CBSE 12th Exam 2021 Live Updates : सीबीएसई 12वीं परीक्षा पर आज पीएम मोदी की बैठक

322
CBSE 12th Exam 2021 Live Updates : सीबीएसई 12वीं परीक्षा पर आज पीएम मोदी की बैठक

CBSE 12th Exam 2021 Live Updates : सीबीएसई 12वीं परीक्षा पर आज पीएम मोदी की बैठक

CBSE 12th Exam 2021 Live Updates : 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर आज सीबीएसई और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अपना फैसला सुना सकता है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी आज शाम 5 बजे 12वीं की परीक्षाओं को लेकर अहम बैठक करेंगे। बैठक में उन्हें तमाम राज्यों और हितधारकों से मिले सुझावों एवं व्यापक विचार विमर्श से निकल रहे विभिन्न विकल्पों के बारे में बताया जाएगा।

23 मई को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल मीटिंग के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर एक जून को या इससे पहले अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में भी कहा कि दो दिनों के भीतर 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला ले लिया जाएगा। इसके अलावा राज्य भी शिक्षा मंत्रालय को परीक्षाओं के आयोजन को लेकर अपने सुझाव भेज चुके हैं। यानी अब बस सीबीएसई और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले का इंतजार है।

Live Update : यहां पढ़ें 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर फैसले से जुड़ा लाइव अपडेट

03:48 PM – सीबीएसई परीक्षा को लेकर आज शाम 5 बजे पीएम मोदी अहम बैठक करेंगे।

02:35 PM – रमेश पोखरियाल निशंक एम्स में भर्ती

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद इससे संबंधित समस्याओं की वजह से मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया।

01: 11 PM अधिकतर राज्यों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा अल्पावधि (दूसरा विकल्प) की कराने की वकालत की

– पहले विकल्प की खास बातें :
1-परीक्षाएं निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कराई जाएं, जो कि सीमित हैं।
2-केवल 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा कराई जाए।
3-कम महत्वपूर्ण विषयों में प्रदर्शन का आकलन प्रमुख विषयों में किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया जाए।
4-इस विकल्प के अनुसार परीक्षा पूर्व की गतिविधियों के लिए एक महीने और परीक्षा कराने तथा नतीजे घोषित करने के लिए दो महीने की जरूरत है। इसके बाद कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए 30 दिन की जरूरत है।
5- दूसरे विकल्प के अनुरूप परीक्षा तभी हो सकती है कि जब बोर्ड के पास कम से कम तीन महीने का सुरक्षित समय उपलब्ध हो।
6-परीक्षाएं कराने का संभावित महीना अगस्त हो सकता है और पूरी प्रक्रिया सितंबर अंत तक खत्म होगी।
7-किसी कारण बस यदि तीन महीने का समय नहीं मिल पाता है और परिस्थितियां सुरक्षित परीक्षा कराने के अनुकूल नहीं रहती हैं, तो यह विकल्प व्यावहारिक नहीं होगा।

– दूसरे विकल्प के प्रमुख तथ्य :
1-सीबीएसई बोर्ड द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षाएं दो बार कराई जा सकती हैं।
2-जहां अनुकूल स्थितियां हों, वहां उपयुक्त तारीख से परीक्षा शुरू की जा सकती हैं। इसके बाद के बचे हुए स्थानों पर परीक्षाएं 15 दिन बाद शुरू होंगी।
3-तय तिथि पर कोरोना संबंधित कारणों से कोई विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाए, तो उसे परीक्षा में बैठने का दूसरा मौका दिया जाए।
4-प्रश्न पत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे जाएंगे ताकि परीक्षाओं में वाहनों को लगाने की जरूरत ना पड़े। परीक्षाओं का संचालन लचीला और जिम्मेदारीपूर्ण बनाने पर जोर।

1:01 PM – – 23 मई को हुआ था मंथन, अधिकांश राज्य परीक्षा के आयोजन के पक्ष में 
केंद्र सरकार ने सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा, राज्य बोर्ड परीक्षाओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर 23 मई को राज्यों के साथ गहन मंत्रणा की थी।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्र ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दो विकल्प राज्यों के समक्ष रखे। सूत्रों का कहना है कि 75 फीसदी राज्य दूसरे विकल्प पर सहमत नजर आए जिसमें बोर्ड परीक्षाएं दो बार करने का जिक्र है।

दूसरे विकल्प पर 75 फीसदी राज्य सहमत:
सूत्रों ने कहा कि 75 फीसदी राज्य दूसरे विकल्प पर सहमत हैं। केंद्र द्वारा सुझाए जिस दूसरे विकल्प पर राज्य सहमत दिखे उनमें बोर्ड परीक्षाएं स्कूल में ही कराने, सिर्फ 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा कराने, प्रश्न पत्र की अवधि डेढ़ घंटे का रखने, सभी प्रश्नों को वस्तुनिष्ठ स्वरुप में देने, दो बार परीक्षाएं कराने ताकि कोई छात्र कोरोना से संबंधित कारणों के चलते एक बार शामिल नहीं हो सके तो दूसरी बार शामिल हो जाए, की बात कही गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि छात्र को एक भाषा और तीन इलेक्टिव पेपर देने होंगे। जबकि पांचवें एवं छठे पेपर में उसे पिछली परीक्षा के आधार पर अंक दिए जाएंगे।

पहले विकल्प में था बोर्ड के नियम पर जोर:
पहले विकल्प में 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कराने का प्रस्ताव था जिसमें बाकी पूरी परीक्षा बोर्ड के नियमों के तहत कराने की बात कही गई थी। सरकार ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया करने में तीन महीने का समय लग सकता है। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि जुलाई या अगस्त तक परीक्षा के लिए उपयुक्त स्थितियां होने के आसार हैं। कुछ राज्यों ने विल्कप एक एवं दो में से कुछ बिन्दुओं को मिलाकर भी परीक्षाएं आयोजित करने की बात कही है।

12:56 PM शिक्षकों और छात्रों का टीकाकरण:
बैठक में झारखंड और गोआ के मुख्यमंत्री तथा उत्तर प्रदेश और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री शामिल हुए। कई राज्यों ने परीक्षा से पूर्व शिक्षकों का टीकाकरण का सुझाव दिया। दिल्ली ने शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों को भी टीका लगाने की बात कही।

12:55 PM – शीर्ष अदालत ने कोविड-19 महामारी के चलते 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 3 जून तक स्थगित कर दी। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, ‘यदि आप पिछले साल वाली पॉलिसी से अलग रुख अपना रहे हैं तो आपको इसके लिए ठोस कारण बताना चाहिए।’

12:25 PM – रिजल्ट फॉर्मूले को लेकर स्टूडेंट्स अलग-अलग सुझाव दे रहे हैं। कुछ स्टूडेंट्स कह रहे हैं कि  ऐसे आइडियाज लेकर आने चाहिए जिसेस स्टूडेंट्स की विषय के प्रति समझ का पता चल सके। उदारण के तौर पर स्टूडेंट्स का वीडियो कॉल से सब्जेक्ट वाइज इंटरव्यू लिया जा सकता है। इससे किसी टॉपिक पर उसकी समझ के स्तर का अच्छे से पता चल जाएगा। एक स्टूडेंट ने कहा, ‘केवल मुख्य विषयों की परीक्षा होनी चाहिए। तीन से ज्यादा पेपर नहीं होने चाहिए। शेष विषयों के मार्क्स इंटरनल असेसमेंट से लग जाने चाहिए। पेपर तीन घंटे की बजाय 2 घंटे का होना चाहिए।”

11:55 AM परीक्षा रद्द करने के लिए छात्रों का मुख्य न्यायाधीश को पत्र
सीबीएसई की परीक्षा रद्द करने को लेकर 297 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश से मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है। छात्रों ने फिज़िकल परीक्षा को रद्द करने की मांग के साथ ही पिछले वर्ष की तरह वैकल्पिक मूल्यांकन योजना बनाने का निर्देश देने की भी मांग की है।

11:30 AM  – सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की योजना पर अलग-अलग राय
कोरोना महामारी के दौर में अलग प्रारूप में 12वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करने की सरकार की योजना पर शिक्षा क्षेत्र बंटा हुआ नजर आ रहा है, जबकि विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों का एक समूह इसे रद्द करने की मांग कर रहा है। कई लोगों की दलील है कि परीक्षाएं अहम होती हैं और वैकल्पिक मूल्यांकन इंसाफ नहीं कर पाएगा। हालांकि अन्य लोगों की राय है कि विद्यार्थियों और अध्यापकों का कल्याण ऐसी असाधारण स्थिति में सर्वोपरि है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा-इन 19 विषयों के लिए परीक्षाएं आयोजित करना समान रूप से खतरनाक है, वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह एक ऐसा जोखिम सरकार को नहीं लेना चाहिए। इंडिया वाइड पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अनुभा श्रीवास्तव ने कहा-बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोई सर्वसम्मत निर्णय नहीं होने के करण भारत में पूरी अराजकता है, यह सब पूर्व नियोजित है, उनकी जुलाई में परीक्षाएं आयोजित करने की योजना है क्योंकि उनके पास ऑनलाइन परीक्षा के लिए इंतजाम नहीं हैं, अंदरूनी मूल्यांकन उनकी विफलता है।

11:00 AM – सीबीएसई ने 14 अप्रैल को कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि को देखते हुए कक्षा 10 की परीक्षा रद्द करने और कक्षा 12 वीं की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी।

यह भी पढ़ें: CryptoCurrency: बिटकॉइन के भाव चढ़ेंगे या गिरेंगे, यह कौन डिसाइड करता है

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.

Source link