BJP के दरबार में पहुंचा Hajipur सीट का झगड़ा, अब चिराग को है पीएम मोदी-शाह से न्याय की उम्मीद h3>
पटना : एक ओर मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक (INDIA Meeting Mumbai) हो रही। दूसरी तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के दो दलों में घमासान मचा हुआ है। पूरा मामला चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच का है। जिनके बीच हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर विवाद थम नहीं रहा। दोनों ही खेमे की इस सीट पर दावेदारी देखने को मिल रही। ऐसे में सवाल उठ रहे क्या बीजेपी नेतृत्व इस पर फाइनल कॉल लेगा? चिराग पासवान का पूरे मामले पर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हाजीपुर सीट का मुद्दा बीजेपी सुलझाएगी।
चिराग-पारस में कब होगी सुलह
पशुपति पारस, आरएलजेपी के प्रमुख हैं, वो अभी हाजीपुर से सांसद हैं। उधर उनके भतीजे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं। वो हाजीपुर सीट चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके पिता ने 8 बार किया। चिराग पासवान ने कहा कि वह पहले ही बीजेपी नेतृत्व के साथ इस मामले पर चर्चा कर चुके हैं। उन्हें उम्मीद है कि हाजीपुर सीट पर पारस के साथ चल रहे घमासान को सुलझा लेंगे।
हाजीपुर पर बढ़ा रार
2019 के चुनाव में एलजेपी ने बिहार में छह संसदीय सीटें जीती थीं। हालांकि, पारस गुट के चिराग खेमे से अलग होने और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पार्टी टूट गई। चार सांसद पारस के साथ चले गए। इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी की टूट हो गई। एलजेपी (रामविलास) के मुखिया चिराग अपनी पार्टी के अकेले सांसद रह गए। वो अपनी पार्टी के पुनर्निर्माण में लगे हुए है। चिराग शुरू से ही बिहार एनडीए में साइडलाइन रहे। हालांकि, उन्होंने बिहार में तीन उपचुनाव के दौरान बीजेपी कैंडिडेट्स का समर्थन किया।
एनडीए में चिराग की एंट्री
हालांकि, चिराग ने 18 अगस्त को एनडीए के 38 घटकों की बैठक में हिस्सा लिया, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इसी के साथ साफ हो गया कि वो एनडीए में शामिल हो गए हैं। बीच-बीच में, चिराग और पारस के बीच आपसी मतभेदों पर जुबानी जंग होती रही। इसमें मुख्य मुद्दा हाजीपुर सीट ही है, जिस पर दोनों खेमे अपनी मजबूत दावेदारी कर रहे हैं।
क्या बोले चिराग पासवान
एलजेपी के किस गुट को हाजीपुर संसदीय सीट मिलेगी? चिराग पासवान ने कहा कि मैंने इस मामले को एनडीए यानी बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन के मंच से बाहर इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। चिराग पासवान ने कहा कि गठबंधन में मैंने इस पर बहुत सौहार्दपूर्ण चर्चा की। बातचीत बहुत गंभीरता से हुई। अब एनडीए नेतृत्व इसका समाधान करेंगे।
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चिराग-पारस में कब होगी सुलह
पशुपति पारस, आरएलजेपी के प्रमुख हैं, वो अभी हाजीपुर से सांसद हैं। उधर उनके भतीजे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं। वो हाजीपुर सीट चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके पिता ने 8 बार किया। चिराग पासवान ने कहा कि वह पहले ही बीजेपी नेतृत्व के साथ इस मामले पर चर्चा कर चुके हैं। उन्हें उम्मीद है कि हाजीपुर सीट पर पारस के साथ चल रहे घमासान को सुलझा लेंगे।
हाजीपुर पर बढ़ा रार
2019 के चुनाव में एलजेपी ने बिहार में छह संसदीय सीटें जीती थीं। हालांकि, पारस गुट के चिराग खेमे से अलग होने और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पार्टी टूट गई। चार सांसद पारस के साथ चले गए। इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी की टूट हो गई। एलजेपी (रामविलास) के मुखिया चिराग अपनी पार्टी के अकेले सांसद रह गए। वो अपनी पार्टी के पुनर्निर्माण में लगे हुए है। चिराग शुरू से ही बिहार एनडीए में साइडलाइन रहे। हालांकि, उन्होंने बिहार में तीन उपचुनाव के दौरान बीजेपी कैंडिडेट्स का समर्थन किया।
एनडीए में चिराग की एंट्री
हालांकि, चिराग ने 18 अगस्त को एनडीए के 38 घटकों की बैठक में हिस्सा लिया, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इसी के साथ साफ हो गया कि वो एनडीए में शामिल हो गए हैं। बीच-बीच में, चिराग और पारस के बीच आपसी मतभेदों पर जुबानी जंग होती रही। इसमें मुख्य मुद्दा हाजीपुर सीट ही है, जिस पर दोनों खेमे अपनी मजबूत दावेदारी कर रहे हैं।
क्या बोले चिराग पासवान
एलजेपी के किस गुट को हाजीपुर संसदीय सीट मिलेगी? चिराग पासवान ने कहा कि मैंने इस मामले को एनडीए यानी बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन के मंच से बाहर इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। चिराग पासवान ने कहा कि गठबंधन में मैंने इस पर बहुत सौहार्दपूर्ण चर्चा की। बातचीत बहुत गंभीरता से हुई। अब एनडीए नेतृत्व इसका समाधान करेंगे।