BPSC पेपर लीक: पहले से ‘दागी’ हैं जयवर्धन गुप्ता, जानें गिरफ्तार BDO के करतूत की पूरी कुंडली

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BPSC पेपर लीक: पहले से ‘दागी’ हैं जयवर्धन गुप्ता, जानें गिरफ्तार BDO के करतूत की पूरी कुंडली

BPSC पेपर लीक: पहले से ‘दागी’ हैं जयवर्धन गुप्ता, जानें गिरफ्तार BDO के करतूत की पूरी कुंडली

आरा: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद अब जांच तेज कर दी गई है। इस मामले में बड़हरा प्रखंड के विकास पदाधिकारी जयवर्धन गुप्ता को बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने पटना बुलाया है। जयवर्धन गुप्ता को उस बीपीएससी की परीक्षा केंद्र का सेंटर मजिस्ट्रेट बनाया गया था। बीडीओ से EOU की टीम करीब पांच घंटे से ज्यादा से गहन पूछताछ कर रही है। बीडीओ को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके साथ-साथ कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य परीक्षा नियंत्रक समेत एक कर्मचारी की भी गिरफ्तारी हुई है और इसके बाद खलबली मच गई है।

पहले दागी रहे हैं बीडीओ जयवर्धन गुप्ता
बड़हरा प्रखंड के बीडीओ के रूप में तैनात जयवर्धन गुप्ता पहले से ही दागी रहे हैं। भोजपुर जिले में पोस्टिंग से पहले सरकार ने इनका पावर छीन लिया था। काफी लंबे समय तक जयवर्धन गुप्ता को वेटिंग फॉर पोस्टिंग की लिस्ट में रखा गया था। पिछले साल बिहार में पंचायत चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग की ओर से राज्यभर में लगभग 60 दागी पदाधिकारियों की पोस्टिंग में फेरबदल किया गया था, जिसमें जयवर्धन गुप्ता का भी नाम शामिल था।

खुद BPSC में हासिल किया था 835वीं रैंक
जिस बीडीओ जयवर्धन गुप्ता से पूछताछ हो रही है, इनका चयन बीपीएससी में लगभग 9 साल पहले हुआ था। इनका रोल नंबर 300210 था और बीपीएससी की 53वीं, 54वीं और 55वीं सम्मिलित प्रतियोगिता परीक्षा की मेरिट लिस्ट में इन्होंने 835वां रैंक हासिल किया था। इनका चयन प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में हुआ था। ये मूल रूप से बिहार के बांका जिले के रहने वाले हैं और पिछले साल 15 मार्च को इनकी तैनाती भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड में की गई थी।
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मोकामा से हुई थी बीडीओ की गिरफ्तार
जयवर्धन गुप्ता को लगभग चार साल पहले राजधानी पटना स्थित घोसवरी प्रखंड के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को निगरानी विभाग की टीम ने एक लाख रुपये घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। दागी बीडीओ जयवर्धन की गिरफ्तारी मोकामा के मोलदियार टोला स्थित उनके किराये के मकान से हुई थी। निगरानी के पुलिस उपाधीक्षक पारस नाथ सिंह के नेतृत्व में धावादल ने इन्हें एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ अरेस्ट किया था। आपको बता दें कि यहां बीडीओ जयवर्धन गुप्ता मोल दियार टोला के रहने वाले छोटन सिंह के मकान में किराये पर रह रहे थे।
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पटना जिले के घोसवरी थाने के मालपुर गांव के रहने वाले दिनेश गोप ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत दर्ज करायी थी कि बीडीओ जयवर्धन गुप्ता एक योजना की प्रशासनिक स्वीकृति देने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। शिकायत के सत्यापन के बाद विजिलेंस ने इस बीडीओ को धर दबोचा था। मोकामा में गिरफ्तारी के बाद बीडीओ जयवर्धन को पद से हटा दिया गया था। बाद में इनकी पोस्टिंग भोजपुर जिले में की गई वही कुंवर सिंह कॉलेज में आयोजित BPSC की परीक्षा में मजिस्ट्रेट के रूप में इन को तैनात किया गया था, जहां की परीक्षा केंद्र पर जमकर हंगामा हुआ था और परीक्षार्थियों ने सेंटर सुपरिटेंडेंट पर कुछ खास परीक्षार्थियों का मदद करने का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद आयोजित इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था।

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