Chinese Manjha Death: आंखों के सामने बेटी को चीर गया चाइनीज मांझा, इस पिता का दर्द आपको रुला देगा h3>
आखिर तुम भी तो पिता होगे मौत बेचने वालो!
संदीप ने हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) को बताया, ‘मेरी बेटी की जिंदगी तो गई, लेकिन यह पहली मौत नहीं है। चाइनीज मांझे पर बैन लगा है, फिर भी यही सच है कि आगे भी यह बिकता रहेगा और मौतें होती रहेंगी। यह बाजार में अब भी आसानी से उपलब्ध है। मेरा प्रण है कि मैं इस लड़ाई को आखिर तक लड़ूंगा। आज मेरी बेटी है, कल किसी और की हो सकती है। चाइनीज मांझा बेचने वालों की धर-पकड़ होनी चाहिए और उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। उनके खिलाफ चौतरफा कार्रवाई होनी चाहिए।’
रुद्रकाशी ही नहीं, एक परिवार की उम्मीदों ने दम तोड़ दिए
रुद्रकाशी के परिजनों के मुताबिक, वह बहुत चंचल बच्ची थी। उसे बैडमिंटन और तैराकी का बहुत शौक था। पिता संदीप ने कहा, ‘वो 14 अक्टूबर को 8 साल की हो जाती। उसने खेल और पढ़ाई, दोनों में बहुत अच्छी थी।’ संदीप को अपनी बेटी पर बहुत नाज था और ढेर सारी उम्मीदें भी। अब उनके सामने बस एक ही दृश्य बार-बार उभरकर आता है कि कैसे मांझे से कटने के बाद रुद्रकाशी कैसे तड़पने लगी और आखिर में उसने दम ही तोड़ दिया। संदीप कहते हैं, ‘काश कुछ किया जा सकता उसे बचाने के लिए। हम बस अधिकारियों से यही चाहते हैं कि वे सख्त कार्रवाई करें और बाजार में प्रतिबंधित धागा बिलकुल नहीं बेचा जाए।’ रुद्रकाशी के पिता एक स्कूल में अकाउंटेंट हैं।
सप्ताह भर से सदमे में परिवार
पुलिस ने बताया कि चाइनीज मांझा बिजली के खंभे से लटका हुआ था जिससे रुद्रकाशी का जान गई। वह बाइक पर अपने पिता के आगे बैठी थी। पूरा परिवार उस भयावह वाकये से उबर नहीं पा रहा है। संदीप ने कहा, ‘रुद्रकाशी की मां अब भी सदमे से बाहर नहीं आ पा रही हैं। मैं समझ सकता हूं, उसके लिए यह आसान है भी नहीं। किसी को जन्म देना और फिर उसे किसी और की गलतियों के कारण यूं अचानक खो देना बहुत दुखदायी है।’
फिर ऐक्शन में आई पुलिस
इस दु:खद घटना के बाद पुलिस ने तलाशी अभियान छेड़ दिया है। पुलिस की टीमें दुकान-दुकान जाकर चाइनीज मांझे की तलाश कर रही हैं। ध्यान रहे कि सिर्फ इस वर्ष भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 188 के तहत 65 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। आईपीसी की यह धारा किसी सरकारी अधिकारी की तरफ से जारी निर्देशों का उल्लंघन को लेकर है। पुलिस ने 157 रोल चीनी मांझा और 473 पतंगें जब्त की हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘चीनी मांझे की बिक्री, उत्पादन और उपयोग को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘हम सभी पक्षों के साथ बैठकें कर रहे हैं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।’
बैन के बावजूद बढ़ रही है बिक्री
हैरत की बात है कि बैन के बावजूद चीनी मांझे की बिक्री और खरीद पिछले वर्ष 2022 में, वर्ष 2021 की तुलना में 18 गुना बढ़ गए थे। पुलिस डेटा के अनुसार, पिछले साल चाइनीज मांझे से जुड़े 271 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में 15 मामले ही दर्ज हुए थे।