Bihar: आठवीं के छात्र की लिखी किताब पढ़कर राज्यपाल दंग, बोले- यह शैक्षणिक वातावरण में नई ऊर्जा का संचार करती है h3>
“हमारे यहां अनेक महापुरूष हुए जिनके बाल्यकाल में ही चेतना का इतना अधिक विस्तार हुआ कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। आदि शंकराचार्य ने काफी कम उम्र में ही अपने गुरू को अपना परिचय छह छंदों की संस्कृत में रचना करते हुए ‘चिदानन्द रूपः शिवोऽहम शिवोऽहम्’ के रूप में दिया था।” उक्त बातें बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही। दरअसल, राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल ने आठवीं कक्षा के छात्र आरव श्रीवास्तव की अंग्रेजी उपन्यास “The Enveloped – Mystery of Dark Power” का लोकार्पण किया। वह आठवीं कक्षा के छात्र की किताब पढ़कर हैरान रह गए। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस उपन्यास का लोकार्पण कर मुझे प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने इसे आरव की चेतना के उत्कर्ष के रूप में देखा। उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे यहां अनेक महापुरूष हुए हैं, जिनकी बाल्यकाल में ही चेतना का विस्तार हुआ। उन्होंने आदि शंकराचार्य का उल्लेख किया, जिन्होंने कम उम्र में ही अपने गुरु को छंदों में अपना परिचय दिया था।
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“हमारे यहां अनेक महापुरूष हुए जिनके बाल्यकाल में ही चेतना का इतना अधिक विस्तार हुआ कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। आदि शंकराचार्य ने काफी कम उम्र में ही अपने गुरू को अपना परिचय छह छंदों की संस्कृत में रचना करते हुए ‘चिदानन्द रूपः शिवोऽहम शिवोऽहम्’ के रूप में दिया था।” उक्त बातें बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही। दरअसल, राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल ने आठवीं कक्षा के छात्र आरव श्रीवास्तव की अंग्रेजी उपन्यास “The Enveloped – Mystery of Dark Power” का लोकार्पण किया। वह आठवीं कक्षा के छात्र की किताब पढ़कर हैरान रह गए। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस उपन्यास का लोकार्पण कर मुझे प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने इसे आरव की चेतना के उत्कर्ष के रूप में देखा। उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे यहां अनेक महापुरूष हुए हैं, जिनकी बाल्यकाल में ही चेतना का विस्तार हुआ। उन्होंने आदि शंकराचार्य का उल्लेख किया, जिन्होंने कम उम्र में ही अपने गुरु को छंदों में अपना परिचय दिया था।