लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर महागठबंधन का दरवाजा खटखटाना वाले पशुपति कुमार पारस एक बार फिर एनडीए छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में भी किसी से समझौता नहीं हो पाया है इसीलिए अब वह सभी 243 सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी का उम्मीदवार उतरेंगे।
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दलित पार्टी होने की वजह से किया गया अनुचित व्यवहार
पशुपति कुमार पारस ने एनडीए पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 2014 से लेकर अब तक मैं एनडीए के साथ एक वफादार सहयोगी बनकर रहा, लेकिन दलित पार्टी होने की वजह से मेरे साथ अनुचित व्यवहार किया गया। इसलिए अब मैंने एनडीए का साथ छोड़ने का निर्णय ले लिया हूं। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन उचित सम्मान और उपयुक्त पद देगा, तो आरएलजेपी आने वाले समय में उनके साथ शामिल होने पर विचार कर सकती है। पशुपति कुमार पारस ने यह भी कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं बिहार विधान सभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी का उम्मीदवार उतारूंगा।
पिछले गेट से छिपकर मिलने पहुंचे थे राबड़ी आवास
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस 14 जनवरी को अंधेरा होने के बाद पिछली गेट से राबड़ी आवास पहुंचे थे। छिप-छिपकर जाने के बाद भी पत्रकारों की नजर से वह बच नहीं पाए। राबड़ी आवास में करीब आधे घंटे तक वह गुट के नेताओं के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से बातचीत की। इस मुलाक़ात में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के साथ-साथ समस्तीपुर के पूर्व सांसद प्रिंस राज समेत पार्टी के कई नेता भी शामिल हुए। जब पत्रकारों ने पूछा तो बिना जवाब दिए वहां से खुद को बचते-बचाते निकल गये।
पत्रकारों के इस सवाल पर भड़क गये थे पशुपति पारस
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस से जब पत्रकारों ने राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात के संबंध में पूछा तो पत्रकारों के सवाल पर पशुपति पारस भड़क गये। उन्होंने कहा कि उनके पास जाना कोई अपराध है क्या? उनसे हमलोगों का पुराना नाता है। दरअसल राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पशुपति कुमार पारस ने महागठबंधन में भी शामिल होने की कोशिश की, लेकिन राजद से कोई सटीक जवाब नहीं आया।