मोदी के खिलाफ सबसे बड़ी मोर्चेबंदी! डेढ़ दर्जन नेताओं से मिलेंगे पवार, बगैर कांग्रेस कैसे बनेगी बात
हाइलाइट्स:
- बंगाल चुनाव में बीजेपी की हार के बाद विपक्षी दल के नेताओं के बीच हलचल तेज
- कांग्रेस की ओर से आज की बैठक को लेकर अब तक कुछ भी नहीं कहा गया
- विपक्ष का नेता कौन होगा जिसके नाम पर सभी क्षेत्रीय दल सहमत हो जाएं
नई दिल्ली
यह कोई पहला मौका नहीं होगा जब विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चेबंदी की तैयारी हो रही है। 2024 लोकसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन उससे पहले एक बार फिर विपक्षी दल एक जुट होने की कोशिश कर रहे हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुट गए हैं और इसके सूत्रधार बने हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री और हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए यशवंत सिन्हा। इसी कोशिश के तहत आज शरद पवार के आवास पर तीसरा मोर्चा के नेता जुटेंगे लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बिना कांग्रेस विपक्ष कितना मजबूत।
राष्ट्र मंच की ताकत बगैर कांग्रेस कितनी
बंगाल चुनाव में बीजेपी की हार के बाद विपक्षी दलों के नेताओं के बीच हलचल तेज हुई है। ममता बनर्जी ने जीत के बाद विपक्षी दलों के नेताओं को एक साथ आने की बात कही। शरद पवार के आवास पर आज होने वाली बैठक पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के राष्ट्र मंच के तहत बुलाई गई है। हाल ही टीएमसी में शामिल हुए यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ राष्ट्र मंच का गठन किया था लेकिन बड़ा सवाल है कि बिना कांग्रेस राष्ट्र मंच की ताकत बढ़ पाएगी।
पूर्व में राष्ट्र मंच की बैठक में कुछ कांग्रेसी नेता शामिल हो चुके हैं लेकिन आज होने वाली बैठक में कोई कांग्रेसी नेता शामिल नहीं होगा। शरद पवार के नेतृत्व में एक बार फिर तीसरा मोर्चा खड़े होने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस की ओर से इस बैठक को लेकर खुलकर अब तक कुछ भी नहीं कहा गया है। कांग्रेस के किसी बड़े नेता का बयान नहीं सामने आया है और कोई नेता आज की बैठक में शामिल भी नहीं होगा। यानी आज की बैठक भले ही राष्ट्र मंच की है लेकिन इसमें सिर्फ और सिर्फ तीसरा मोर्चा के ही नेता शामिल होंगे।
मैं अभी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता लेकिन यह निश्चित है कि 2024 के चुनाव में गंभीर चुनौती पेश करेंगे। जहां तक नेता कौन होगा इस सवाल में पड़ना नहीं चाहता। 1977 में किसने अगुवाई की… कौन था प्रधानमंत्री का कैंडिडेट। यदि इतिहास उठाकर देखेंगे तो पाएंगे कि कई मौकों पर यहां तक की बीजेपी ने भी कई बार पीएम और सीएम का चेहरा कौन होगा चुनाव पूर्व नहीं निर्धारित किया। देखिए 2024 तक क्या होता है अभी तो 3 साल बाकी है
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा
विपक्ष के सामने एक बार फिर वही सवाल
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करने में तो जुट गए हैं लेकिन कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब फिलहाल नहीं है। यह जरूर है कि अभी इसकी शुरुआत हुई है और आगे चलकर कोई बात बन जाए। यशवंत सिन्हा जैसे पुराने नेता को भी यह बात अच्छी तरह पता होगी कि मोदी विरोधी नीतियों के लिए गठित राष्ट्र मंच के सामने ढेरों सवाल हैं। तीसरा मोर्चा एक बार फिर आकार लेता है तो उसके सामने एक बार फिर वही सवाल होंगे-
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- विपक्ष का नेता कौन होगा जिसके नाम पर सभी क्षेत्रीय दल सहमत हो जाएं।
- लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल के नेता एकजुट हो रहे हैं या राज्यों में भी दिखेगी एकता।
- ममता बनर्जी, शरद पवार या यूपी- बिहार से कोई नेता करेगा विपक्ष की अगुवाई।
- तीसरे मोर्चे के सामने सबसे बड़ा सवाल क्या कांग्रेस करेगी समर्थन।
- सिर्फ मोदी की नीतियों का विरोध या विपक्ष जनता के सामने पेश कर पाएगी कोई एजेंडा
आज की बैठक में आएगा कौन
आज होने वाली बैठक में यशवंत सिन्हा, पवन वर्मा, संजय सिंह, डी राजा, फारूक अब्दुल्ला, केटीएस तुलसी, माजिद मेमन, वंदना चव्हाण, घनश्याम तिवारी, करण थापर, जावेद अख्तर, आशुतोष, एसवाई कुरैशी, अरुण कुमार , केसी सिंह, संजय झा, सुधींद्र कुलकर्णी, कॉलिन गोंजाल्विस और प्रीतीश नंदी शामिल हो सकते हैं। आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि उन्हें आज की बैठक में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिला है लेकिन उन्हें बिहार जाना है जो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है जिसकी वजह से वो शामिल नहीं हो पाएंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान प्रशांत किशोर मौजूद नहीं रहेंगे।
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