चीन के ‘सूरज’ ने बनाया नया विश्‍व रेकॉर्ड, निकली 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस ऊर्जा, टेंशन में दुनिया

431
चीन के ‘सूरज’ ने बनाया नया विश्‍व रेकॉर्ड, निकली 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस ऊर्जा, टेंशन में दुनिया

चीन के ‘सूरज’ ने बनाया नया विश्‍व रेकॉर्ड, निकली 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस ऊर्जा, टेंशन में दुनिया

हाइलाइट्स

  • चीन के कृत्रिम सूरज ने हेफेई में एक बार फिर से नया विश्‍व रेकॉर्ड बनाया है
  • फ्यूजन रिएक्‍टर से 1,056 सेकंड तक 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस ऊर्जा निकली
  • चीन के इस नकली सूरज से निकली अपार ऊर्जा से दुनिया टेंशन में आ गई है

बीजिंग
चीन के कृत्रिम सूरज ने एक बार फिर से नया विश्‍व रेकॉर्ड बनाया है। हेफेई में स्थित चीन के इस न्‍यूक्लियर फ्यूजन रिएक्‍टर से 1,056 सेकंड या करीब 17 मिनट तक 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस ऊर्जा निकली। चीन की इस सूरज ने नया रेकॉर्ड गत 30 दिसंबर को बनाया। यह अब तक का सबसे ज्‍यादा समय है जब इतनी ऊर्जा इस परमाणु रिएक्‍टर से निकली है। इससे पहले इस नकली सूरज ने 1.2 करोड़ डिग्री ऊर्जा निकाली थी। इस बीच चीन के इस नकली सूरज से निकली अपार ऊर्जा से दुनिया टेंशन में आ गई है।

हेफेई इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंसेज ने एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामक (EAST) हीटिंग सिस्टम प्रॉजेक्‍ट शुरू किया है। यहां पर हैवी हाइड्रोजन की मदद से हीलियम पैदा किया जाता है। इस दौरान अपार ऊर्जा पैदा होती है। शुक्रवार को चाइना अकादमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ता गोंग शिंयाजू ने 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक ऊर्जा पैदा होने का ऐलान किया। गोंग के निर्देशन में ही हेफेई में यह प्रयोग चल रहा है।

प्‍लाज्‍मा ऑपरेशन करीब 1,056 सेकंड तक चला
चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्‍हुआ से बातचीत में गोंग ने कहा, ‘हमने 1.2 करोड़ डिग्री सेल्सियस के प्‍लाज्‍मा तापमान को साल 2021 के पहले 6 महीने में 101 सेकंड तक हासिल किया था। इस बार यह प्‍लाज्‍मा ऑपरेशन करीब 1,056 सेकंड तक चला। इस दौरान तापमान करीब 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक रहा। इससे एक संलयन आधारित परमाणु रिएक्‍टर को चलाने का ठोस वैज्ञानिक और प्रयोगात्‍मक आधार तैयार हो गया है।’

इस चीन के हाथ लगी इस अपार ऊर्जा से दुनिया के वैज्ञानिक टेंशन में आ गए हैं। चीन ने जहां वैश्विक हथियार प्रतिस्‍पर्द्धा में जहां बढ़त हासिल कर ली है, वहीं दुनिया की अन्‍य महाशक्तियां ऐसी नई तकनीक को खोजने के लिए संघर्ष कर रही हैं जिससे इंसान को ‘असीमित ऊर्जा’ मिल सके। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की कृ‍त्रिम सूरज को लेकर यह सफलता काफी महत्‍वपूर्ण है। चीन की इस सफलता से अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों को भी इस तकनीक में शोध करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।


चीन कृत्रिम सूर्य या टोकामक के निर्माण में पैसा पानी की तरह बहाया
वहीं चीन कृत्रिम सूरज की मदद से अपने स्‍थान को और ज्‍यादा मजबूत करने में जुट गया है। परमाणु संलयन के दौरान असीमित ऊर्जा निकलती है और चीनी सूरज में इसी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया है। वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि इस प्रक्रिया के जरिए इंसान को गर्मी और प्रकाश मिलेगा जैसाकि सूरज से हमें मिलता है। EAST और अन्‍य फ्यूजन रिएक्‍टर सोवियत वैज्ञानिकों की परिकल्‍पना है जिसे उन्‍होंने 1950 के दशक में अंजाम दिया था।

अब तक चीन अपने कृत्रिम सूर्य या टोकामक के निर्माण में पैसा पानी की तरह खर्च कर चुका है। टोकामक एक इंस्टॉलेशन है जो प्लाज्मा में हाइड्रोजन आइसोटोप को उबालने के लिए उच्च तापमान का इस्तेमाल करता है। यह एनर्जी को रिलीज करने में मदद करता है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके सफल इस्तेमाल से बहुत कम ईंधन का इस्तेमाल होगा और लगभग ‘शून्य’ रेडियोएक्टिव कचरा पैदा होगा। इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाज्मा फिजिक्स के डेप्युटी डायरेक्टर सांत यूंताओ ने कहा कि आज से पांच साल बाद हम अपना फ्यूजन रिएक्टर बनाना शुरू करेंगे, जिसके निर्माण में और 10 साल लगेंगे। उसके बनने के बाद हम बिजली जेनरेटर का निर्माण करेंगे और करीब 2040 तक बिजली पैदा करना शुरू कर देंगे।

यह भी पढ़ें: सलमान खान के बहुत नजदीक हैं राम चरण, बोले- जब भी मुंबई आता हूं टिफिन जरूर भेजते हैं

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc

Source link