Congress Chintan Shivir: कांग्रेस में ‘एक परिवार-एक टिकट’ की सशर्त व्यवस्था! प्रियंका गांधी और वैभव गहलोत का रास्ता साफ h3>
उदयपुर: कांग्रेस के तीन दिवसीय नव-संकल्प चिंतन शिविर (nav sankalp chintan shivir) के पहले दिन शुक्रवार को पार्टी में कई बड़े सुधारों को लेकर चर्चा हुई। 400 से ज्यादा कांग्रेसियों के बीच मंथन के दौरान ‘एक परिवार, एक टिकट’ (1 family-1 ticket) की व्यवस्था पर भी बात हुई। इस व्यवस्था को लागू करने पर चिंतन के दौरान एक प्रावधान भी जोड़ने पर मंथन हुआ। इसके तहत परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा जब उसने पार्टी के लिए कम से कम 5 साल तक काम किया हो। कांग्रेस के ‘एक परिवार, एक टिकट’ के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने और इस प्रावधान के लागू होने की स्थिति में गांधी-नेहरू परिवार (gandhi nehru family) के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) के परिवार के सदस्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यानी राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा (priyanka gandhi) के अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ रहेगा क्योंकि प्रियंका 2019 के शुरु में सक्रिय राजनीति में उतरी थीं। इसी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पुत्र वैभव गहलोत (vaibhav gehlot) के एक साथ चुनाव लड़ने में दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि वैभव पिछले कई वर्षों से पार्टी संगठन से जुड़े हुए हैं।
सशर्त होगा ‘एक परिवार, एक टिकट’ प्रावधान
चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने बताया, ‘एक परिवार, एक टिकट पर चर्चा हुई है। इस पर सहमति बन रही है। इसमें यह प्रावधान भी होगा कि परिवार के दूसरे व्यक्ति को टिकट पाने के लिए कम से कम पांच साल तक पार्टी के लिए काम करना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकाएक चुनाव लड़ ले। अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो उसे संगठन के लिए अपने पांच साल देने होंगे।’
विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता
‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ की शुरुआत के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘विशाल सामूहिक प्रयासों’ के माध्यम से पार्टी में नई जान फूंकने का आह्वान करते हुए कहा कि असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है। संगठन में बड़े सुधारों की पैरवी करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है। इस बात के प्रति मैं पूरी तरह सचेत हूं।’ उन्होंने कहा ‘मैं यह भी जोर देकर कहना चाहती हूं कि विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता है। वह सामूहिक विशाल प्रयास न टाले जा सकते हैं, न टाले जाएंगे।’
अब समय है कर्ज उतारने का, इससे जरूरी कुछ नहीं
सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया, ‘हमारे लंबे और सुनहरे इतिहास में आज ऐसा समय आया है जब हमें अपनी निजी आकांक्षाओं को संगठन के हित के अधीन रखना होगा। पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। अब समय है कर्ज उतारने का। मैं समझती हूं कि इससे आवश्यक कुछ नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आप सबसे आग्रह करती हूं कि अपने विचार खुलकर रखें। लेकिन सिर्फ संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश बाहर जाना चाहिए।’ कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा कि संगठन की विभिन्न समितियों में युवाओं के लिए 50 प्रतिशत जगह आरक्षित करने, स्थानीय स्तर पर मंडल समितियां बनाने, पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के लिए एक आकलन इकाई बनाने और एक पद पर किसी व्यक्ति के लगातार पांच साल से ज्यादा नहीं रहने की व्यवस्था तय करने के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
ब्लॉक और पोलिंग बूथ के बीच मंडल समितियां बनेंगी!
चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन के अनुसार, ‘ब्लॉक और पोलिंग बूथ के बीच मंडल समितियां बनाने का प्रस्ताव आया है। यह सुझाव आया है कि हर ब्लॉक समिति के तहत तीन से पांच मंडल समितियां बननी चाहिए। हर मंडल समिति के तहत 15 से 20 बूथ आएंगे। इस विषय पर शिविर में चर्चा होगी।’ माकन ने बताया, ‘यह सुझाव भी है कि कोई भी व्यक्ति किसी पद पर पांच साल से ज्यादा समय तक नहीं रहे। अगर उसे पांच साल से ज्यादा समय तक पद पर रहना है तो उसके लिए तीन साल का ‘कूलिंग पीरियड’ हो और फिर वह उस पद पर आ सके।’ माकन ने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए पार्टी में ‘पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट’ बनाने का भी प्रस्ताव है।
अच्छा काम तो ‘पदोन्नति’ अच्छा काम नहीं तो पद से हटाया जाएगा!
माकन ने कहा, ‘यह अक्सर कहा जाता है कि जो पदाधिकारी अच्छा काम करता है उसे ईनाम नहीं मिलता। इसको लेकर एक मापदंड तय करने के लिए अलग से आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बनाने पर सहमति बन रही है। इसके तहत यह सुझाव है कि जो अच्छा काम कर रहे हैं उनको पदोन्नति दी जाए और जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं कि उनको पद पर न रखा जाए।’ उन्होंने यह भी बताया कि संगठन में स्थानीय समिति से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक, हर समिति में 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। चिंतन शिविर में गुलाम नबी आजाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर, आनंद शर्मा और ‘जी 23’ के कई नेता शामिल हुए, हालांकि इस समूह के एक अन्य प्रमुख सदस्य कपिल सिब्बल इस आयोजन में शामिल नहीं हुए हैं।
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सशर्त होगा ‘एक परिवार, एक टिकट’ प्रावधान
चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने बताया, ‘एक परिवार, एक टिकट पर चर्चा हुई है। इस पर सहमति बन रही है। इसमें यह प्रावधान भी होगा कि परिवार के दूसरे व्यक्ति को टिकट पाने के लिए कम से कम पांच साल तक पार्टी के लिए काम करना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकाएक चुनाव लड़ ले। अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो उसे संगठन के लिए अपने पांच साल देने होंगे।’
विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता
‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ की शुरुआत के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘विशाल सामूहिक प्रयासों’ के माध्यम से पार्टी में नई जान फूंकने का आह्वान करते हुए कहा कि असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है। संगठन में बड़े सुधारों की पैरवी करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है। इस बात के प्रति मैं पूरी तरह सचेत हूं।’ उन्होंने कहा ‘मैं यह भी जोर देकर कहना चाहती हूं कि विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता है। वह सामूहिक विशाल प्रयास न टाले जा सकते हैं, न टाले जाएंगे।’
अब समय है कर्ज उतारने का, इससे जरूरी कुछ नहीं
सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया, ‘हमारे लंबे और सुनहरे इतिहास में आज ऐसा समय आया है जब हमें अपनी निजी आकांक्षाओं को संगठन के हित के अधीन रखना होगा। पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। अब समय है कर्ज उतारने का। मैं समझती हूं कि इससे आवश्यक कुछ नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आप सबसे आग्रह करती हूं कि अपने विचार खुलकर रखें। लेकिन सिर्फ संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश बाहर जाना चाहिए।’ कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा कि संगठन की विभिन्न समितियों में युवाओं के लिए 50 प्रतिशत जगह आरक्षित करने, स्थानीय स्तर पर मंडल समितियां बनाने, पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के लिए एक आकलन इकाई बनाने और एक पद पर किसी व्यक्ति के लगातार पांच साल से ज्यादा नहीं रहने की व्यवस्था तय करने के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
ब्लॉक और पोलिंग बूथ के बीच मंडल समितियां बनेंगी!
चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन के अनुसार, ‘ब्लॉक और पोलिंग बूथ के बीच मंडल समितियां बनाने का प्रस्ताव आया है। यह सुझाव आया है कि हर ब्लॉक समिति के तहत तीन से पांच मंडल समितियां बननी चाहिए। हर मंडल समिति के तहत 15 से 20 बूथ आएंगे। इस विषय पर शिविर में चर्चा होगी।’ माकन ने बताया, ‘यह सुझाव भी है कि कोई भी व्यक्ति किसी पद पर पांच साल से ज्यादा समय तक नहीं रहे। अगर उसे पांच साल से ज्यादा समय तक पद पर रहना है तो उसके लिए तीन साल का ‘कूलिंग पीरियड’ हो और फिर वह उस पद पर आ सके।’ माकन ने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए पार्टी में ‘पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट’ बनाने का भी प्रस्ताव है।
अच्छा काम तो ‘पदोन्नति’ अच्छा काम नहीं तो पद से हटाया जाएगा!
माकन ने कहा, ‘यह अक्सर कहा जाता है कि जो पदाधिकारी अच्छा काम करता है उसे ईनाम नहीं मिलता। इसको लेकर एक मापदंड तय करने के लिए अलग से आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बनाने पर सहमति बन रही है। इसके तहत यह सुझाव है कि जो अच्छा काम कर रहे हैं उनको पदोन्नति दी जाए और जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं कि उनको पद पर न रखा जाए।’ उन्होंने यह भी बताया कि संगठन में स्थानीय समिति से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक, हर समिति में 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। चिंतन शिविर में गुलाम नबी आजाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर, आनंद शर्मा और ‘जी 23’ के कई नेता शामिल हुए, हालांकि इस समूह के एक अन्य प्रमुख सदस्य कपिल सिब्बल इस आयोजन में शामिल नहीं हुए हैं।
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