बिहार के मुजफ्फरपुर में एक अनोखी शादी चर्चा का केंद्र बन गई, जहां श्रीलंका से आए विदेशी दूल्हे ने भारतीय दुल्हन संग सात फेरे लिए। इस बहुचर्चित शादी ने न सिर्फ दो दिलों को मिलाया, बल्कि दो देशों की संस्कृतियों को भी करीब ला दिया।
श्रीलंका के किसलय एकनायके और मुजफ्फरपुर की रुचिका किशोर की प्रेम कहानी कोलंबो यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान शुरू हुई थी। कोविड-19 के मुश्किल दौर में दोनों की दोस्ती और भी गहरी हो गई और उन्होंने साथ जीने-मरने का संकल्प ले लिया। अब दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह कर अपने रिश्ते को वैवाहिक बंधन में बदल लिया।
शादी समारोह मुजफ्फरपुर के बेला इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 में धूमधाम से संपन्न हुआ। विदेशी बारातियों का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया गया। शादी में मिथिला की समृद्ध संस्कृति की झलक साफ दिखाई दी, जिसे देख श्रीलंकाई मेहमान भी अभिभूत हो उठे।
भारतीय संस्कृति से प्रभावित हुए श्रीलंकाई बाराती
किसलय के पिता अरुण एकनायके ने कहा कि भारत की संस्कृति को आज बेहद करीब से देखा और समझा। यह देश सचमुच अद्भुत है। यहां का आतिथ्य और सम्मान हमारे लिए अविस्मरणीय है। ऐसा लग रहा है जैसे हम श्रीलंका में नहीं बल्कि अपने ही घर में हैं। दूल्हा बने किसलय ने भी अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा कि भारत आकर शादी करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यहां के रीति-रिवाज और प्रेम ने हमें ऊर्जा से भर दिया है। कोविड के समय हम करीब आए थे और तभी तय कर लिया था कि हम जीवनभर साथ रहेंगे।
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दो परिवार नहीं, दो देश हुए एक
दुल्हन रुचिका किशोर ने बताया कि दोनों की मुलाकात पढ़ाई के दौरान हुई थी और धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई। उन्होंने कहा, “हमारी शादी केवल दो लोगों का मिलन नहीं है, बल्कि दो संस्कृतियों और दो देशों का भी संगम है। हमें गर्व है कि हमने अपनी परंपरा के अनुसार विवाह किया और अपने परिवारों का आशीर्वाद पाया। रुचिका के चाचा देवांशु किशोर ने कहा, “हम मिथिला के लोग हैं और हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है। भारत और लंका के संबंध रामायण काल से जुड़े हैं। आज इस शादी ने एक बार फिर इन ऐतिहासिक रिश्तों को जीवंत कर दिया है।