Bihar Assembly Elections: बिहार चुनाव में फिर उतरेगी ओवैसी की पार्टी, सीमांचल पर रहेगा AIMIM का खास फोकस

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Bihar Assembly Elections:  बिहार चुनाव में फिर उतरेगी ओवैसी की पार्टी, सीमांचल पर रहेगा AIMIM का खास फोकस

Bihar Assembly Elections: बिहार चुनाव में फिर उतरेगी ओवैसी की पार्टी, सीमांचल पर रहेगा AIMIM का खास फोकस

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राज्यभर में सियासी गर्माहट अपने चरम पर है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी भी तेज कर दी है। इसी बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार एक बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेगी। ओवैसी ने बताया कि पार्टी ने बहादुरगंज सीट से उम्मीदवार की घोषणा भी कर दी है और इस बार उनका पूरा ध्यान सीमांचल क्षेत्र पर रहेगा।

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बिहार में मजबूती से लड़ेंगे चुनाव- ओवैसी

अपने एलान में ओवैसी ने कहा कि हम बिहार चुनाव लड़ेंगे, जिसके लिए हमने बहादुरगंज से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। आगे उन्होंने अपने बिहार दौरे को लेकर कहा कि मैं 3 मई को बहादुरगंज और 4 मई को एक अन्य स्थान पर जनसभा करूंगा। ओवैसी ने आगे कहा कि हम मजबूती से लड़ेंगे और हमारे उम्मीदवार पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। सीमांचल की जनता उन्हें सबक सिखाएगी जिन्होंने हमारे विधायक छीन लिए।

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बिहार में एआईएमआईएम का प्रदर्शन, एक नजर

गौरतलब है कि 2020 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सीमांचल की मुस्लिम बहुल पांच सीटें जीती थीं। लेकिन 2022 में चार विधायक राजद में शामिल हो गए, जिससे पार्टी के पास सिर्फ एक विधायक बचा। याद रहे कि एआईएमआईएम ने 2015 में अख्तरुल इमान के नेतृत्व में बिहार में अपनी शुरुआत की थी और 2020 में उसे सफलता भी मिली। अब पार्टी दोबारा अपना आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

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कांग्रेस-राजद के गठबंधन पर भाजपा का हमला

वहीं दूसरी ओर बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने कांग्रेस और राजद के गठबंधन को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बेमेल गठबंधन है और दोनों पार्टियां एक-दूसरे का कद घटाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राजद कभी नहीं चाहेगा कि कांग्रेस बिहार में मजबूत हो और कांग्रेस चाहती है कि वह राजद से बड़ी बने। दोनों के बीच एक तरह का ‘छुपा-छुपी का खेल’ चल रहा है।

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