Bikru Encounter: विकास दुबे का साथ देने में तबाह हो गए बिकरू के ये दो परिवार h3>
कानपुर देहात: बिकरू (Bikru Encounter) कांड में मारे गए पुलिस कर्मियों के परिवार ने जो कुछ खोया है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। लेकिन विकास दुबे का साथ देने वाले बिकरू के दो और परिवार ऐसे तबाह हुए जो अपराधियों के लिए नजीर हैं। इस कांड के आरोपियों में से दो परिवारों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। एक परिवार संजय दुबे उर्फ संजू और दूसरा रमेश मिश्रा का है। संजय और रमेश को गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषमुक्त कर दिया गया है लेकिन अभी वह मुख्य मामले में आरोपी हैं इससे फिलहाल जेल से बाहर आने का रास्ता साफ नहीं हुआ है।
2 जुलाई 2020 को बिकरू में कुख्यात विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग की गई थी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी मारे गए थे। बस इसी घटना के बाद विकास से जुड़े लोगों की तबाही का दौर शुरु हुआ। इस घटना में तो वैसे 44 आरोपी हैं लेकिन दो आरोपी ऐसे हैं जिनका परिवार इस घटना के बाद पूरी तरह से तबाह हो गया। इनके परिवारों में कई एनकाउंटर हो गए बाकी बचे सदस्य जेल में हैं। गांव के लोगों का कहना है कि इन दोनों परिवारों की माली हालत बेहद खराब थी। इनके पास कोई ऐसी संपत्ति नहीं है जिससे अवैध कमाई करके जुटाया गया हो। पहले बताते हैं विकास दुबे के परिवारिक संजय उर्फ संजू दुबे के बारे में।
अदालत से बरी होता रहा संजय लेकिन ईश्वर ने दी सजा
विकास का दबदबा देखकर परिवार के संजय दुबे उर्फ संजू ने उसका साथ दिया। विकास के साथ हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, अपहरण आदि गंभीर आठ अपराधिक घटनाओं में वह नामजद अभियुक्त रहा। यहां तक की राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की घटना में संजय नामजद अभियुक्त था। गांव के लोगों की मानें तो विकास के रसूख और राजनीतिक पकड़ के कानूनी दांवपेंच से अधिकांश मामलों में वह बरी होता गया। संजय पर दो बार गैंगस्टर की कार्रवाई हो चुकी थी, दोनों बार वह दोषमुक्त हुआ। लेकिन कहतें हैं कि अपराध करके कानून की नजर से भले बच जाएं पर ईश्वर की नजर से नहीं। शायद ऐसा ही संजय के साथ हुआ। संजय अदालत से तो बरी होता रहा लेकिन बिकरू कांड के बाद ईश्वर ने ऐसी सजा दी जिससे वह तबाह हो गया।
बेटा व सगा भाई एनकाउंटर में मारा गया बाकी जेल में
बिकरू कांड के बाद संजय दुबे उर्फ संजू का बेटा अमर दुबे एनकाउंटर में मारा गया। जिसकी घटना से दो दिन पहले ही शादी हुई थी। कहते हैं अमर की शादी में सर्वेसर्वा विकास दुबे ही था। इसके बाद संजय का सगा भाई अतुल दुबे एनकाउंटर में मारा गया। संजय और उसकी पत्नी क्षमा, भतीजा विपुल दुबे जेल में है। संजय के बेटे अमर की पत्नी खुशी दुबे भी जेल में थी लेकिन उसे कई महीने पहले जमानत मिल चुकी है। विकास के रसूख की दम में जीने वाला ये परिवार सडक़ पर आ गया है। फिलहाल इस परिवार के जेल से बाहर आने का कोई रास्ता अभी नहीं दिख रहा है।
जॉइनिंग से पहले जेल पहुंच गया विपुल दुबे
संजय दुबे का भतीजा विपुल दुबे आईटीबीपी में भर्ती हो गया था। उसकी अगस्त में ज्वाइनिंग थी लेकिन इसके पहले दो जुलाई को बिकरू कांड हो गया। इसमें वह आरोपी हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तब से लगातार जेल में है। सरकारी नौकरी लगने के बाद परिवार जो सपने देख रहा था वह सब मिट्टी में मिल गए। सरकारी नौकरी लगने के बाद भी विपुल जेल में बंद है।
मां-बाप और तीनों बेटे जेल में
अब बात करते हैं विकास दुबे के पड़ोसी रमेश चंद्र की। विकास के पड़ोसी होने के नाते काफी करीबी रहे। हालांकि, इनका विकास के साथ अपराध में कभी नाम नहीं आया। गांव के लोग बताते हैं कि इनका अपराध की दुनिया से कोई नाता नहीं रहा। इन पर कभी कोई एफआईआर नहीं हुई लेकि न बिकरू कांड के बाद इस परिवार पर संकट आ गया। रमेश चंद्र इनकी पत्नी शांती देवी, तीनों बेटे धर्मेंद्र उर्फ हीरू, बीरेंद्र उर्फ बीरू, धीरेंद्र उर्फ धीरू मिलाकर सभी पांच सदस्य जेल में हैं। सभी बिकरू कांड में आरोपी हैं। हालाकि गैंगस्टर के मामले में आए फैसले में रमेश चंद्र दोषमुक्त हो गए हैं पर मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं।
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अदालत से बरी होता रहा संजय लेकिन ईश्वर ने दी सजा
विकास का दबदबा देखकर परिवार के संजय दुबे उर्फ संजू ने उसका साथ दिया। विकास के साथ हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, अपहरण आदि गंभीर आठ अपराधिक घटनाओं में वह नामजद अभियुक्त रहा। यहां तक की राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की घटना में संजय नामजद अभियुक्त था। गांव के लोगों की मानें तो विकास के रसूख और राजनीतिक पकड़ के कानूनी दांवपेंच से अधिकांश मामलों में वह बरी होता गया। संजय पर दो बार गैंगस्टर की कार्रवाई हो चुकी थी, दोनों बार वह दोषमुक्त हुआ। लेकिन कहतें हैं कि अपराध करके कानून की नजर से भले बच जाएं पर ईश्वर की नजर से नहीं। शायद ऐसा ही संजय के साथ हुआ। संजय अदालत से तो बरी होता रहा लेकिन बिकरू कांड के बाद ईश्वर ने ऐसी सजा दी जिससे वह तबाह हो गया।
बेटा व सगा भाई एनकाउंटर में मारा गया बाकी जेल में
बिकरू कांड के बाद संजय दुबे उर्फ संजू का बेटा अमर दुबे एनकाउंटर में मारा गया। जिसकी घटना से दो दिन पहले ही शादी हुई थी। कहते हैं अमर की शादी में सर्वेसर्वा विकास दुबे ही था। इसके बाद संजय का सगा भाई अतुल दुबे एनकाउंटर में मारा गया। संजय और उसकी पत्नी क्षमा, भतीजा विपुल दुबे जेल में है। संजय के बेटे अमर की पत्नी खुशी दुबे भी जेल में थी लेकिन उसे कई महीने पहले जमानत मिल चुकी है। विकास के रसूख की दम में जीने वाला ये परिवार सडक़ पर आ गया है। फिलहाल इस परिवार के जेल से बाहर आने का कोई रास्ता अभी नहीं दिख रहा है।
जॉइनिंग से पहले जेल पहुंच गया विपुल दुबे
संजय दुबे का भतीजा विपुल दुबे आईटीबीपी में भर्ती हो गया था। उसकी अगस्त में ज्वाइनिंग थी लेकिन इसके पहले दो जुलाई को बिकरू कांड हो गया। इसमें वह आरोपी हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तब से लगातार जेल में है। सरकारी नौकरी लगने के बाद परिवार जो सपने देख रहा था वह सब मिट्टी में मिल गए। सरकारी नौकरी लगने के बाद भी विपुल जेल में बंद है।
मां-बाप और तीनों बेटे जेल में
अब बात करते हैं विकास दुबे के पड़ोसी रमेश चंद्र की। विकास के पड़ोसी होने के नाते काफी करीबी रहे। हालांकि, इनका विकास के साथ अपराध में कभी नाम नहीं आया। गांव के लोग बताते हैं कि इनका अपराध की दुनिया से कोई नाता नहीं रहा। इन पर कभी कोई एफआईआर नहीं हुई लेकि न बिकरू कांड के बाद इस परिवार पर संकट आ गया। रमेश चंद्र इनकी पत्नी शांती देवी, तीनों बेटे धर्मेंद्र उर्फ हीरू, बीरेंद्र उर्फ बीरू, धीरेंद्र उर्फ धीरू मिलाकर सभी पांच सदस्य जेल में हैं। सभी बिकरू कांड में आरोपी हैं। हालाकि गैंगस्टर के मामले में आए फैसले में रमेश चंद्र दोषमुक्त हो गए हैं पर मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं।