भारतीय वायुसेना के चीफ इंजीनियर सतेंद्र नारायण मिश्र की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मूल रूप से रोहतास जिले के कोचस प्रखंड के हरनाथपुर गांव के निवासी अधिकारी की हत्या की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया। उनके पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया और ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हत्या की वारदात के बाद प्रयागराज पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और अपराधियों की तलाश की जा रही है।
तिरंगे में लिपटा शव पहुंचते ही मचा कोहराम
भारतीय वायुसेना में चीफ इंजीनियर पद पर कार्यरत सतेंद्र नारायण मिश्र प्रयागराज के हाई-सिक्योरिटी क्षेत्र में स्थित एयरफोर्स ऑफिसर्स कॉलोनी में रहते थे। वे हाल ही में गांव आए थे और 25 मार्च को ड्यूटी के लिए प्रयागराज लौटे थे। लेकिन ड्यूटी पर लौटने के महज तीन दिन बाद ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। रविवार को जब तिरंगे में लिपटा हुआ उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। परिवार के सदस्यों के साथ पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े।
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वायुसेना ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर दी श्रद्धांजलि
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर दिवंगत अधिकारी को अंतिम विदाई दी। वायुसेना के विशेष वाहन से उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया, जहां सेना के जवानों ने सलामी दी और सैन्य परंपरा के अनुसार मातमी धुन बजाई गई। अंतिम दर्शन के बाद परिजन शव को लेकर वाराणसी के मणिकर्णिका घाट के लिए रवाना हुए, जहां पूरे विधि-विधान और सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
घर के दरवाजे पर मारी गई थी गोली
मृतक अधिकारी के पिता हरि गोविंद मिश्र सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार तड़के करीब 3:30 बजे कुछ नकाबपोश अपराधी उनके बेटे के घर के दरवाजे पर आए और अचानक गोली चला दी। गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद प्रयागराज पुलिस जांच में जुटी हुई है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि हत्या के पीछे व्यक्तिगत दुश्मनी, लूटपाट या कोई अन्य साजिश है।
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सरकारी नौकरी छोड़कर बने थे वायुसेना में अधिकारी
स्वभाव से शांत और मिलनसार सतेंद्र नारायण मिश्र हमेशा अपने गांव और समाज के लोगों से जुड़े रहे। उनके पिता ने बताया कि वे पढ़ाई में बचपन से ही अव्वल थे। उन्होंने कोचस से मैट्रिक, वाराणसी से आईएससी और मुजफ्फरपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। पहले उनका चयन सिंचाई विभाग में एसडीओ के पद पर हुआ था, लेकिन वहां नौकरी रास नहीं आई। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग सर्विस कमिशन की परीक्षा पास कर भारतीय वायुसेना में चीफ इंजीनियर का पद हासिल किया।
परिजनों ने की न्याय की मांग
परिवार और ग्रामीणों ने सरकार से दोषियों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है और सभी को न्याय की उम्मीद है। वहीं, प्रयागराज पुलिस भी जांच में जुटी है और अपराधियों को जल्द पकड़ने का दावा कर रही है।