commodity prices: जौ के भावों में गिरावट, गेहूं हुआ तेज | Barley prices fall, wheat intensifies | Patrika News h3>
commodity prices: माल्ट कंपनियों की मांग कमजोर पड़ने से जौ के भावों में नरमी का रुख देखा जा रहा है। मंडियों में जौ की कीमतें वर्तमान में 2900 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बोली जा रही हैं। लिहाजा जौ के भावों में 150 से 200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि उत्पादक मंडियों में जौ की दैनिक आवक पूर्व के मुकाबले 25 फीसदी से भी कम हो रही है। किसानों के पास जौ का स्टॉक लगभग नगण्य बताया जा रहा है। इस बीच भारतीय गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा करने और यूक्रेन में रूसी आक्रमण के बाद उत्पादन घटने की आशंका के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव उछल गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने हाल ही यह जानकारी दी है। एजेंसी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमतों में लगातार चौथे महीने 5.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कई प्रमुख निर्यातक देशों में फसल की स्थिति को लेकर चिंताओं और युद्ध के कारण यूक्रेन में उत्पादन कम होने की आशंकाओं के बीच भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के कारण गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 2200 रुपए प्रति क्विंटल पर लगभग स्थिर बना हुआ है। गौरतलब है कि भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत 13 मई 2022 को गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया था।
जौ के फायदे
जौ का दलिया खाने के फायदे में बढ़ते वजन को नियंत्रित करना भी शामिल है। इसलिए, बढ़ते वजन को कम करने की इच्छा रखने वाले लोग भी जौ को अपने आहार में जगह दे सकते है। जौ पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ ही कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में भी जौ का दलिया खाने के फायदे मददगार हो सकते हैं। हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के मामले में भी जौ खाने के फायदे हासिल हो सकते हैं। टाइप-2 डायबिटीज की समस्या से राहत पाने के लिए भी जो का आटा लाभकारी है।
जौ के नुकसान
जौ में लैक्सेटिव प्रभाव पाया जाता है। इस कारण इसका अधिक सेवन करने से दस्त की समस्या हो सकती है। जौ में एंटीडायबिटिक प्रभाव पाया जाता है। इस कारण डायबिटीज की दवा लेने वाले लोगों को इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए। इसमें कुछ एलर्जिक प्रभाव पाए जाते हैं, जिसके कारण इसके सेवन से कुछ बच्चों में एलर्जी की शिकायत हो सकती है। हालांकि, यह लैक्सेटिव प्रभाव के कारण कब्ज से राहत दिला सकता है, लेकिन स्टार्च की मौजूदगी के कारण इसका अधिक सेवन कुछ परिस्थितियों में कब्ज भी पैदा कर सकता है।