Congress Crisis: अच्छा देखते हैं… कांग्रेस के भीतर नहीं बची इसकी गुंजाइश, CWC की बैठक में उठ सकते हैं कई सवाल h3>
नई दिल्ली: अच्छा देखते हैं… इसको आसान शब्दों में समझा जाए तो टालना कहते हैं। ऐसा ही कुछ कांग्रेस (Congress) की ओर से पिछले कुछ सालों से किया जा रहा है। एक के बाद एक हार और हार के बाद बैठक लेकिन कोई महत्वपूर्ण फैसला न हो पाना। शायद कांग्रेस को हर बार यह उम्मीद बंध जाती है कि अब आगे कुछ ठीक हो जाए और साथ ही एक मजबूरी भी। लेकिन अब ऐसा आगे भी चलता रहे यह होने वाला नहीं है क्योंकि अब संकट उसके अस्तित्व पर आ गया है। हार तो अपनी जगह है कांग्रेस अब तक चुनाव नहीं करा सकी कि पार्टी का अगला अध्यक्ष (Next Party President) कौन होगा। कभी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का इनकार और फिर कभी हामी भरना, कंफ्यूजन और भी बढ़ जाता है। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस के भीतर G-23 के नेताओं ने शीर्ष आलाकमान की बेचैनी और भी बढ़ा दी है। इस बीच कल यानी रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक होगी।
अब नहीं तो कब, फैसला तो करना ही होगा
कांग्रेस पार्टी को करीब से देखने वाले लोगों का मानना है कि सोनिया गांधी को अब फैसला करना होगा। साथ ही यह भी अब साफ करना होगा कि पार्टी की कमान गांधी परिवार के ही हाथ में रहेगी या कोई दूसरा। इस बारे में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चर्चा हो सकती है। पांच राज्यों के जो नतीजे आए हैं उसमें कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है। पार्टी का प्रदर्शन खराब इसके पहले के भी चुनाव में रहा है लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ जिसका मुद्दा सीडब्लूसी की बैठक में उठ सकता है। पंजाब वो राज्य है जहां राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ओर से ऐसे फैसले लिए गए जिन पर सवाल उठ सकता है।
उत्तराखंड और गोवा में पार्टी वापसी की राह देख रही थी लेकिन इन राज्यों में इंतजार लंबा हो गया और पंजाब से ऐसी विदाई हुई है कि जिसका दर्द पार्टी नेताओं को लंबे समय तक याद रहेगा। नेताओं को दिल्ली याद आ रहा है जहां आम आदमी पार्टी ने उसकी जगह ली तो उनका क्या हाल हुआ। पंजाब में AAP का कब्जा हो चुका है और अब कांग्रेस के लिए इस राज्य में भी वापसी अब आसान नहीं। इनमें से कुछ ऐसे मुद्दे है जो CWC की बैठक में उठ सकते हैं।
क्या संगठन के चुनाव हो सकते हैं पहले
विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक रविवार को होगी। इस बैठक में हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार शाम चार बजे सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है। कांग्रेस में संगठन के चुनाव सितंबर में प्रस्तावित है लेकिन नेतृत्व को लेकर उठते सवालों के बाद ऐसा भी हो सकता है कि इसे पहले कराया जाए। पार्टी के भीतर से कई नेता शीर्ष स्तर तक बदलाव की मांग कर चुके हैं। वहीं पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद कुछ नेताओं ने पार्टी भी छोड़ दी है। इन सबके बीच अब तक किसी बड़े नेता की ओर से हार की जिम्मेदारी भी नहीं ली गई है और पार्टी के भीतर आंतरिक कलह बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक ऐसे हालात में काफी अहम है।
इस बार अनदेखी कैसे करेंगे
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस के भीतर अंसतोष बढ़ा है। नतीजों के ठीक एक दिन बाद पार्टी के जी 23 समूह के कई नेताओं ने दिल्ली में बैठक की। बैठक राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस की हार पर चर्चा हुई। बैठक के बाद यह तय हुआ कि जो पुरानी मांगे हैं उनको एक बार फिर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने उठाया जाएगा। कांग्रेस के G-23 समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में परिवर्तन की मांग की थी। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद जी 23 समूह के नेताओं की बैठक कांग्रेस आलाकमान के लिए एक अलग चुनौती है।
अब नहीं तो कब, फैसला तो करना ही होगा
कांग्रेस पार्टी को करीब से देखने वाले लोगों का मानना है कि सोनिया गांधी को अब फैसला करना होगा। साथ ही यह भी अब साफ करना होगा कि पार्टी की कमान गांधी परिवार के ही हाथ में रहेगी या कोई दूसरा। इस बारे में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चर्चा हो सकती है। पांच राज्यों के जो नतीजे आए हैं उसमें कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है। पार्टी का प्रदर्शन खराब इसके पहले के भी चुनाव में रहा है लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ जिसका मुद्दा सीडब्लूसी की बैठक में उठ सकता है। पंजाब वो राज्य है जहां राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ओर से ऐसे फैसले लिए गए जिन पर सवाल उठ सकता है।
उत्तराखंड और गोवा में पार्टी वापसी की राह देख रही थी लेकिन इन राज्यों में इंतजार लंबा हो गया और पंजाब से ऐसी विदाई हुई है कि जिसका दर्द पार्टी नेताओं को लंबे समय तक याद रहेगा। नेताओं को दिल्ली याद आ रहा है जहां आम आदमी पार्टी ने उसकी जगह ली तो उनका क्या हाल हुआ। पंजाब में AAP का कब्जा हो चुका है और अब कांग्रेस के लिए इस राज्य में भी वापसी अब आसान नहीं। इनमें से कुछ ऐसे मुद्दे है जो CWC की बैठक में उठ सकते हैं।
क्या संगठन के चुनाव हो सकते हैं पहले
विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक रविवार को होगी। इस बैठक में हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार शाम चार बजे सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है। कांग्रेस में संगठन के चुनाव सितंबर में प्रस्तावित है लेकिन नेतृत्व को लेकर उठते सवालों के बाद ऐसा भी हो सकता है कि इसे पहले कराया जाए। पार्टी के भीतर से कई नेता शीर्ष स्तर तक बदलाव की मांग कर चुके हैं। वहीं पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद कुछ नेताओं ने पार्टी भी छोड़ दी है। इन सबके बीच अब तक किसी बड़े नेता की ओर से हार की जिम्मेदारी भी नहीं ली गई है और पार्टी के भीतर आंतरिक कलह बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक ऐसे हालात में काफी अहम है।
इस बार अनदेखी कैसे करेंगे
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस के भीतर अंसतोष बढ़ा है। नतीजों के ठीक एक दिन बाद पार्टी के जी 23 समूह के कई नेताओं ने दिल्ली में बैठक की। बैठक राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस की हार पर चर्चा हुई। बैठक के बाद यह तय हुआ कि जो पुरानी मांगे हैं उनको एक बार फिर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने उठाया जाएगा। कांग्रेस के G-23 समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में परिवर्तन की मांग की थी। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद जी 23 समूह के नेताओं की बैठक कांग्रेस आलाकमान के लिए एक अलग चुनौती है।