Bochaha ByElection Results 2022 : कल आएंगे बोचहां उपचुनाव के नतीजे, सिर्फ एक सीट तय कर सकती है 2025 की तस्वीर? h3>
मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों में अब कुछ ही घंटे का वक्त रह गया है। इस सीट पर 12 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। अब इंतजार नतीजों का है आखिर यह सीट किसके खाते में जाएगी। इस सीट के लिए वोटों की गिनती 16 अप्रैल की सुबह आठ बजे शुरू होगी। पहले रुझान आने शुरू होंगे और फिर जल्द ही फाइनल नतीजे भी आ जाएंगे। इस उपचुनाव का परिणाम बिहार के राजनीतिक भविष्य से जुड़े कई सवालों के जवाब भी देगा। बोचहां में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी आरजेडी के बीच है। वीआईपी के मुकेश सहनी को भी इस सीट से काफी उम्मीदें हैं।
16 अप्रैल को आएंगे बोचहां के नतीजे
हाल के दिनों में देखा जाए तो आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की नजर सवर्ण मतदाताओं पर टिकी है। विधान परिषद चुनाव में इस वर्ग के मतदाताओं को रिझाने के लिए उन्होंने सवर्ण प्रत्याशी भी उतारे जिसका लाभ भी उन्हें मिला। आरजेडी का वोट बैंक एमवाई (मुस्लिम और यादव) मतदाता को माना जाता रहा है, जबकि तेजस्वी इस समीकरण से आगे बढ़ाते हुए राजद को एक टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं।
बीजेपी, आरजेडी और VIP में है मुकाबला
इस दांव का भूमिहार बहुल बोचहां विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में कितना फायदा आरजेडी को मिलता है, यह चुनाव परिणाम ही बताएगा। यह उपचुनाव बीजेपी और एनडीए से कुछ ही दिन पहले बाहर किए गए वीआईपी के लिए भी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। बीजेपी का दावा है कि उसका जनाधार तमाम जातियों में है। बोचहां में मतदाताओं की बात करें तो मल्लाह मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या मुकेश सहनी को मिलेगी कामयाबी?
बोचहां के चुनाव परिणाम यह भी साबित करेंगे कि मुकेश सहनी के एनडीए से निकल जाने के बाद मल्लाह मतदाताओं का वोट बीजेपी को मिला या नहीं। इससे मुकेश सहनी की सहनी (मल्लाह) वोटों पर पकड़ है या नहीं यह भी स्पष्ट हो जाएगा। इस चुनाव में वीआईपी और आरजेडी दोनों को भूमिहार मतदाताओं से आस जगी है। राजद को उम्मीद है कि बिहार विधान परिषद चुनाव में जिस तरह से आरजेडी के भूमिहार उम्मीदवार जीते हैं उससे भूमिहार वोटरों का झुकाव उनकी तरफ हो सकता है।
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उपचुनाव के नतीजे देंगे भविष्य की राजनीति के संकेत
सहनी को भी मल्लाह के अलावा पासवान वर्ग के मतदाताओं पर आस है। वैसे, मतदान के बाद से तीनों दल अपने-अपने जीत का दावा कर रहे हैं। तीनों दलों के नेता सामाजिक समीकरणों के आधार पर जोड़-घटाव कर चुनाव परिणाम को अपनी ओर होने का दावा ठोंक रहे हैं, लेकिन किनके दावे में कितनी सच्चाई है, इसका पता तो 16 अप्रैल को ही चलेगा, जब चुनाव परिणाम आएगा। वैसे, परिणाम किसी भी दल के पक्ष में आए इतना तय है कि बोचहां के नतीजे बिहार के भविष्य की राजनीति से जुड़े कई प्रश्नों का जवाब दे जाएगा।
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)
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हाल के दिनों में देखा जाए तो आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की नजर सवर्ण मतदाताओं पर टिकी है। विधान परिषद चुनाव में इस वर्ग के मतदाताओं को रिझाने के लिए उन्होंने सवर्ण प्रत्याशी भी उतारे जिसका लाभ भी उन्हें मिला। आरजेडी का वोट बैंक एमवाई (मुस्लिम और यादव) मतदाता को माना जाता रहा है, जबकि तेजस्वी इस समीकरण से आगे बढ़ाते हुए राजद को एक टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं।
बीजेपी, आरजेडी और VIP में है मुकाबला
इस दांव का भूमिहार बहुल बोचहां विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में कितना फायदा आरजेडी को मिलता है, यह चुनाव परिणाम ही बताएगा। यह उपचुनाव बीजेपी और एनडीए से कुछ ही दिन पहले बाहर किए गए वीआईपी के लिए भी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। बीजेपी का दावा है कि उसका जनाधार तमाम जातियों में है। बोचहां में मतदाताओं की बात करें तो मल्लाह मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या मुकेश सहनी को मिलेगी कामयाबी?
बोचहां के चुनाव परिणाम यह भी साबित करेंगे कि मुकेश सहनी के एनडीए से निकल जाने के बाद मल्लाह मतदाताओं का वोट बीजेपी को मिला या नहीं। इससे मुकेश सहनी की सहनी (मल्लाह) वोटों पर पकड़ है या नहीं यह भी स्पष्ट हो जाएगा। इस चुनाव में वीआईपी और आरजेडी दोनों को भूमिहार मतदाताओं से आस जगी है। राजद को उम्मीद है कि बिहार विधान परिषद चुनाव में जिस तरह से आरजेडी के भूमिहार उम्मीदवार जीते हैं उससे भूमिहार वोटरों का झुकाव उनकी तरफ हो सकता है।
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उपचुनाव के नतीजे देंगे भविष्य की राजनीति के संकेत
सहनी को भी मल्लाह के अलावा पासवान वर्ग के मतदाताओं पर आस है। वैसे, मतदान के बाद से तीनों दल अपने-अपने जीत का दावा कर रहे हैं। तीनों दलों के नेता सामाजिक समीकरणों के आधार पर जोड़-घटाव कर चुनाव परिणाम को अपनी ओर होने का दावा ठोंक रहे हैं, लेकिन किनके दावे में कितनी सच्चाई है, इसका पता तो 16 अप्रैल को ही चलेगा, जब चुनाव परिणाम आएगा। वैसे, परिणाम किसी भी दल के पक्ष में आए इतना तय है कि बोचहां के नतीजे बिहार के भविष्य की राजनीति से जुड़े कई प्रश्नों का जवाब दे जाएगा।
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)