जाति जनगणना की केद्र के द्वारा घोषणा किये जाने के बाद अब जाति जनगणना पर ही राजनीति होने लगी। बुधवार को नेता प्रतिपक्ष ने इसे अपनी जीत बताई थी वहीं आज गुरूवार को जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के द्वारा कराए गये जाति जनगणना पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि जातीय जनगणना जरूरी है, इससे समाज को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा होगा। लेकिन सरकार ने जिस तरीके से जाति गणना करायी है, वह बिल्कुल सही नहीं है।
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जाति जनगणना से सहमत, फिर भी जताया असंतोष
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर जन संवाद यात्रा’ के दौरान भागलपुर पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य सरकार के जातीय जनगणना प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जनसुराज पार्टी भी जातिगत जनगणना का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी कई बार इसकी आवश्यकता पर जोर दे चुके हैं। हालांकि, उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि यह जनगणना अधूरी, अपारदर्शी तरीके से की गई है। इस प्रक्रिया से समाज की असली तस्वीर सामने नहीं आ पाएगी। मैंने पहले भी कहा था कि जातीय जनगणना जरूरी है, इससे समाज को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा होगा। लेकिन सरकार ने जिस तरीके से यह गणना करायी है, वह बिल्कुल सही नहीं है।
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लालू यादव युग समाप्त, तेजस्वी भी ले लें ट्यूशन
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर भी खूब बोले। उन्होंने कहा कि बिहार में लालू यादव का राजनीतिक युग समाप्त हो चुंका है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी तंज कसा। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि उनको समाजवाद की असली समझ नहीं है। उनको अच्छे ज्ञान व पढ़ाई के लिए ट्यूशन लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए शिक्षा और ईमानदार व पारदर्शी सरकार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का विस्तार एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के बाद ही बिहार विकास के पथ पर अग्रसर हो पाएगा। आज भ्रष्टाचार पूरे राज्य में फैला हुआ है। इससे भागलपुर भी अछूता नहीं है।
नीतिश कुमार खुद अस्वस्थ है
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह किसी सेवा में शामिल होने से पहले मेडिकल जांच जरूरी होती है, वैसे ही राज्य के मुख्यमंत्री का भी स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य होना चाहिए। बिहार के 13 करोड़ जनता की जिम्मेदारी एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में है, जिनका स्वास्थ्य खुद संदेह के घेरे में है।
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