विवाहित महिलाएं क्या पीला चंदन का तिलक लगा सकती हैं ? ( Vivaahit mahila kya peela chandan ka tilak laga sakati hain )
भारत में प्राचीन समय से ही माथे पर तिलक लगाने की परंपरा रही है. शादी , विवाह या किसी विशेष पूजा के समय माथे पर तिलक लगाया जाता है. तिलक लगाने के लिए 12 स्थान बताए जाते हैं. जिनमें सिर, ललाट, कंठ, हृदय, दोनों बाहुं, बाहुमूल, नाभि, पीठ, दोनों बगल में में तिलक लगाया जाता है. तिलक कुमकुम या चंदन आदि का लगाया जाता है.
तिलक लगाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण-
तिलक लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी विद्यमान रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि तिलक लगाने से हमारे मस्तिष्क को शीतलता मिलती है. इसके साथ ही तिलक लगाने से निराशा या उदासीनता से छुटकारा मिलता है. तिलक विभिन्न द्रवों के लगाए जाते हैं. जिनका अपना अलग-अलग महत्व भी होता है. तिलक कई प्रकार के होते हैं जैसे – मृतिका, भस्म, चंदन, रोली, केसर, सिंदूर, कुंकुम, गोपी इत्यादी. इसी तरह से चंदन के तिलक का भी विशेष महत्व होता है. चंदन भी कई तरह का होता है, जैसे रक्त चंदन, सफेद चंदन या पीला चंदन.
विवाहित महिलाएं भी पूजा के समय या किसी विशेष अवसर पर माथे पर तिलक का प्रयोग करती हैं. विवाहित महिलाओं द्वारा भी पीला चंदन का तिलक लगाया जा सकता है. तिलक लगाना हमारे भारत में प्राचीन समय से ही प्रचलित है. जिससे बच्चे, स्त्रि, पुरूषो तथा साधु-संतो द्वारा भी लगाया जाता है.
यह भी पढ़ें: सपने में भगवान के दर्शन करने से क्या होता है?
किस अंगुली से लगाएं तिलक-
तिलक लगाने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व रहा है. तिलक किस द्रव का लगाया जाए इसके साथ ही यह भी जरूर और महत्वपूर्ण होता है कि तिलक लगाते समय तिलक को कौन सी अंगुली से लगाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अनामिका अंगुली से तिलक लगाने से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है तथा मध्यमा अंगुली से तिलक लगाने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है. तर्जनी अंगुली से तिलक लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें