Vaccine Maitri : बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका को वैक्सीन देकर भारत से कीमत वसूल रहा है चीन

184
Vaccine Maitri : बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका को वैक्सीन देकर भारत से कीमत वसूल रहा है चीन

Vaccine Maitri : बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका को वैक्सीन देकर भारत से कीमत वसूल रहा है चीन

 

हाइलाइट्स:

  • भारत की वैक्सीन मैत्री पर लगाम लगी तो चीन अपनी चाल चलने लगा
  • पड़ोसी देशों में वैक्सीन आपूर्ति की कीमत भारत से वसूल रहा है चीन
  • भारत को भजे जा रहे उपकरणों की मनमानी कीमत वसूल रही हैं चीनी कंपनियां

नई दिल्ली
कोविड-19 महामारी में एक-एक इंसान से लेकर छोटे-बड़े देशों तक का असली चरित्र सामने आ रहा है। भारत ने इस वैश्विक आपदा में दुनियाभर के देशों और खासकर अपने पड़ोसियों को जल्दी से जल्दी वैक्सीन पहुंचाई तो हमारा प्रतिस्पर्धी चीन इस आपदा को अवसर में बदलने जुटा है। भारत में कोविड की दूसरी लहर के मद्देनजर टीकाकरण अभियान को तेज करने की दरकार हुई तो ‘वैक्सीन मैत्री’ अभियान पर ब्रेक लगाने की मजबूरी आन पड़ी। चीन अब इसका फायदा उठाने लगा है।

मजबूरियों का फायदा उठाने लगा चीन

ज्यादातर पड़ोसी देशों ने भारत से मिल रही कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) के दम पर चीनी कंपनी साइनोफार्म की वैक्सीन (Sinopharm Vaccine) को अपने यहां प्रतिबंधित कर रखा था। साइनोफार्म की वैक्सीन को पड़ोसी देशों ही नहीं, पाकिस्तान को छोड़कर दुनिया में शायद ही कहीं इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका जैसे हमारे पड़ोसियों को जब कोविशील्ड की सप्लाई नहीं हो पा रही है तो उन्हें अपने यहां चाइनीज वैक्सीन को अनुमति देनी पड़ी है।

भारत से मनमानी कीमत वसूल रहीं चीनी कंपनियां
पड़ोसियों की इसी मजबूरी को भांपकर चीन दोहरी चाल चलने लगा है। एक तरफ वो पड़ोसी देशों को कुछ-कुछ मात्रा में वैक्सीन उपहार के रूप में दे रहा है तो दूसरी तरफ भारत से कच्चे माल की मनमानी कीमतें वसूल रहा है। चीनी कंपनियां भारत से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी उपकरणों और उनके निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमतें कई गुना बढ़ा दी हैं। मसलन, 10 लीटर का ऑक्सिजन कंसंट्रेटर औसतन 220 डॉलर में मिल जाया करते हैं, लेकिन अब 1,000 से 1,200 डॉलर तक वसूली की जा रही है। ध्यान रहे कि भारत में ऑक्सिजन कंसंट्रेटर, सिलिंडर और टैंकर आदि की जरूरत बढ़ गई है।

B.1.617: दुनिया के 44 देशों तक पहुंचा ये वेरिएंट, जानें कितना खतरनाक, कौन सी वैक्‍सीन असरदार
पड़ोसी देशों की ‘भलाई’, भारत से वसूली
यही वजह है कि चीनी कंपनियां भारत से ज्यादा पैसे लेकर पड़ोसियों को मुफ्त में वैक्सीन देकर दरियादिली का नाटक कर रही हैं। हकीकत में तो पड़ोसियों को दी जा रही मुफ्त वैक्सीन की कीमत पिछले दरवाजे से भारत से वसूली जा रही है। भारत ने इसका विरोध भी किया। हॉन्गकॉन्ग में भारतीय कौंसल जनरल प्रियंका चौहान ने वहां के अखबार द चाइना मॉर्निंग पोस्ट में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि चीन कोविड-19 की मौजूदा लहर के खिलाफ लड़ाई में जरूरी उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करेगा। हैरत की बात तो यह है कि चीन ने अपनी सरकारी सिचुआन एयरलाइंस (Sichuan Airlines) की भारतीय उड़ानें रोक दी हैं। इससे वहां से कच्चा माल मंगाने में भी दिक्कतें आ रही हैं।

‘कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज में देरी हो तो पहली डोज खराब नहीं होती’

चीन पर निर्भरता की मजबूरी
अब बात पड़ोसी देशों की। बांग्लादेश को चीन ने बुधवार को 5 लाख वैक्सीन डोज मुफ्त में दी जबकि बांग्लादेश को उससे 4 से 5 करोड़ डोज खरीदनी होगी। श्रीलंका ने तो चीनी वैक्सीन को अपने यहां प्रतिबंधित कर रखा था, लेकिन भारत से कोविशील्ड की आपूर्ति अभी संभव नहीं होता देख वह भी चीन की ओर देखने को मजबूर हो गया। श्रीलंका में साइनोफार्म की वैक्सीन लगाई जाने लगी है। नेपाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उसे भी चीन से मिली वीरो सेल (Vero Cell) वैक्सीन पर ही निर्भर होना पड़ गया है।


Source link