Coal Crisis: कोयले की किल्लत से राजस्थान में बिजली संकट, गहलोत ने लिखी बघेल को चिट्ठी, जानें पूरी बात h3>
नई दिल्ली: रक्षाबंधन का त्येाहार आ गया है। इसके बाद एक महीने भादो, फिर त्योहारी मौसम (Festival Season) शुरू हो जाएगा। त्योहारी मौसम शुरू होने से पहले ही राजस्थान में बिजली संकट शुरू हो गया है। बिजली संकट के पीछे राज्य के बिजली घर को पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई (Coal Supply) नहीं होना है। राजस्थान के 4,340 मेगावाट क्षमता वाले बिजली घर के लिए छत्तीसगढ़ के खदानों से कोयला आता है। इस समय उसे पर्याप्त मात्रा में कोयला मिल नहीं पा रहा है। इसलिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक चिट्ठी लिखी है।
प्रोडक्शन हो रहा है प्रभावित
गहलोत ने अपने पत्र में कहा है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमटेड के 4340 मेगावाट वाले पावर प्लांट (Rajasthan Power Plant) के लिए छत्तीगढ़ के हसदेव-अरण्य कोलफील्ड में परसा ईस्ट एवं कांता बासन (PEKB) कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है। वहां खनन कार्य जोर-शोर से चले, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार से वनभूमि पर माइनिंग के लिए आवश्यक अनुमित मिल गई है। लेकिन पर्याप्त भूमि सौंपी नहीं गई है। इससे वहां माइनिंग एक्टिविटी बंद सी हो गई है। इससे राजस्थान के बिजलीघरों में कोयला नहीं पहुंच रहा है और प्लांट में प्रोडक्शन बाधित हो रहा है।
हो सकता है गंभीर बिजली संकट
गहलोत ने पत्र में कहा है कि राजस्थान के इन बिजलीघरों की स्थापना में राज्य सरकार ने 29,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन मेगा प्रोजेक्ट में प्रोडक्शन तभी होगा, जबकि उन्हें छत्तीसगढ़ में आवंटित कोल ब्लॉक से नियमित रूप से पर्याप्त कोयला मिलेगा। यदि राज्य सरकार के बिजलीघर नहीं चलेंगे तो राज्य में गंभीर बिजली संकट हो सकता है। यह लॉ एंड आर्डर (Rajasthan Law & Order) को भी विपरीत रूप से प्रभावित करेगा।
जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने छत्तीसढ़ के मुख्यमंत्री से तुरंत हस्तक्षेप का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान को आवंटित कोल ब्लॉक में प्रोडक्शन शुरू करने के लिए छत्तीसढ़ सरकार को 91.21 हैक्टेयर भूमि तत्काल उपलब्ध कराए। इसके बाद वहां ऊपरी सतह की मिट्टी हटा कर प्रोडक्शन शुरू करना होगा। इसमें कम से कम दो महीने तो लगेंगे ही। अभी रबी सीजन आने वाला है। उस समय कृषि कार्य के लिए भी बिजली की डिमांड बढ़ेगी। त्योहारी सीजन में वैसे भी बिजली की डिमांड बढ़ती है।
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प्रोडक्शन हो रहा है प्रभावित
गहलोत ने अपने पत्र में कहा है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमटेड के 4340 मेगावाट वाले पावर प्लांट (Rajasthan Power Plant) के लिए छत्तीगढ़ के हसदेव-अरण्य कोलफील्ड में परसा ईस्ट एवं कांता बासन (PEKB) कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है। वहां खनन कार्य जोर-शोर से चले, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार से वनभूमि पर माइनिंग के लिए आवश्यक अनुमित मिल गई है। लेकिन पर्याप्त भूमि सौंपी नहीं गई है। इससे वहां माइनिंग एक्टिविटी बंद सी हो गई है। इससे राजस्थान के बिजलीघरों में कोयला नहीं पहुंच रहा है और प्लांट में प्रोडक्शन बाधित हो रहा है।
हो सकता है गंभीर बिजली संकट
गहलोत ने पत्र में कहा है कि राजस्थान के इन बिजलीघरों की स्थापना में राज्य सरकार ने 29,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन मेगा प्रोजेक्ट में प्रोडक्शन तभी होगा, जबकि उन्हें छत्तीसगढ़ में आवंटित कोल ब्लॉक से नियमित रूप से पर्याप्त कोयला मिलेगा। यदि राज्य सरकार के बिजलीघर नहीं चलेंगे तो राज्य में गंभीर बिजली संकट हो सकता है। यह लॉ एंड आर्डर (Rajasthan Law & Order) को भी विपरीत रूप से प्रभावित करेगा।
जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने छत्तीसढ़ के मुख्यमंत्री से तुरंत हस्तक्षेप का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान को आवंटित कोल ब्लॉक में प्रोडक्शन शुरू करने के लिए छत्तीसढ़ सरकार को 91.21 हैक्टेयर भूमि तत्काल उपलब्ध कराए। इसके बाद वहां ऊपरी सतह की मिट्टी हटा कर प्रोडक्शन शुरू करना होगा। इसमें कम से कम दो महीने तो लगेंगे ही। अभी रबी सीजन आने वाला है। उस समय कृषि कार्य के लिए भी बिजली की डिमांड बढ़ेगी। त्योहारी सीजन में वैसे भी बिजली की डिमांड बढ़ती है।
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