Bihar: फ्री में गोभी की फसल बेचने की आ गई थी नौबत, New Agriculture Law से हुआ फायदा

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Bihar: फ्री में गोभी की फसल बेचने की आ गई थी नौबत, New Agriculture Law से हुआ फायदा

समस्तीपुर: एक तरफ जहां दिल्ली बॉर्डर पर किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बिहार के समस्तीपुर जिले में नए कृषि कानून की वजह से एक किसान को बड़ा फायदा हुआ है. यहां पहले किसान को अपनी गोभी की फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा था लेकिन अब उसे 10 गुना दाम मिल गया है.

क्या है पूरा मामला
बिहार के समस्तीपुर के मक्तापुर गांव के एक किसान की कहानी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है. यहां ओम प्रकाश यादव नामक एक किसान की गोभी की फसल बहुत कम दाम में बिक रही थी. केवल एक रुपये प्रति किलो के हिसाब से उसे अपनी गोभी बेचनी पड़ रही थी. ऐसी नौबत आ गई थी कि किसान ने खेत को ट्रैक्टर से जुतवाकर गोभी की फसल नष्ट करने का फैसला कर लिया था क्योंकि गोभी काटकर बेचने में लागत ज्यादा आ रही थी.

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किसान को मिला फसल का 10 गुना दाम

लेकिन जब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को किसान की समस्या के बारे में पता चला तो उन्होंने कॉमन सर्विस सेंटर में फोन किया. उन्होंने निर्देश दिया कि वो किसान से संपर्क करें और उसकी फसल को किसी दूसरे राज्य में उचित दाम पर बेचने की व्यवस्था करें. केंद्र सरकार ने किसान की फसल बेचने के लिए डिजिटिल प्लेटफार्म बनाया हुआ है.

फिर इसी डिजिटल प्लेटफार्म पर किसान ओम प्रकाश यादव की गोभी की फसल को खरीदने के लिए दिल्ली के एक खरीददार ने 10 गुना दाम देने का प्रस्ताव रखा. मतलब जो गोभी 1 रुपये प्रति किलो बिक रही थी वो अब 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने जा रही थी.

इसके बाद किसान ने दिल्ली के खरीददार के प्रस्ताव पर सहमति जताई. फिर कुछ ही घंटे में खरीददार ने किसान के खाते में एडवांस रुपये भेज दिए और गोभी को दिल्ली भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था भी करवाई. इसके बाद गोभी समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव से दिल्ली के लिए रवाना हो गई. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी.

नए कृषि कानून से हुआ किसान का फायदा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि नए कृषि कानून से किसान को फायदा मिला. केंद्र सरकार के नए कृषि कानून की मदद से किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकते हैं. समस्तीपुर के एक किसान को स्थानीय मंडी में अपनी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा था और वो अपनी फसल बर्बाद करने के लिए मजबूर हो गया था. लेकिन नए कृषि कानून की मदद से किसान को अब 10 गुना दाम मिला है.

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