कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 और शूटिंग वर्ल्ड कप में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय महिला शूटर मनु भाकर स्वदेश लौट आयी हैं. उनके गोल्डन सफर की खेल जगत ही नहीं आम जन में भी खूब तारीफ हो रही है| लेकिन विदेशी ज़मीन पर देश का सिर गर्व से ऊंचा करने वाली इस 16 वर्षीय युवा निशानेबाज़ को अपने ही देश में सम्मान की दरकार है| दरअसल मनु जब अपने गांव चरखी दादरी पहुंची तो उन्हें ज़मीन पर बैठाकर उनका अपमान किया गया|
कॉमनवेल्थ गेम्स में देश का नाम रौशन करने वाली मनु को सम्मानित करने के लिए चरखी दादरी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, लेकिन इसी कार्यक्रम में मनु को ज़मीन पर बैठाकर उनका अपमान किया गया| इस समारोह में मनु भाकर का पूरा परिवार भी शामिल हुआ था|
जब कार्यक्रम की शुरुआत हुई तब पहले तो मनु एक कुर्सी पर बैठी थी, लेकिन जैसे ही कार्यक्रम में वीआईपी लोगों की एंट्री हुई तो उन्हें कुर्सी से उठाकर ज़मीन पर बैठा दिया गया| मनु का इस तरह अपमान किए जाने के बाद अभिनंदन समारोह के प्रबंधकों की चौतरफा आलोचना हो रही है| हालांकि इस बारे में जब मनु भाकर से बातचीत हुई तो उन्होंने किसी के खिलाफ कुछ नहीं कहा|
मनु ने कहा, ‘इस कार्यक्रम में राज्य के कई सीनियर लोग उपस्थित थे| ऐसे में मैं उनके सामने कुर्सी पर बैठी रहती और वे खड़े रहते, यह मुझे अच्छा नहीं लगा| इसलिए मैंने अपनी मर्जी से कुर्सी छोड़कर जमीन पर बैठना सही समझा| कुर्सी से उठकर जमीन पर बैठने के लिए मुझे किसी ने कहा नहीं था’