश्चर्य है कि आखिर कब तक बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस की ओर से दूसरों को शुक्रिया अदा किया जाता रहेगा।
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