Bihar News: शाही लीची की मिठास पर मौसम की मार, मुजफ्फरपुर के सैकड़ों किसान निराश h3>
मौसम में बदलाव को लेकर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के फल वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इस बार लीची के फटने की समस्या देखी जा रही है। इसका कारण मौसम में बदलाव है। उन्होंने कहा कि जब मिट्टी में नमी कम हो जाती है और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे बोरॉन की कमी हो जाती है, तब तेज धूप का असर फलों पर पड़ता है और फल फटने लगते हैं। डॉ. सुनील ने बताया कि इसका आसान उपाय यह है कि फल लगने के 15 से 20 दिन बाद 0.4% बोरॉन या बोरेक्स को पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा टीसू बैग का भी इस्तेमाल करें, जिससे फलों के गुच्छों को ढक दिया जाए ताकि तेज धूप सीधे उन पर न पड़े। इससे फल सुरक्षित रहते हैं। उन्होंने बताया कि कई किसान इस उपाय को अपनाकर अच्छा लाभ पा रहे हैं।
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मौसम में बदलाव को लेकर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के फल वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इस बार लीची के फटने की समस्या देखी जा रही है। इसका कारण मौसम में बदलाव है। उन्होंने कहा कि जब मिट्टी में नमी कम हो जाती है और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे बोरॉन की कमी हो जाती है, तब तेज धूप का असर फलों पर पड़ता है और फल फटने लगते हैं। डॉ. सुनील ने बताया कि इसका आसान उपाय यह है कि फल लगने के 15 से 20 दिन बाद 0.4% बोरॉन या बोरेक्स को पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा टीसू बैग का भी इस्तेमाल करें, जिससे फलों के गुच्छों को ढक दिया जाए ताकि तेज धूप सीधे उन पर न पड़े। इससे फल सुरक्षित रहते हैं। उन्होंने बताया कि कई किसान इस उपाय को अपनाकर अच्छा लाभ पा रहे हैं।