Chhindwara News: 15 अगस्त पर छिंदवाड़ा की बतसिया बाई बनी पीएम मोदी की ‘स्पेशल गेस्ट’, लालकिले के कार्यक्रम में होंगी शामिल, इस खास वजह से आया बुलावा h3>
छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा जिले की एक महिला मजदूर 15 अगस्त को लाल किले में होने वाले स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होगी। इसे लेकर महिला के परिवार में खुशी का माहौल है। जिले के मोहखेड़ विकासखंड की ग्राम पंचायत नरसला में रहने वाली बतसिया बाई यदुवंशी को लाल किले में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी लगते ही बतासिया बाई की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 15 अगस्त को लालकिले के कार्यक्रम में शामिल होने के इस संदेश को सुनकर बतसिया बाई ने खुशी जाहिर की है। उनके परिवार में भी उत्सव जैसा माहौल नजर आ रहा है। बतसिया बाई ग्राम रोजगार सहायक निलेश शेरके के साथ दिल्ली पहुंच गई है। दरअसल ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा बतसिया बाई को विशिष्ट अतिथि बनाकर आमंत्रित किया गया है।
95 दिन मनरेगा में मजदूरी करने का बनाया रिकॉर्ड
नरसला में अमृत सरोवर तालाब निर्माण के तहत बतसिया बाई ने मजदूरी की, सरकारी नियम के अनुसार मनरेगा में 100 दिन का रोजगार मजदूरों को दिया जाता है। यहां बतसिया बाई ने सबसे ज्यादा मानव दिवस 95 दिन मजदूरी की। इसके एवज में भारत सरकार ने उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में सौगात दी है। बतसिया बाई ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसा मौका मिलेगा, बुलावा आया है तो वे दिल्ली जाकर यदि प्रधानमंत्री से बात का मौका मिला तो गांव के विकास को लेकर चर्चा करेंगी।
जानिए कैसा है बतसिया बाई का परिवार
58 साल की बतसिया बाई यदुवंशी के पति की काफी पहले ही मृत्यु हो चुकी है। उनके दो बेटे हैं। दोनों ही मजदूरी करते हैं, बतसिया बाई ने एनबीटी डिजिटल से चर्चा करते हुए बताया कि उनके पास सिर्फ दो एकड़ जमीन है, लेकिन उसका भी बंटवारा नहीं हुआ है। इसमें कई लोगों का नाम है। ऐसे में उनका पूरा परिवार मजदूरी करके ही अपना जीवन यापन करता है। बतसिया बाई अपने छोटे बेटे और बहू के साथ कच्चे मकान में रहती हैं, जबकि उनका बड़ा बेटा अलग रहता है।
मनरेगा मजदूरी बनी सहारा, बोली प्रधानमंत्री से बात करने का मौका मिला तो सबके लिए मांगेगी रोजगार
बतासिया भाई का कहना है कि मनरेगा में मजदूरी करके उसे अच्छी खासी इनकम हो जाती है ऐसे में वह मनरेगा मजदूरी पर ही आश्रित है। लगातार उसने 95 दिनों तक विभिन्न मनरेगा के कामों में मजदूरी की। पंचायत के द्वारा उसे लगातार रोजगार उपलब्ध कराया जिससे वह अपने परिवार का बारिश में भी अच्छे से गुजारा कर रही है।
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पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 15 अगस्त को लालकिले के कार्यक्रम में शामिल होने के इस संदेश को सुनकर बतसिया बाई ने खुशी जाहिर की है। उनके परिवार में भी उत्सव जैसा माहौल नजर आ रहा है। बतसिया बाई ग्राम रोजगार सहायक निलेश शेरके के साथ दिल्ली पहुंच गई है। दरअसल ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा बतसिया बाई को विशिष्ट अतिथि बनाकर आमंत्रित किया गया है।
95 दिन मनरेगा में मजदूरी करने का बनाया रिकॉर्ड
नरसला में अमृत सरोवर तालाब निर्माण के तहत बतसिया बाई ने मजदूरी की, सरकारी नियम के अनुसार मनरेगा में 100 दिन का रोजगार मजदूरों को दिया जाता है। यहां बतसिया बाई ने सबसे ज्यादा मानव दिवस 95 दिन मजदूरी की। इसके एवज में भारत सरकार ने उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में सौगात दी है। बतसिया बाई ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसा मौका मिलेगा, बुलावा आया है तो वे दिल्ली जाकर यदि प्रधानमंत्री से बात का मौका मिला तो गांव के विकास को लेकर चर्चा करेंगी।
जानिए कैसा है बतसिया बाई का परिवार
58 साल की बतसिया बाई यदुवंशी के पति की काफी पहले ही मृत्यु हो चुकी है। उनके दो बेटे हैं। दोनों ही मजदूरी करते हैं, बतसिया बाई ने एनबीटी डिजिटल से चर्चा करते हुए बताया कि उनके पास सिर्फ दो एकड़ जमीन है, लेकिन उसका भी बंटवारा नहीं हुआ है। इसमें कई लोगों का नाम है। ऐसे में उनका पूरा परिवार मजदूरी करके ही अपना जीवन यापन करता है। बतसिया बाई अपने छोटे बेटे और बहू के साथ कच्चे मकान में रहती हैं, जबकि उनका बड़ा बेटा अलग रहता है।
मनरेगा मजदूरी बनी सहारा, बोली प्रधानमंत्री से बात करने का मौका मिला तो सबके लिए मांगेगी रोजगार
बतासिया भाई का कहना है कि मनरेगा में मजदूरी करके उसे अच्छी खासी इनकम हो जाती है ऐसे में वह मनरेगा मजदूरी पर ही आश्रित है। लगातार उसने 95 दिनों तक विभिन्न मनरेगा के कामों में मजदूरी की। पंचायत के द्वारा उसे लगातार रोजगार उपलब्ध कराया जिससे वह अपने परिवार का बारिश में भी अच्छे से गुजारा कर रही है।