BIG NEWS: विधानसभा चुनाव के बिल में मिला 42 लाख का बड़ा गड़बड़झाला ! की गई थी ओवर राइटिंग | Assembly Election 2023 Bill: arbitrary bill was prepared by falsifying the assembly election bill. | News 4 Social h3>
टेंट हाउस का बिल 15 लाख रुपए
एक वेंडर सतना टेंट हाउस तथा दूसरा मे. तिवारी टेंट हाउस रहा। मतदान के बाद ईवीएम सुरक्षा का संपूर्ण काम सतना टेंट हाउस को दिया गया था। इसमें से नागौद विधानसभा का काम मे. तिवारी टेंट हाउस के पास था, लेकिन जब इन कामों के बिल प्रस्तुत किए गए तो सतना टेंट हाउस द्वारा 6 विधानसभाओं का जो बिल प्रस्तुत किया गया वह लगभग 5 लाख रुपए का था जबकि तिवारी टेंट हाउस का बिल 15 लाख रुपए का था। इस बिल में आरओ का सत्यापन भी था। मामला सामने आने के बाद जब कलेक्टर ने जांच समिति गठित की तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। जांच में पाया गया है कि आरओ के सत्यापन में ओवर राइटिंग भी की गई है। इसके सहारे सामग्री के दाम और दरें बढ़ाई हैं।
जांच टीम ने पाया-एरिया में किया खेल
जांच टीम ने पाया कि वेंडर तिवारी टेंट हाउस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो पंडाल लगाए थे उसके एरिया में भी खेल कर दिया था। जितनी जगह नहीं थी उससे ज्यादा के क्षेत्र में पंडाल और कारपेट बिछाने की जानकारी देते हुए ज्यादा राशि की डिमांड की थी। इसी तरह से जहां जनरेटर लगाए नहीं गए थे उसका भी बिल में उल्लेख करते हुए भुगतान मांग लिया था। जांच टीम ने पाया कि इस तरह वेंडर ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है।
यह हुई कटौती
टीम ने दोनों वेंडरों के बिलों में कटौती की है। तिवारी टेंट हाउस के बिलों में 42 लाख रुपए की कटौती की गई है। इसमें नाम निर्देशन पत्र के दौरान किए कामों का बिल इनके द्वारा 11,65,562 रुपए का प्रस्तुत किया गया था जिसमें 5,69,142 रुपए की कटौती की गई है। कमीशनिंग के दौरान किये गए कामों का बिल 4,72,144 रुपए का बिल प्रस्तुत किया गया था जिसमें 2,61,615 रुपए की कटौती की गई। सामग्री वितरण और वापसी के कामों का बिल 34,84,387 रुपए दिया गया था जिसमें 19,79,923 रुपए की कटौती की गई है। ईवीएम सुरक्षा का बिल इसके द्वारा 14,40,909 रुपए का बिल दिया गया था जिसमें शत प्रतिशत कटौती कर दी गई है।
इस तरह तिवारी टेंट हाउस के प्रस्तुत बिल में 42.51 लाख रुपए की कटौती की गई है। वहीं सतना टेंट हाउस द्वारा सामग्री वितरण और वापसी का बिल 30,54,114 रुपए का प्रस्तुत किया गया था, जिसमें 1,00,251 रुपए की कटौती की गई है। इस तरह से टेंट, माइक और शामियाने के कुल 96.17 लाख के बिल में से 43.51 लाख की कटौती की जाकर 52.65 लाख रुपए की राशि भुगतान योग्य मानी गई है।
अनुराग वर्मा, कलेक्टर का कहना है कि जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित वेंडर के बिल में 42 लाख रुपए की कटौती कर दी गई है। आगे से इसें काम नहीं मिले इसे लेकर ब्लैक लिस्ट करने के आदेश किए गए हैं। संबंधित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहे हैं।
टेंट हाउस का बिल 15 लाख रुपए
एक वेंडर सतना टेंट हाउस तथा दूसरा मे. तिवारी टेंट हाउस रहा। मतदान के बाद ईवीएम सुरक्षा का संपूर्ण काम सतना टेंट हाउस को दिया गया था। इसमें से नागौद विधानसभा का काम मे. तिवारी टेंट हाउस के पास था, लेकिन जब इन कामों के बिल प्रस्तुत किए गए तो सतना टेंट हाउस द्वारा 6 विधानसभाओं का जो बिल प्रस्तुत किया गया वह लगभग 5 लाख रुपए का था जबकि तिवारी टेंट हाउस का बिल 15 लाख रुपए का था। इस बिल में आरओ का सत्यापन भी था। मामला सामने आने के बाद जब कलेक्टर ने जांच समिति गठित की तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। जांच में पाया गया है कि आरओ के सत्यापन में ओवर राइटिंग भी की गई है। इसके सहारे सामग्री के दाम और दरें बढ़ाई हैं।
जांच टीम ने पाया-एरिया में किया खेल
जांच टीम ने पाया कि वेंडर तिवारी टेंट हाउस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो पंडाल लगाए थे उसके एरिया में भी खेल कर दिया था। जितनी जगह नहीं थी उससे ज्यादा के क्षेत्र में पंडाल और कारपेट बिछाने की जानकारी देते हुए ज्यादा राशि की डिमांड की थी। इसी तरह से जहां जनरेटर लगाए नहीं गए थे उसका भी बिल में उल्लेख करते हुए भुगतान मांग लिया था। जांच टीम ने पाया कि इस तरह वेंडर ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है।
यह हुई कटौती
टीम ने दोनों वेंडरों के बिलों में कटौती की है। तिवारी टेंट हाउस के बिलों में 42 लाख रुपए की कटौती की गई है। इसमें नाम निर्देशन पत्र के दौरान किए कामों का बिल इनके द्वारा 11,65,562 रुपए का प्रस्तुत किया गया था जिसमें 5,69,142 रुपए की कटौती की गई है। कमीशनिंग के दौरान किये गए कामों का बिल 4,72,144 रुपए का बिल प्रस्तुत किया गया था जिसमें 2,61,615 रुपए की कटौती की गई। सामग्री वितरण और वापसी के कामों का बिल 34,84,387 रुपए दिया गया था जिसमें 19,79,923 रुपए की कटौती की गई है। ईवीएम सुरक्षा का बिल इसके द्वारा 14,40,909 रुपए का बिल दिया गया था जिसमें शत प्रतिशत कटौती कर दी गई है।
इस तरह तिवारी टेंट हाउस के प्रस्तुत बिल में 42.51 लाख रुपए की कटौती की गई है। वहीं सतना टेंट हाउस द्वारा सामग्री वितरण और वापसी का बिल 30,54,114 रुपए का प्रस्तुत किया गया था, जिसमें 1,00,251 रुपए की कटौती की गई है। इस तरह से टेंट, माइक और शामियाने के कुल 96.17 लाख के बिल में से 43.51 लाख की कटौती की जाकर 52.65 लाख रुपए की राशि भुगतान योग्य मानी गई है।
अनुराग वर्मा, कलेक्टर का कहना है कि जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित वेंडर के बिल में 42 लाख रुपए की कटौती कर दी गई है। आगे से इसें काम नहीं मिले इसे लेकर ब्लैक लिस्ट करने के आदेश किए गए हैं। संबंधित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहे हैं।