BHU-PHD मामले में शिक्षा मंत्रालय ने मांगा जवाब: 14 दिनों से शुभम सोनकर का धरना जारी,बोले- 8 बार नेट…दूसरा रैंक फिर भी नहीं हुआ एडमिशन – Varanasi News

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BHU-PHD मामले में शिक्षा मंत्रालय ने मांगा जवाब:  14 दिनों से शुभम सोनकर का धरना जारी,बोले- 8 बार नेट…दूसरा रैंक फिर भी नहीं हुआ एडमिशन – Varanasi News

BHU-PHD मामले में शिक्षा मंत्रालय ने मांगा जवाब: 14 दिनों से शुभम सोनकर का धरना जारी,बोले- 8 बार नेट…दूसरा रैंक फिर भी नहीं हुआ एडमिशन – Varanasi News

बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप पर शिक्षा मंत्रालय ने जवाब तलब किया है। मालवीय सेंटर फॉर पीस में पीएचडी प्रवेश में अनियमितता का आरोप लगाकर छात्र शिवम सोनकर पिछले 14 दिनों से धरने पर बैठा है। बीएचयू से इस प्रकरण में मंत

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PHD में गड़बड़ियां आई है सामने

बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर कई तरह की गड़बड़ियां सामने आईं। सामाजिक समावेशन नीति अध्ययन केंद्र में पीएचडी प्रवेश को लेकर छात्रों ने धरना दिया तो बीएचयू ने अपनी गलती स्वीकारी और सफाई दी। दूसरी तरफ कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठे छात्र शिवम सोनकर के मामले में बीएचयू ने सबकुछ सही होने की बात कही।

VC आवास के बाहर 14 दिनों से खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे शुभम।

जिम्मेदारों को मंत्रालय ने किया है तलब

हालांकि छात्र का मामला संसद तक उठा और विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाया। प्रकरण पर शिक्षा मंत्रालय ने बीएचयू से स्पष्टीकरण तलब किया। उच्चस्तरीय बैठकों के बाद बीएचयू ने जवाब मंत्रालय को भेजा है। परिसर में चर्चा रही कि बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की कमान संभालने वाले सहायक परीक्षा नियंत्रक, कार्यवाहक कुलपति और कुलसचिव को मंत्रालय ने तलब भी किया है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी।

आइए अब जानते हैं शुभम सोनकर ने क्या कहा…

शुभम सोनकर ने कहा – जनरल कैटेगरी में दूसरा स्थान लाने के बाद भी बीएचयू में पीएचडी में दाखिला से वंचित रखा गया है। मेरा आरोप है कि केंद्र के प्रोफेसर उसकी दलित सोनकर जाति के कारण प्रवेश नहीं दे रहे। उन्होंने कहा 8 बार नेट क्वालीफाई परीक्षा पास की और इस बार परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की। जनरल कैटेगरी में दूसरा रैंक पाया आखिर बीएचयू को इससे ज्यादा क्या चाहिए। नियमानुसार खाली सीटों को रेट एग्जम्प्टेड श्रेणी से रेट श्रेणी में स्थानांतरित किया जा सकता है लेकिन बीएचयू ऐसा नहीं कर रहा।

सपा प्रतिनिधि मंडल भी कर चुकी है मुलाकात।

शुभम ने कहा – आज तक कोई प्रशासनिक अधिकारी बात करने नहीं आया। उसके पास सभी दस्तावेज हैं, उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा यह धरना केवल मेरा नहीं देश के हजारों दलित छात्रों की उम्मीद है। जिन्हें इसी तरह की प्रक्रिया के चलते प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है। उन्होंने कहा मैं यहां बैठकर भीख नहीं मांग रहा हूं बल्कि अपना अधिकार मांग रहा हूं बीएचयू को मेरा एडमिशन करना ही होगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन बोला- नहीं हुआ कोई अन्याय

विश्वविद्यालय प्रशासन ने लेटर जारी करते हुए बताया कि छात्र ने RET मेन्स के लिए अप्लाई किया था जिसमें 2 सीट थी। इसमें एक जनरल और एक ओबीसी छात्र को दाखिला दे दिया गया। इनका रैंक दो था इसलिए इनको दाखिला नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि छात्रा का कहना है कि RET EXEMPTED की 3 सीटें खाली है उसे मेन्स में कन्वर्ट करके मेरा दाखिला करा दिया जाये जिससे मेरा एडमिशन हो जाये। लेकिन यह पीएचडी नियमावली में नहीं है। इनका रैंक 2 है इसलिए इसका एडमिशन नहीं हो पाया है।

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